नैनीताल (उत्तराखंड) : उत्तराखंड की 18 वर्षीय युवा क्रिकेटर नीलम भारद्वाज लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक बनाने वाली सबसे कम उम्र की महिला खिलाड़ी बन गई है. उन्होंने अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में सीनियर महिला वनडे ट्रॉफी में नागालैंड पर 259 रनों की जीत हासिल करने में अपनी टीम की मदद की. क्रीज पर टिके रहने और तेजी से रन बनाने की नीलम की क्षमता ने उन्हें क्रिकेटरों के एक विशिष्ट क्लब में अपना नाम दर्ज कराने में मदद की है.
दोहरा शतक जड़कर मचाई सनसनी
नीलम भारद्वाज ने बुधवार, 11 दिसम्बर को 134 बॉल का सामना करते हुए 202 रनों की पारी खेली. इस पारी के दौरान उन्होंने 27 चौके और 2 छक्के लगाए और लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाली भारत की सबसे युवा बल्लेबाज बन गईं.
Double Delight ✌️
— BCCI Women (@BCCIWomen) December 10, 2024
2⃣0⃣2⃣* runs
1⃣3⃣7⃣ balls
2⃣7⃣ fours
2⃣ sixes
Uttarakhand's Neelam Bhardwaj registered the second-highest individual score in Senior Women’s One Day Trophy against Nagaland at Ahmedabad 🔥
Watch 📽️ snippets of her innings 🔽#SWOneday | @IDFCFIRSTBank pic.twitter.com/RhW6uOBHau
अब नीलम भारद्वाज की मां पुष्पा देवी और कोच मोहम्मद इसरार अंसारी ने ईटीवी भारत को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नीलम के संघर्षपूर्ण सफर का खुलासा किया है. 2020 में पिता की मृत्यु के बाद नीलम ने खर्चा चलाने के लिए दूसरों के घर जाकर बर्तन थोए और कई बार बिना कुछ खाए-पिए उन्हें प्रैक्टिस के लिए जाना पड़ा.
पिता ने हादसे में गंवाई जान
नीलम भारद्वाज, नैनीताल जिले के रामनगर रेलवे कॉलोनी में रहती है. नीलम के पिता ने 2020 में प्लाईवुड में काम करने के दौरान एक हादसे में अपनी जान गंवा दी थी, तब से ही उनकी मां घरों में मजदूरी कर घर का खर्चा और नीलम पर होने वाले खर्च को उठाती हैं.
दूसरे के घरों में मां के साथ धोए बर्तन
नीलम भारद्वाज की मां पुष्पा देवी ने बताया कि बचपन से ही उनकी बेटी ने जीवन में बहुत संघर्ष देखा है. उनके पिता की मृत्यु होने के बाद कई बार घर में खाने के लिए भी कुछ नहीं होता था. उस वक्त वह अपनी क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए बिना कुछ खाए पिए भी चली जाती थी. पुष्पा कहती हैं कि कई बार जब वह घरों में बर्तन धोने जाती थी तो नीलम भी उनके साथ बर्तन धोती थी. उन्होंने कहा नीलम के पिता का सपना था कि एक दिन वह हवाई जहाज में यात्रा कर अपनी बेटी का मैच देखने के लिए जरूर जाएंगे.
बेटी का सपना पूरे करने के लिए मां कर रही मजदूरी
नीलम की मां कहती है कि उन्हें आशा है कि आने वाले अंडर-19 वर्ल्ड कप में और महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में उनकी बेटी का सिलेक्शन जरूर होगा, जिससे वह प्रदेश के साथ ही देश का नाम भी रोशन करेगी. उन्होंने बताया कि उनके 4 बच्चे हैं. नीलम से बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. वहीं, 2 बेटे कक्षा सातवीं और नौवीं में पढ़ रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि वह आज भी घरों में बर्तन मजदूरी कर घर की गूजर बसर कर रही हैं और नीलम के सपने पूरे करने के लिए मेहनत कर रही हैं.
U-19 वर्ल्ड कप या WPL में चयन की उम्मीद
लंबे समय से नीलम भारद्वाज को क्रिकेट की बारीकियां सिखा रहे उसके कोच मोहम्मद इसरार अंसारी कहते है कि BCCI के डोमेस्टिक लिस्ट ए मैच अहमदाबाद में चल रहे है. जिसमें नीलम दोहरा शतक जड़ने वाली सिर्फ दूसरी और सबसे युवा भारतीय महिला बनी हैं. इसरार कहते हैं कि उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही दयनीय थी. लेकिन, उसके हुनर को पहचानते हुए मैंने कभी भी उसकी आर्थिक स्थिति को उसके आगे नहीं आने दिया, जिसका नतीजा है कि आज वह कमाल कर पा रही है. कोच इसरार अंसारी को उम्मीद है कि नीलम के प्रदर्शन को देखते हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप 2025 या महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) में उसका चयन किया जाएगा.