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डी गुकेश और कोनेरू हम्पी को मिला बंपर कैश प्राइज, चेस फेडरेशन ने किया सम्मानित - D GUKESH CASH PRIZE

सबसे युवा विश्व चैंपियन डोमराजू गुकेश और विश्व रैपिड शतरंज चैंपियन कोनेरू हम्पी को अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने नकद पुरस्कार दिए हैं.

D Gukesh
डी गुकेश (IANS Photo)
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By ETV Bharat Sports Team

Published : Jan 17, 2025, 3:07 PM IST

नई दिल्ली : अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) ने विश्व चैंपियन गुकेश डोमराजू को सम्मानित किया, जो यह खिताब जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए हैं. शतरंज का बादशाह बनने के लिए गुकेश ने पिछले दिसंबर में सिंगापुर में आयोजित 14 मैचों के नाटकीय मुकाबले में चीन के डिंग लिरेन को हराया था.

गुकेश को ₹1 करोड़ कैश प्राइज
18 वर्षीय गुकेश 5 बार के चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बाद प्रतिष्ठित विश्व खिताब जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं. इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान करने के लिए, AICF ने गुकेश के लिए ₹1 करोड़ और उनकी सहयोगी टीम के लिए ₹50 लाख के नकद पुरस्कार की घोषणा की.

कोनेरू को ₹50 लाख का पुरस्कार
AICF ने भारत की नंबर 1 महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को भी सम्मानित किया, जिन्होंने हाल ही में 2024 FIDE महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती है. यह दूसरी बार था जब उन्होंने विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जीती. 37 वर्षीय कोनेरू ने इरेन सुकंदर को हराकर खिताब जीता.

कोनेरू को ₹50 लाख का पुरस्कार दिया गया, जबकि 2024 FIDE विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली रमेशबाबू को भी ₹20 लाख का पुरस्कार दिया गया.

भारतीय शतरंज के लिए 2024 रहा खास
भारतीय ग्रैंडमास्टर्स की ये अविश्वसनीय जीत भारतीय शतरंज के स्वर्णिम युग की शुरुआत करती है. 2024 में, भारतीय ग्रैंडमास्टर्स शतरंज की दुनिया में छाए रहे. उन्होंने हंगरी में आयोजित FIDE शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतकर एक शानदार जीत दर्ज की, जिसके बाद AICF ने विजेताओं को ₹3.2 करोड़ की नकद राशि से पुरस्कृत किया.

2025 और भी बेहतर होगा: गुकेश
अपनी अविश्वसनीय सफलता के लिए पहचाने जाने पर भावुक गुकेश ने कहा, '2024 शतरंज के लिए एक बड़ा साल था. हमें प्रशंसकों, मीडिया और महासंघ से बहुत सपोर्ट मिला. हमने कई पुरस्कार जीते और निरंतर समर्थन के साथ, हम कई खिलाड़ियों को शतरंज खेलते हुए और अधिक पदक जीतते हुए देखेंगे. मुझे यकीन है कि 2025 और भी बेहतर होगा'.

यह गर्व का पल है: कोनेरू
हंपी ने भी महासंघ के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, 'यह हमारे लिए गर्व का पल है, यह पदक हमारी मातृभूमि का है. मैं खुद को धन्य महसूस करती हूं कि एआईसीएफ ने हमारी प्रतिभा और कड़ी मेहनत को पहचाना है. हम ज्यादातर समय क्रिकेट को एक प्रमुख खेल के रूप में देखते हैं. हमारे देश में बहुत प्रतिभा है और युवा अपनी पहचान बनाने के लिए उत्सुक हैं. हम देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए आगे बढ़ रहे हैं'.

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गुकेश को ₹1 करोड़ कैश प्राइज
18 वर्षीय गुकेश 5 बार के चैंपियन विश्वनाथन आनंद के बाद प्रतिष्ठित विश्व खिताब जीतने वाले केवल दूसरे भारतीय हैं. इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सम्मान करने के लिए, AICF ने गुकेश के लिए ₹1 करोड़ और उनकी सहयोगी टीम के लिए ₹50 लाख के नकद पुरस्कार की घोषणा की.

कोनेरू को ₹50 लाख का पुरस्कार
AICF ने भारत की नंबर 1 महिला शतरंज खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को भी सम्मानित किया, जिन्होंने हाल ही में 2024 FIDE महिला विश्व रैपिड शतरंज चैंपियनशिप जीती है. यह दूसरी बार था जब उन्होंने विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जीती. 37 वर्षीय कोनेरू ने इरेन सुकंदर को हराकर खिताब जीता.

कोनेरू को ₹50 लाख का पुरस्कार दिया गया, जबकि 2024 FIDE विश्व ब्लिट्ज शतरंज चैंपियनशिप के महिला वर्ग में कांस्य पदक जीतने वाली आर वैशाली रमेशबाबू को भी ₹20 लाख का पुरस्कार दिया गया.

भारतीय शतरंज के लिए 2024 रहा खास
भारतीय ग्रैंडमास्टर्स की ये अविश्वसनीय जीत भारतीय शतरंज के स्वर्णिम युग की शुरुआत करती है. 2024 में, भारतीय ग्रैंडमास्टर्स शतरंज की दुनिया में छाए रहे. उन्होंने हंगरी में आयोजित FIDE शतरंज ओलंपियाड में स्वर्ण जीतकर एक शानदार जीत दर्ज की, जिसके बाद AICF ने विजेताओं को ₹3.2 करोड़ की नकद राशि से पुरस्कृत किया.

2025 और भी बेहतर होगा: गुकेश
अपनी अविश्वसनीय सफलता के लिए पहचाने जाने पर भावुक गुकेश ने कहा, '2024 शतरंज के लिए एक बड़ा साल था. हमें प्रशंसकों, मीडिया और महासंघ से बहुत सपोर्ट मिला. हमने कई पुरस्कार जीते और निरंतर समर्थन के साथ, हम कई खिलाड़ियों को शतरंज खेलते हुए और अधिक पदक जीतते हुए देखेंगे. मुझे यकीन है कि 2025 और भी बेहतर होगा'.

यह गर्व का पल है: कोनेरू
हंपी ने भी महासंघ के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा, 'यह हमारे लिए गर्व का पल है, यह पदक हमारी मातृभूमि का है. मैं खुद को धन्य महसूस करती हूं कि एआईसीएफ ने हमारी प्रतिभा और कड़ी मेहनत को पहचाना है. हम ज्यादातर समय क्रिकेट को एक प्रमुख खेल के रूप में देखते हैं. हमारे देश में बहुत प्रतिभा है और युवा अपनी पहचान बनाने के लिए उत्सुक हैं. हम देश के लिए और अधिक पदक जीतने के लिए आगे बढ़ रहे हैं'.

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