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क्यों पड़ा हरतालिका तीज का यह नाम, जानिए किन सामग्रियों को चढ़ाने से मिलेगा मनचाहा वरदान - Haritalika Teej 2024

Hartalika Teej 2024 Date: हरतालिका तीज का व्रत सुहागिनें अपने पति के लिए रखती हैं. मान्यता है कि व्रत रखने से पतियों की आयु लंबी होती है. सबसे खास बात यह है कि अगर किसी ने इस व्रत को एकबार रख लिया तो वह आजीवन चलता है. इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता. आइये जानते हैं कि कब यह व्रत रखा जाएगा.

HARITALIKA TEEJ 2024
हरितालिका तीज 2024 की पूजन सामग्री (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 4, 2024, 12:27 PM IST

Updated : Sep 4, 2024, 2:28 PM IST

हैदराबाद: हमारा देश पर्वों और त्योहारों का देश है. हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है. इसी सिलसिले में भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाया जाएगा. यह त्योहार देवादिदेव महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है. यह व्रत सुहागिनें और कुंआरी लड़कियां दोनों रखती हैं.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू शास्त्र में हरतालिका तीज का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तीज 5 सितंबर को दोपहर 12 बजे 21 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन शुक्रवार 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू शास्त्र में उदया तिथि ली जाती है. इस वजह से हरितालिका तीज का व्रत शुक्रवार 6 सितंबर को रखा जाएगा.

उन्होंने बताया कि यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है. इसे सभी कुआंरी यु‍वतियां तथा सौभाग्यवती ‍महिलाएं ही करती हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसके लिए सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है. इस व्रत को 'हरतालिका इसीलिए कहते हैं क्योंकि पार्वती माता की सखी उन्हें पिता-प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थी. 'हरत' अर्थात हरण करना और 'आलिका' अर्थात सखी, सहेली. इस वजह से इसका यह नाम पड़ा. इसी त्योहार को दूसरी ओर बूढ़ी तीज भी कहा जाता है. इस दिन सास अपनी बहुओं को सुहागी का सिंधारा देती हैं. इस व्रत को करने से कुंआरी युवतियों को मनचाहा वर मिलता है और सुहागिनों के सौभाग्‍य में वृद्धि होती है तथा शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती का वरदान देते हैं.

आइये जानते हैं हरतालिका तीज पूजन में प्रयोग होने वाली सामग्री

  1. गीली काली मिट्टी या बालू रेत.
  2. बेलपत्र
  3. शमी पत्र
  4. केले का पत्ता
  5. धतूरे का फल एवं फूल
  6. अकांव का फूल
  7. तुलसी
  8. मंजरी
  9. जनेऊ या यज्ञोपवीत
  10. वस्त्र
  11. सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते
  12. श्रीफल
  13. कलश
  14. अबीर
  15. चन्दन
  16. घी-तेल
  17. कपूर
  18. कुमकुम
  19. दीपक
  20. फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा)

पार्वती माता की सुहाग सामग्री :

  • मेहंदी
  • चूड़ी
  • बिछिया
  • काजल
  • बिंदी
  • कुमकुम
  • सिंदूर
  • कंघी
  • माहौर
  • बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि

पंचामृत के लिए :-

  • घी
  • दही
  • शक्कर
  • दूध
  • शहद

पढ़ें: पितृ पक्ष 2024: आ गए पितरों को याद करने के दिन, जानिए कब से हो रही शुरुआत - Pitra Paksha 2024

हैदराबाद: हमारा देश पर्वों और त्योहारों का देश है. हर महीने कोई न कोई त्योहार मनाया जाता है. इसी सिलसिले में भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाया जाएगा. यह त्योहार देवादिदेव महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है. यह व्रत सुहागिनें और कुंआरी लड़कियां दोनों रखती हैं.

लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि हिंदू शास्त्र में हरतालिका तीज का व्रत बहुत महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तीज 5 सितंबर को दोपहर 12 बजे 21 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन शुक्रवार 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू शास्त्र में उदया तिथि ली जाती है. इस वजह से हरितालिका तीज का व्रत शुक्रवार 6 सितंबर को रखा जाएगा.

उन्होंने बताया कि यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है. इसे सभी कुआंरी यु‍वतियां तथा सौभाग्यवती ‍महिलाएं ही करती हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसके लिए सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है. इस व्रत को 'हरतालिका इसीलिए कहते हैं क्योंकि पार्वती माता की सखी उन्हें पिता-प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थी. 'हरत' अर्थात हरण करना और 'आलिका' अर्थात सखी, सहेली. इस वजह से इसका यह नाम पड़ा. इसी त्योहार को दूसरी ओर बूढ़ी तीज भी कहा जाता है. इस दिन सास अपनी बहुओं को सुहागी का सिंधारा देती हैं. इस व्रत को करने से कुंआरी युवतियों को मनचाहा वर मिलता है और सुहागिनों के सौभाग्‍य में वृद्धि होती है तथा शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती का वरदान देते हैं.

आइये जानते हैं हरतालिका तीज पूजन में प्रयोग होने वाली सामग्री

  1. गीली काली मिट्टी या बालू रेत.
  2. बेलपत्र
  3. शमी पत्र
  4. केले का पत्ता
  5. धतूरे का फल एवं फूल
  6. अकांव का फूल
  7. तुलसी
  8. मंजरी
  9. जनेऊ या यज्ञोपवीत
  10. वस्त्र
  11. सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते
  12. श्रीफल
  13. कलश
  14. अबीर
  15. चन्दन
  16. घी-तेल
  17. कपूर
  18. कुमकुम
  19. दीपक
  20. फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा)

पार्वती माता की सुहाग सामग्री :

  • मेहंदी
  • चूड़ी
  • बिछिया
  • काजल
  • बिंदी
  • कुमकुम
  • सिंदूर
  • कंघी
  • माहौर
  • बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि

पंचामृत के लिए :-

  • घी
  • दही
  • शक्कर
  • दूध
  • शहद

पढ़ें: पितृ पक्ष 2024: आ गए पितरों को याद करने के दिन, जानिए कब से हो रही शुरुआत - Pitra Paksha 2024

Last Updated : Sep 4, 2024, 2:28 PM IST
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