हैदराबाद: सनातन धर्म में हर महिला की यही इच्छा होती है कि वह हरतालिका तीज का व्रत रखे. इससे पति की उम्र लंबी होती है. यह व्रत सुहागिनें और कुआंरी लड़कियां दोनों रखती हैं. इस बार भी यह व्रत मनाया जा रहा है. जानकारों का मानना है कि यह व्रत निर्जला रखा जाता है. इस व्रत का समापन अगले दिन भोर में पूजा करके किया जाता है.
लखनऊ के ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस बार तीज की शुरूआत 5 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर हो रही है, जो शुक्रवार 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगी. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में उदया तिथि को माना जाता है, इसलिए यह व्रत शुक्रवार 6 सितंबर को रखा जाएगा और विधि-विधान से पूजा-पाठ की जाएगी.
उन्होंने आगे कहा कि इस व्रत की खासियत यह है कि इसे निर्जला रखा जाता है. दिनभर कुछ भी नहीं खाया जाता. अगले दिन सुबह पूजा करने के बाद व्रत का पारण किया जाता है. ज्योतिषाचार्य ने बताया कि भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को यह त्योहार मनाया जाता है.
हरतालिका तीज के व्रत की कुछ सावधानियां हैं. अगर उनका पालन किया जाए तो व्रत सफल होगा और पति को लंबी उम्र भी मिलेगी. आइये जानते हैं इस दिन क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और किस तरह व्रत को करना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र के मुताबिक पूजा करने से पहले 'उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये' मंत्र का संकल्प करके मकान को मंडल आदि से सुशोभित कर पूजा सामग्री एकत्र करें. उन्होंने कहा कि इस व्रत की पूजा करने का सही समय प्रदोष काल में है. प्रदोष काल अर्थात जब दिन और रात मिल रहे हों. संध्या के समय स्नान करके शुद्ध व उज्ज्वल वस्त्र धारण करें. तत्पश्चात पार्वती तथा शिव की सुवर्णयुक्त (यदि यह संभव न हो तो मिट्टी की) प्रतिमा बनाकर विधि-विधान से पूजा करें. बालू रेत अथवा काली मिट्टी से शिव-पार्वती एवं गणेशजी की प्रतिमा अपने हाथों से बनाएं.
इसके बाद सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी सामग्री सजा कर रखें, फिर इन वस्तुओं को पार्वतीजी को अर्पित करें. शिवजी को धोती तथा अंगोछा अर्पित करें और तपश्चात सुहाग सामग्री किसी ब्राह्मणी को तथा धोती-अंगोछा ब्राह्मण को दे दें. इस प्रकार पार्वती तथा शिव का पूजन-आराधना कर हरतालिका व्रत कथा सुनें.
तत्पश्चात सर्वप्रथम गणेशजी की आरती, फिर शिवजी और फिर माता पार्वती की आरती करें. भगवान की परिक्रमा करें. रात्रि जागरण करके सुबह पूजा के बाद माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं. ककड़ी-हलवे का भोग लगाएं और फिर ककड़ी खाकर उपवास तोड़ें, अंत में समस्त सामग्री को एकत्र कर पवित्र नदी या किसी कुंड में विसर्जित करें.
मनोकामना पूरी करने के लिए उपाय
हरतालिका तीज 2024 के दिन सुहागिनें और कुआंरी युवतियां पूर्ण श्रंगार करें और भगवान को फूल अर्पित करें. पार्वती माता को साड़ी और श्रंगार की सामग्री चढ़ाएं. उसके बाद मां को बिछिया चढ़ाना कतई ना भूलें. तत्पश्चात भगवान से मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना करें.
इन बातों का रखें ख्याल
- व्रती महिलाएं इस दिन भूलकर भी क्रोध ना करें. वरना व्रत का फल नहीं मिलेगा.
- सुबह-सुबह व्रत का संकल्प लें और संध्याकाल में पूजा करने के बाद भूलकर भी व्रत ना तोड़ें.
- रातभर जागरण करना चाहिए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस दिन रात में सोना नहीं चाहिए.
- भूलकर भी सुहागिनें काले वस्त्र ना पहनें. श्रंगार में लाल रंग का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करना चाहिए.
पति भी इन बातों का रखें ध्यान
- व्रती महिलाओं के पति को पत्नियों का ख्याल रखना चाहिए. व्रत से संबंधित सभी वस्तुओं का पहले ही प्रबंध करना चाहिए. उन्हें उपहार भी देना चाहिए. ऐसा करेंगे तो दांपत्य जीवन खुशहाल रहेगा.
- इस दिन पुरुषों को मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए.
- व्रत के दिन सात्विकता बनाए रखें.