हैदराबाद: घर में वास्तु दोष को दूर करने और जीवन में सुख-समृद्धि लाने के लिए वास्तु शास्त्र के अनुसार कई उपाय बताए गए हैं. इंसानों के जीवन में पेड़ों का काफी महत्व होता है. कुछ लोगों को पौधे इतने पसंद होते हैं कि वे इन्हें घर में कहीं भी लगा देते हैं. लेकिन वास्तु शास्त्र में पेड़-पौधे लगाने की सही दिशा के बारे में जानकारी दी गई है. इस बारे में ETV भारत से बात करते हुए ज्योतिषाचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री जी ने कई पॉइंट्स बताए हैं. आइए जानते हैं…
यह गलती परिवार पर ना पड़ जाए भारी
ज्यादातर लोगों के घर के पास ही किचन गार्डन होता है. उनके किचन गार्डन में लगाई जाने वाली चीजों में से एक होती है करी पत्ता. आज जानेंगे कि करी पत्ता के पौधे को घर में लगाने की सही दिशा क्या है. क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार करी पत्ता लगाने में कुछ सावधानी बरतनी चाहिए. करी पत्ते को सही दिशा में लगाना न केवल पौधे के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. वास्तु शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि इससे परिवार में समृद्धि आती है. अगर इसे सही दिशा में न लगाया जाए तो यह घर को नुकसान भी पहुंचा सकता है.
पश्चिम दिशा सर्वोत्तम
घर में करी पत्ता लगाने के लिए घर की पश्चिम दिशा सर्वोत्तम होती है. वास्तु शास्त्र विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इसे सही दिशा में नहीं लगाया गया तो घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश कर सकती है. इससे आर्थिक और पारिवारिक परेशानियां हो सकती हैं. करी पत्ते को सही दिशा में लगाने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. मां लक्ष्मी की कृपा से घर में समृद्धि और खुशहाली आती है.
परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े का बन सकता है कारण
सही दिशा में रोपण करते समय करी पत्ते की सुरक्षा के लिए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी हैं. क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि अगर करी पत्ता सूख जाए या सड़ जाए तो इसका असर परिवार के सदस्यों पर होता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह परिवार के सदस्यों के बीच झगड़े, आर्थिक संकट या अन्य समस्याओं की ओर इशारा करता है.
यह गलती बना देगा आपको गरीब
करी पत्ते को स्वस्थ रूप से विकसित करने और कीटों के संक्रमण से बचने के लिए उचित देखभाल की आवश्यकता होती है. इसके अलावा, संक्रमण का पता चलते ही उस हिस्से को हटा देना चाहिए. करी पत्ते के बगल में अन्य पौधे न लगाएं. इमली का पेड़ और करी पत्ता एक साथ न उगायें. क्योंकि इससे घर की आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ेगा. हालांकि यह जानकारी केवल वास्तु शास्त्र पर आधारित है. इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है.
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