ETV Bharat / spiritual

निर्जला एकादशी का लें पूरा पुण्य लाभ, विधि विधान से पूजा करने के बाद इस रंग का पुष्प जरूर करें अर्पित - Nirjala Ekadashi 2024

निर्जला एकादशी के व्रत के लिए भक्त साल भर इंतजार करते हैं. ऐसा माना जाता है कि जो इस व्रत को निर्जला रखकर विधि विधान से पूजा अर्चना करते हैं उन्हें मनचाहा फल मिलता है. जानते हैं ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से कि आखिर निर्जला एकादशी के दिन किस तरह से पूजा पाठ करना चाहिए.

Nirjala Ekadashi 2024
निर्जला एकादशी का लें पूरा पुण्य लाभ (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 16, 2024, 6:43 PM IST

Nirjala Ekadashi 2024 : निर्जला एकादशी इस बार 18 जून को पड़ रही है. निर्जला एकादशी के दिन का इंतजार हर किसी को रहता है क्योंकि ये बहुत ही विशेष एकादशी होती है. इस दिन अगर विधि विधान से कठोर तप कर लिया जाए, पूजा पाठ कर लिया जाए तो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और उन्हें मनचाहा फल मिलता है. अगर विधि विधान से पूजा पाठ किया जाए तो धन लाभ के भी योग बनते हैं.

18 जून को है निर्जला एकादशी (ETV Bharat)

निर्जला एकादशी के लिए ऐसे करें व्रत की शुरूआत

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "निर्जला एकादशी के लिए दशमी तिथि के दिन रात्रि में 10 या 10:30 के बीच में हल्का भोजन करें और एक बार जल पी लें और फिर इसके बाद विश्राम करें. सुबह ब्रम्ह मुहूर्त में उठ करके स्नान करें, भगवान का नाम लें, ध्यान लगाएं और भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा के पास जाकर जल, दूध, गंगा जल से भगवान को स्नान कराएं."

ये भी पढ़ें:

निर्जला एकादशी पर बनाएं ये चमत्कारी माला, भगवान विष्णु को अर्पित करने से मिलेगा लाभ ही लाभ

राहु गोचर 2024 से खुलेगा 3 राशियों का सोया भाग्य, राशि परिवर्तन फॉरेन ट्रिप कराएगा

राहु अगले साल करेंगे राशि परिवर्तन, इससे पहले तीन राशि वालों पर बरसायेंगे कृपा, बनेंगे धन के योग

पूजा में इस रंग का पुष्प अर्पित करें

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में लाल फूल या सफेद फूल या 108 तुलसी दल की माला बनाकर भगवान को बड़े ही श्रद्धा भाव से अर्पित करें और भोग लगाएं फिर इसके बाद कीर्तन करें. दोपहर के समय अर्ध निद्रा ले सकते हैं लेकिन पूरी तरह से नींद में ना हों और आराम करते समय भगवान का स्मरण करते रहें. सायं कालीन पूरे विधि विधान से पूजन करके भगवान को स्मरण करें, भगवान की सेवा करें. रात में सोएं नहीं बल्कि जागरण करें, भजन कीर्तन करें. फिर प्रातः कालीन स्नान करके एक टोकनी में अन्न पात्र भर करके किसी गरीब या किसी ब्राह्मण को देकर दान करें. इसके बाद पूरा भोजन करें. इस विधि विधान से पूजा करने से पूरा लाभ मिलता है."

Nirjala Ekadashi 2024 : निर्जला एकादशी इस बार 18 जून को पड़ रही है. निर्जला एकादशी के दिन का इंतजार हर किसी को रहता है क्योंकि ये बहुत ही विशेष एकादशी होती है. इस दिन अगर विधि विधान से कठोर तप कर लिया जाए, पूजा पाठ कर लिया जाए तो भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और उन्हें मनचाहा फल मिलता है. अगर विधि विधान से पूजा पाठ किया जाए तो धन लाभ के भी योग बनते हैं.

18 जून को है निर्जला एकादशी (ETV Bharat)

निर्जला एकादशी के लिए ऐसे करें व्रत की शुरूआत

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि "निर्जला एकादशी के लिए दशमी तिथि के दिन रात्रि में 10 या 10:30 के बीच में हल्का भोजन करें और एक बार जल पी लें और फिर इसके बाद विश्राम करें. सुबह ब्रम्ह मुहूर्त में उठ करके स्नान करें, भगवान का नाम लें, ध्यान लगाएं और भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा के पास जाकर जल, दूध, गंगा जल से भगवान को स्नान कराएं."

ये भी पढ़ें:

निर्जला एकादशी पर बनाएं ये चमत्कारी माला, भगवान विष्णु को अर्पित करने से मिलेगा लाभ ही लाभ

राहु गोचर 2024 से खुलेगा 3 राशियों का सोया भाग्य, राशि परिवर्तन फॉरेन ट्रिप कराएगा

राहु अगले साल करेंगे राशि परिवर्तन, इससे पहले तीन राशि वालों पर बरसायेंगे कृपा, बनेंगे धन के योग

पूजा में इस रंग का पुष्प अर्पित करें

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री कहते हैं कि "मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा में लाल फूल या सफेद फूल या 108 तुलसी दल की माला बनाकर भगवान को बड़े ही श्रद्धा भाव से अर्पित करें और भोग लगाएं फिर इसके बाद कीर्तन करें. दोपहर के समय अर्ध निद्रा ले सकते हैं लेकिन पूरी तरह से नींद में ना हों और आराम करते समय भगवान का स्मरण करते रहें. सायं कालीन पूरे विधि विधान से पूजन करके भगवान को स्मरण करें, भगवान की सेवा करें. रात में सोएं नहीं बल्कि जागरण करें, भजन कीर्तन करें. फिर प्रातः कालीन स्नान करके एक टोकनी में अन्न पात्र भर करके किसी गरीब या किसी ब्राह्मण को देकर दान करें. इसके बाद पूरा भोजन करें. इस विधि विधान से पूजा करने से पूरा लाभ मिलता है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.