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बजरंग पुनिया ने WFI का निलंबन रद्द करने के लिए UWW को लिखा खुला पत्र

भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने एक बड़ा कदम उठाया है. उन्होंने यूडब्ल्यूडब्ल्यू को एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने अपनी सारी शिकायतों का ब्योरा दिया है, जो डब्ल्यूएफआई के खिलाफ हैं.

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By IANS

Published : Feb 15, 2024, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने गुरुवार को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें विश्व कुश्ती संस्था से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई. एक पत्र में पुनिया ने लिखा कि डब्ल्यूएफआई पर निलंबन हटाने के फैसले ने डब्ल्यूएफआई सदस्यों द्वारा पहलवानों को फिर से खतरे में डाल दिया है. खेल की वैश्विक नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को डब्ल्यूएफआई को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था.

भारतीय संस्था तय समय पर चुनाव कराने में विफल रही थी. हालांकि, यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से निलंबन हटाने का फैसला किया. यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो ने अन्य विषयों के अलावा निलंबन की समीक्षा करने के लिए 9 फरवरी को बैठक की और सभी तत्वों और सूचनाओं पर विचार करते हुए इस शर्त के तहत निलंबन हटाने का निर्णय लिया कि डब्ल्यूएफआई को तुरंत यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखित गारंटी प्रदान करनी होगी कि सभी पहलवानों पर डब्ल्यूएफआई आयोजनों में कोई भेदभाव किये बिना भागीदारी के लिए विचार किया जाएगा.

यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखे एक पत्र में पुनिया ने लिखा, 'इस फैसले ने भारतीय पहलवानों को फिर से डब्ल्यूएफआई सदस्यों द्वारा धमकी और उत्पीड़न के अधीन कर दिया है. यह आपके ध्यान में लाना है कि इस डब्ल्यूएफआई को युवा और खेल मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर 2023 को निलंबित कर दिया गया था. कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के बाद गंभीर विसंगतियों के कारण खेल मंत्रालय ने कुश्ती गतिविधियों की देखरेख और संचालन के लिए एक तदर्थ समिति का भी गठन किया'.

Bajrang Punia
Bajrang Punia

इसके बाद भी निलंबित डब्ल्यूएफआई सदस्यों ने उसी नेतृत्व में खेल मंत्रालयों से बिना किसी मान्यता के खेल गतिविधियों का संचालन करने के लिए कठोर निर्णय लिए. पूरे भारत में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज में विश्वास खो दिया है. इस वजह से खेल मंत्रालय ने कठोर कदम उठाए और 7 जनवरी 2024 को एक सर्कुलर जारी किया. इसके बाद भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से पहलवानों और तदर्थ समिति के खिलाफ बयान जारी किए हैं. इस निर्वाचित निकाय को अभी भी वही व्यक्ति और उनके सहयोगी चला रहे हैं जिन्होंने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और खेल मंत्रालय ने भी निकाय को निलंबित करते समय इसे ध्यान में रखा था.

आपके संदर्भ के लिए हमने उल्लिखित पत्र संलग्न किए हैं. हम पहलवान आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया विभिन्न तरीकों से अनुचित प्रथाओं और उत्पीड़न के खिलाफ भारतीय एथलीटों का समर्थन करें. भारतीय पहलवान न्याय और निष्पक्ष और सुरक्षित खेल के अपने अधिकारों के लिए आपकी ओर देख रहे हैं. बुधवार को पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने यूडब्लूडब्लू द्वारा डब्ल्यूएफआई पर लगे निलंबन को हटाने के लिए गुप्त रणनीति का इस्तेमाल किया.

ये खबर भी पढ़ें : शिखर धवन ने वैलेंटाइन डे पर दिया बड़ा ज्ञान, शादीशुदा लोगों के आएगा बहुत काम

नई दिल्ली: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान बजरंग पुनिया ने गुरुवार को यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) को एक खुला पत्र लिखा है. इसमें विश्व कुश्ती संस्था से भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की गई. एक पत्र में पुनिया ने लिखा कि डब्ल्यूएफआई पर निलंबन हटाने के फैसले ने डब्ल्यूएफआई सदस्यों द्वारा पहलवानों को फिर से खतरे में डाल दिया है. खेल की वैश्विक नियामक संस्था यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने पिछले साल 23 अगस्त को डब्ल्यूएफआई को अस्थायी तौर पर निलंबित कर दिया था.

भारतीय संस्था तय समय पर चुनाव कराने में विफल रही थी. हालांकि, यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने मंगलवार को तत्काल प्रभाव से निलंबन हटाने का फैसला किया. यूडब्ल्यूडब्ल्यू ब्यूरो ने अन्य विषयों के अलावा निलंबन की समीक्षा करने के लिए 9 फरवरी को बैठक की और सभी तत्वों और सूचनाओं पर विचार करते हुए इस शर्त के तहत निलंबन हटाने का निर्णय लिया कि डब्ल्यूएफआई को तुरंत यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखित गारंटी प्रदान करनी होगी कि सभी पहलवानों पर डब्ल्यूएफआई आयोजनों में कोई भेदभाव किये बिना भागीदारी के लिए विचार किया जाएगा.

यूडब्ल्यूडब्ल्यू को लिखे एक पत्र में पुनिया ने लिखा, 'इस फैसले ने भारतीय पहलवानों को फिर से डब्ल्यूएफआई सदस्यों द्वारा धमकी और उत्पीड़न के अधीन कर दिया है. यह आपके ध्यान में लाना है कि इस डब्ल्यूएफआई को युवा और खेल मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर 2023 को निलंबित कर दिया गया था. कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के बाद गंभीर विसंगतियों के कारण खेल मंत्रालय ने कुश्ती गतिविधियों की देखरेख और संचालन के लिए एक तदर्थ समिति का भी गठन किया'.

Bajrang Punia
Bajrang Punia

इसके बाद भी निलंबित डब्ल्यूएफआई सदस्यों ने उसी नेतृत्व में खेल मंत्रालयों से बिना किसी मान्यता के खेल गतिविधियों का संचालन करने के लिए कठोर निर्णय लिए. पूरे भारत में पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ के कामकाज में विश्वास खो दिया है. इस वजह से खेल मंत्रालय ने कठोर कदम उठाए और 7 जनवरी 2024 को एक सर्कुलर जारी किया. इसके बाद भी उन्होंने सार्वजनिक रूप से पहलवानों और तदर्थ समिति के खिलाफ बयान जारी किए हैं. इस निर्वाचित निकाय को अभी भी वही व्यक्ति और उनके सहयोगी चला रहे हैं जिन्होंने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और खेल मंत्रालय ने भी निकाय को निलंबित करते समय इसे ध्यान में रखा था.

आपके संदर्भ के लिए हमने उल्लिखित पत्र संलग्न किए हैं. हम पहलवान आपसे अनुरोध करते हैं कि कृपया विभिन्न तरीकों से अनुचित प्रथाओं और उत्पीड़न के खिलाफ भारतीय एथलीटों का समर्थन करें. भारतीय पहलवान न्याय और निष्पक्ष और सुरक्षित खेल के अपने अधिकारों के लिए आपकी ओर देख रहे हैं. बुधवार को पूर्व पहलवान साक्षी मलिक ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख संजय सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने यूडब्लूडब्लू द्वारा डब्ल्यूएफआई पर लगे निलंबन को हटाने के लिए गुप्त रणनीति का इस्तेमाल किया.

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