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संकष्टी चतुर्थी आज, भगवान गणेश की पूजा करने से दूर होगी बाधा, जानें पूजा विधि और मुहूर्त - Sankashti Chaturthi Puja

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 24, 2024, 6:57 AM IST

Sankashti Chaturthi: भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र गणपति को पूरी दुनिया में प्रथम पूजनीय का दर्जा प्राप्त है. कोई भी शुभ कार्य के लिए सबसे पहले गणेश जी की आराधना की जाती है. भगवान गणेश को संकट मोचन विघ्नहर्ता कहते हैं. किसी भी परेशानी संकट में इनकी आराधना करने से परेशानियों का अंत हो जाता है. 24 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन भक्त को भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए. जानें पूजा विधि और इसके महत्व. पढ़ें पूरी खबर.

संकष्टी चतुर्थी आज
संकष्टी चतुर्थी आज (ETV Bharat)

पटनाः सावन महीने के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा श्रद्धा पूर्वक करने से विघ्न और बाधा दूर होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि हर महीने में दो बार चतुर्थी व्रत किया जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्तः आचार्य मनोज मिश्रा के अनुसार इस बार सावन महीना में बुधवार 24 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी मनाया जाएगा. सुबह 7:25 से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत हो रही है और अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 4:20 पर समापन होगा. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए 24 जुलाई को ही गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

"हिंदू पंचांग के अनुसार महीने में दो चतुर्थी आती है. एक विनायक चतुर्थी और दूसरा संकष्टी चतुर्थी. हर महीने के शुक्ल पक्ष के चौथे दिन विनायक चतुर्थी आती है तो वही हर महीने के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी होती है." -आचार्य मनोज मिश्रा

निर्जला उपवास रख सकते हैं भक्तः मनोज मिश्रा कहते हैं कि इस दिन सूर्योदय के पहले उठकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद गणेश जी की पूजा आराधना और मंत्र उच्चारण करना चाहिए. पूरा दिन बिना पानी व भोजन का उपवास रखा जाता है. जो कठिन उपवास नहीं कर सकते वे दिन में साबूदाना, आलू और मूंगफली का फलहार कर सकते हैं. शाम के समय में गणेश जी की पूजा फोटो या मूर्ति रखकर के करें.

गणेश जी को क्या चढ़ाएंः आचार्य ने कहा कि विधिवत भगवान जी की पूजा करें. फूल अक्षत के साथ गणेश जी को मोदक बेहद पसंद है. इसलिए मोदक का भोग लगाएं. इसके तत्पश्चा धूप दीप जलाकर आरती उतारे प्रार्थना करें कथा सुने. जल अर्पण कर फुल, चंदन, चावल चढ़ाए. इस दिन गरीबों को दान करने का भी बड़ा विशेष महत्व है.

धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्तिः आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है और समस्त परेशानियों से मिलती है. जिन लोगों की विवाह में विभिन्न बड़ा आ रही है वह लोग संकष्टी चतुर्थी पर गणेश भगवान की पूजा विधि विधान से करें तो भगवान गणेश सभी बाधा को दूर करेंगे . उनका विवाह जल्द होगा.

यह भी पढ़ेंः आज है श्रावण कृष्ण पक्ष द्वितीया व मंगला गौरी व्रत, भवन निर्माण और तीर्थयात्रा के लिए है शुभ - Mangala gauri vrat

पटनाः सावन महीने के कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा श्रद्धा पूर्वक करने से विघ्न और बाधा दूर होती है और सभी कार्यों में सफलता मिलती है. आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि हर महीने में दो बार चतुर्थी व्रत किया जाता है.

पूजा का शुभ मुहूर्तः आचार्य मनोज मिश्रा के अनुसार इस बार सावन महीना में बुधवार 24 जुलाई को संकष्टी चतुर्थी मनाया जाएगा. सुबह 7:25 से कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत हो रही है और अगले दिन 25 जुलाई को सुबह 4:20 पर समापन होगा. उदयातिथि को ध्यान में रखते हुए 24 जुलाई को ही गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा.

"हिंदू पंचांग के अनुसार महीने में दो चतुर्थी आती है. एक विनायक चतुर्थी और दूसरा संकष्टी चतुर्थी. हर महीने के शुक्ल पक्ष के चौथे दिन विनायक चतुर्थी आती है तो वही हर महीने के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन संकष्टी चतुर्थी होती है." -आचार्य मनोज मिश्रा

निर्जला उपवास रख सकते हैं भक्तः मनोज मिश्रा कहते हैं कि इस दिन सूर्योदय के पहले उठकर स्नान करना चाहिए. स्नान के बाद गणेश जी की पूजा आराधना और मंत्र उच्चारण करना चाहिए. पूरा दिन बिना पानी व भोजन का उपवास रखा जाता है. जो कठिन उपवास नहीं कर सकते वे दिन में साबूदाना, आलू और मूंगफली का फलहार कर सकते हैं. शाम के समय में गणेश जी की पूजा फोटो या मूर्ति रखकर के करें.

गणेश जी को क्या चढ़ाएंः आचार्य ने कहा कि विधिवत भगवान जी की पूजा करें. फूल अक्षत के साथ गणेश जी को मोदक बेहद पसंद है. इसलिए मोदक का भोग लगाएं. इसके तत्पश्चा धूप दीप जलाकर आरती उतारे प्रार्थना करें कथा सुने. जल अर्पण कर फुल, चंदन, चावल चढ़ाए. इस दिन गरीबों को दान करने का भी बड़ा विशेष महत्व है.

धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्तिः आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है और समस्त परेशानियों से मिलती है. जिन लोगों की विवाह में विभिन्न बड़ा आ रही है वह लोग संकष्टी चतुर्थी पर गणेश भगवान की पूजा विधि विधान से करें तो भगवान गणेश सभी बाधा को दूर करेंगे . उनका विवाह जल्द होगा.

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