हैदराबाद : हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत विशेष महत्व रखता है. एकादशी का व्रत प्रत्येक महीने दो बार किया जाता है. पहला व्रत शुक्ल पक्ष की एकादशी एवं दूसरा व्रत कृष्ण पक्ष की एकादशी को किया जाता है. वैशाख कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. पंचांग के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 3 मई को रात 11:23 पर होगी और एकादशी तिथि का समापन 4 मई को रात 8:39 पर होगा. Varuthini Ekadashi का व्रत 4 मई दिन शनिवार को है. पंडित विश्वनाथ के अनुसार वरुथिनी एकादशी व्रत का पारण (व्रत तोड़ने का) समय 05:37 AM से 08:17 AM तक है.
ऐसी मान्यता है कि वरुथिनी एकादशी के दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है एवं जीवन सुखपूर्वक बीतता है व मोक्ष की प्राप्ति होती है. ज्योतिषाचार्य कहते हैं की वरुथिनी एकादशी के दिन अगर सच्चे मन से पूजा-पाठ, व्रत करते हैं, तो भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं. तो उस घर में धन-संपत्ति, सोना-चांदी, जमीन साल-दर-साल बढ़ता जाता है. वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से घर में रूके हुए काम पूरे हो जाते हैं. इसलिए लोग भी वरुथिनी एकादशी की विशेष रूप से प्रतीक्षा करते हैं और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं.
वरुथिनी एकादशी पर ऐसे करें पूजा
वरुथिनी एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि कर भगवान विष्णु की पूजा और व्रत का संकल्प लें, उसके बाद किसी पास के मंदिर में जाकर भगवान विष्णु की पूजा करें. उसके बाद मंदिर या घर पर ही विष्णु सहस्त्रनाम स्त्रोत, भगवद गीता का पाठ, ॐ नमो नारायणाय, ओम नमो भगवते वासुदेवाय या भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप करें. Varuthini Ekadashi के दिन भगवान श्री हरि विष्णु को श्रद्धा अनुसार भोग-प्रसाद करें. भोग प्रसाद में भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय तुलसीदल व केला अवश्य सम्मिलित करें. तुलसी दल के बिना भगवान विष्णु को अर्पित किया गया कोई भी भोग प्रसाद अधूरा है.
वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर करें ये काम :
वरुथिनी एकादशी का दान बहुत ही ज्यादा पुण्य फल प्रदान करने वाला होता है. Varuthini Ekadashi के दिन ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों,निर्धन व गरीबों की मदद करें और दान करने का प्रयास करना चाहिए. Varuthini Ekadashi के दिन पीले वस्त्र धारण करें और दिनभर भगवान की भक्ति व मंत्रो का जाप करें, उनके मंत्रों का जाप और इस दिन भगवद गीता का पाठ करें. इस दिन सात्विकता का पालन करें. तामसिक भोजन जैसे कि लहसुन, ज्यादा तेल मसाला, प्याज युक्त भोजन नहीं ग्रहण करना चाहिए तथा झूठ-छल और व्यर्थ की बातों से दूर रहते हुए भगवान का ध्यान करें. ekadashi may 2024 , ekadashi kab hai , ekadashi in may 2024 , ekadashi , ekadashi kab ki hai , nirjala ekadashi 2024 , ekadashi 2024 , may ekadashi 2024 , varuthini ekadashi , varuthini ekadashi 2024 , ekadashi may 2024 date and time , 4 may 2024 , ekadashi in may , vallabhacharya , ekadashi 2024 list in hindi , ekadashi vrat may 2024 , ekadashi vrat , ekadasi , 4 may 2024 panchang , ekadashi may