नई दिल्ली : दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के मौजूदा अध्यक्ष रोहन जेटली ने मंगलवार को पूर्व भारतीय क्रिकेटर और बर्धमान-दुर्गापुर निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद कीर्ति आजाद को हराकर लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की.
रोहन जेटली ने कीर्ति आजाद को हराया
पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बेटे रोहन को 1577 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी आजाद को 777 वोट मिले. जेटली-सीके खन्ना के गुट के सदस्यों ने अन्य सभी पदों पर कब्जा जमाया. उपाध्यक्ष पद के लिए शिखा कुमार (1246 वोट) ने राकेश कुमार बंसल (536) और सुधीर कुमार अग्रवाल (498) को हराया.
Heartiest congratulations to my friend @rohanjaitley on his re-election as @delhi_cricket President! During his 1st tenure he introduced significant reforms & launched numerous innovative cricket programs.I’m confident his 2nd term will be even more impactful and transformative. pic.twitter.com/UVUHYMOMz6
— Ranjeet Kalra (@RanjeetKalra) December 16, 2024
ऐसा रहा चुनाव का परिणाम
शुरू में सचिव पद के लिए जेटली गुट के अशोक शर्मा और विनोद तिहारा के बीच कड़ी टक्कर थी. हालांकि, जैसे-जैसे दिन आगे बढ़ा, शर्मा बढ़त बनाने में सफल रहे और 893 वोटों के साथ विजयी हुए. वहीं, तिहारा को 744 वोट मिले.
कोषाध्यक्ष पद के लिए हरीश सिंगला ने 1328 वोट हासिल किए, जबकि अमित ग्रोवर संयुक्त सचिव (1189) चुने गए.
निदेशक पद के लिए आनंद वर्मा (985), मंजीत सिंह (1050), नवदीप एम (1034), श्याम शर्मा (1165), तुषार सहगल (926), विकास कत्याल (1054), विक्रम कोहली (939) विजयी हुए.
Rohan Jaitley re-elected as DDCA president pic.twitter.com/1bhcW40VuS
— IANS (@ians_india) December 17, 2024
रोहन जेटली दोबारा बने DDCA अध्यक्ष
बता दें कि, रोहन जेटली को इससे पहले अक्टूबर 2020 में निर्विरोध अध्यक्ष चुना गया था, जब उनके खिलाफ नामांकन दाखिल करने वाले एकमात्र अन्य उम्मीदवार सुनील कुमार गोयल ने चुनाव से पहले ही अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी.
कैसी रही चुनाव की प्रक्रिया ?
डीडीसीए चुनाव 13, 14 और 15 दिसंबर को आयोजित किए गए, जिसमें कुल 3748 सदस्य मतदाता थे. इनमें से 2412 सदस्यों ने वोट डालने का फैसला किया. यह चुनाव 3 पैनलों के बीच हुआ, जिसमें एक पैनल रोहन जेटली का था जो मौजूदा अध्यक्ष हैं, दूसरा पैनल कीर्ति आजाद का था, और तीसरा पैनल विनोद तिहारा का था. हालांकि डीडीसीए में कुल 4200 सदस्य थे, लेकिन 449 सदस्यों ने वोट डालने के लिए अपना वेरिफिकेशन नहीं कराया, जिसके कारण वे मतदान में भाग नहीं ले सके.