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साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को लेकर रहना होगा सावधान, जानें सूतक काल और इससे जुड़ी ये जरूरी बात, नही तो हो सकती है परेशानी. - Second lunar eclipse 2024

पंडित सुरेंद्र शर्मा सागर वाले बताते हैं कि साल 2024 में शुरुआती छमाही में ही दो ग्रहण पड़ चुके हैं, जिसमें से एक चंद्रग्रहण था तो दूसरा सूर्य ग्रहण. वहीं अब अगली छमाही में एक और चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. इस आर्टिकल में जानें इस चंद्र ग्रहण से जुड़ी वो सभी बातें जो आपको जानना जरूरी हैं.

SECOND LUNAR ECLIPSE 2024
साल के दूसरे चंद्र ग्रहण को लेकर रहना होगा सावधान (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 25, 2024, 8:43 AM IST

विज्ञान की दृष्टि से ग्रहण एक खगोलीय लेकिन महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है. साल 2024 में शुरुआती छमाही में दो के बाद दो ग्रहण और होंगे जिसमें से एत चंद्र ग्रहण होगा और दूसरा सूर्य ग्रहण. सितंबर महीने में ये ग्रहण लगने जा रहा है जो की एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण को लेकर अक्सर लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका असर पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति पर होता है. आइए जानते हैं साल के तीसरे ग्रहण में क्या खास है और भारत पर इसका क्या असर रहेगा.

कब लगेगा अगला चंद्र ग्रहण 2024?

भारत एक संस्कृत मान्यता और ज्योतिष मानने वाला देश है यहां ग्रहों की दिशा और दशा से आने वाले समय की गणना की जाती है. ऐसे में हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर जब भी ग्रहण लगता है तब सूतक काल भी मान्य होता है. सूतक काल में किसी भी तरह की पूजा अर्चना वर्जित होती है ऐसे में लोगों को यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर इस वर्ष तीसरा ग्रहण कब लगेगा? तो आपको बता दें कि इस बार साल में से दो चंद्र और दो सूर्य ग्रहण हैं. पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन लगा था वहीं साल का दूसरा ग्रहण एक सूर्य ग्रहण था जो 8 अप्रैल को लगा और अब आने वाली 18 सितंबर को इस साल का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में देखा जाएगा.

चार घंटे से अधिक का रहेगा ये ग्रहण

पंडित सुरेंद्र शर्मा सागर वाले बताते हैं कि इस वर्ष दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को यानी हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में शुरू होगा, जिसका समय सुबह 6:12 पर प्रारंभ होगा और करीब 4 घंटे 5 मिनट बाद सुबह 10:17 पर इसकी समाप्ति होगी. इस बीच ही तिथि भी बदल जाएगी.

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साल के अंतिम सूर्य ग्रहण पर बनेगा अजब संयोग, पितृ अमावस्या को दौरान ग्रहण काल, कैसे होगा पूजा-पाठ?

कब रहेगा सूतक काल?

अब सवाल उठता है कि चंद्र ग्रहण के दिन भारत में सूतक काल का समय क्या होगा? तो आपको बता दें की के अमूमन चंद्र ग्रहण में सूतक काल की अवधि ग्रहण से 9 घंटे पूर्व से होती है. यह चंद्र ग्रहण अटलांटिक महासागर, नॉर्थ अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा लेकिन भारत में यह चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा. ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में प्रभावी नहीं होगा. यानी यहां सूतक काल नहीं लगेगा. ऐसे में सभी प्रकार के पूजा अर्चना और धार्मिक कार्यक्रम किए जा सकेंगे. हालांकि, पंडित सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक जिन जगह पर चंद्र ग्रहण दिखाई देगा उन जगहों पर सूतककाल मान्य होगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दवा नहीं करता है.

विज्ञान की दृष्टि से ग्रहण एक खगोलीय लेकिन महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है. साल 2024 में शुरुआती छमाही में दो के बाद दो ग्रहण और होंगे जिसमें से एत चंद्र ग्रहण होगा और दूसरा सूर्य ग्रहण. सितंबर महीने में ये ग्रहण लगने जा रहा है जो की एक आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण को लेकर अक्सर लोगों को सावधान रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसका असर पृथ्वी पर मौजूद हर व्यक्ति पर होता है. आइए जानते हैं साल के तीसरे ग्रहण में क्या खास है और भारत पर इसका क्या असर रहेगा.

कब लगेगा अगला चंद्र ग्रहण 2024?

भारत एक संस्कृत मान्यता और ज्योतिष मानने वाला देश है यहां ग्रहों की दिशा और दशा से आने वाले समय की गणना की जाती है. ऐसे में हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पृथ्वी पर जब भी ग्रहण लगता है तब सूतक काल भी मान्य होता है. सूतक काल में किसी भी तरह की पूजा अर्चना वर्जित होती है ऐसे में लोगों को यह जानने की उत्सुकता है कि आखिर इस वर्ष तीसरा ग्रहण कब लगेगा? तो आपको बता दें कि इस बार साल में से दो चंद्र और दो सूर्य ग्रहण हैं. पहला चंद्र ग्रहण होली के दिन लगा था वहीं साल का दूसरा ग्रहण एक सूर्य ग्रहण था जो 8 अप्रैल को लगा और अब आने वाली 18 सितंबर को इस साल का तीसरा ग्रहण चंद्र ग्रहण के रूप में देखा जाएगा.

चार घंटे से अधिक का रहेगा ये ग्रहण

पंडित सुरेंद्र शर्मा सागर वाले बताते हैं कि इस वर्ष दूसरा चंद्र ग्रहण 18 सितंबर को यानी हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि में शुरू होगा, जिसका समय सुबह 6:12 पर प्रारंभ होगा और करीब 4 घंटे 5 मिनट बाद सुबह 10:17 पर इसकी समाप्ति होगी. इस बीच ही तिथि भी बदल जाएगी.

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कब रहेगा सूतक काल?

अब सवाल उठता है कि चंद्र ग्रहण के दिन भारत में सूतक काल का समय क्या होगा? तो आपको बता दें की के अमूमन चंद्र ग्रहण में सूतक काल की अवधि ग्रहण से 9 घंटे पूर्व से होती है. यह चंद्र ग्रहण अटलांटिक महासागर, नॉर्थ अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका में देखा जा सकेगा लेकिन भारत में यह चंद्र ग्रहण नजर नहीं आएगा. ऐसे में इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में प्रभावी नहीं होगा. यानी यहां सूतक काल नहीं लगेगा. ऐसे में सभी प्रकार के पूजा अर्चना और धार्मिक कार्यक्रम किए जा सकेंगे. हालांकि, पंडित सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक जिन जगह पर चंद्र ग्रहण दिखाई देगा उन जगहों पर सूतककाल मान्य होगा.

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दवा नहीं करता है.

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