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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की जानें तिथि, माता को करना है प्रसन्न तो भूलकर भी न करें ये 5 काम - Ashadha Gupt Navrati Date 2024

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 26, 2024, 11:42 AM IST

Ashadha Gupt Navrati 2024 Tithi: गुप्त नवरात्रि में हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर विधि विधान से पूजन करना चाहिए जिससे कि मनोकामना पूर्ण हो और पूजा सफल हो. लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जो बिल्कुल न करें जिससे कि आपको माताजी के गुस्से का सामना न करना पड़े, यहां पढ़ें...

Ashadha Gupt Navrati Tithi 2024
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की जानें तिथि (ETV Bharat Graphics)

Ashadha Gupt Navrati Date 2024: पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि इस साल 6 जुलाई से शुरू होगी. गुप्त नवरात्रि में माता का पूजन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जिनको करने से माता रुष्ट हो जाती हैं और भक्तों को परेशानियां झेलनी पड़ती है.

क्या है गुप्त नवरात्रि ?

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्रि सामान्य नवरात्रि की तरह साल में दो बार मनाई जाती है, जिसमें आषाढ़ के शुक्ल पक्ष और माघ के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि का पर्व आता है. जिस तरह से चैत्र मास की नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में पूजा की जाती है इस तरह घट और कलश स्थापना भी गुप्त नवरात्रि में की जाती है.

कैसे करें पूजा, जानें विधि

साल 2024 में गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है जो 15 जुलाई को तक चलेगी. 6 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर माता की कलश स्थापना की जानी चाहिए और उसके बाद सुबह शाम पूजा अर्चना के बाद माता की आरती करने का विशेष प्रावधान है. इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से माता की विशेष कृपा होती है. शास्त्र में कहा गया है की महिलाओं का मासिक धर्म के दौरान गुप्त नवरात्रि में पूजा करना वर्जित है. गुप्त नवरात्रि में व्रत का विशेष महत्व है गुप्त नवरात्रि की अगर पूजा करें तो पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करना जरूरी होता है.

विशेष मनोकामना और तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि की होती है पूजा

शास्त्रों के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है जिसमें दो बार गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि तंत्र साधना के और विशेष मनोकामना के लिए गुप्त नवरात्रि की पूजा की जाती है. गुप्त यानि छिपा हुआ गुप्त नवरात्रि के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है इसलिए तंत्र साधना और अघोरियों के लिए विशेष पर्व होता है इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है और तांत्रिक और अघोरी मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रि की पूजा करते हैं.

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गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम माता हो जाएगी रुष्ट

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि हर पूजा की अपनी विधि होती है अगर पूजा विधि विधान से न की जाए तो देवी देवताओं का गुस्सा भी हमें झेलना पड़ता है. गुप्त नवरात्रि में भी हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घट स्थापना की विधि विधान से पूजन करना चाहिए जिससे कि मनोकामना पूरी हो और पूजा सफल हो लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जो बिल्कुल न करें जिससे कि आपको माताजी के गुस्से का सामना न करना पड़े. गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में प्याज लहसुन से भोजन नहीं पकाना चाहिए. इसके अलावा 9 दिनों तक बाल और नाखून भी नहीं काटने चाहिए. माताजी को लाल और गुड़हल के फूल तो पसंद है लेकिन भूल कर भी आक, दूब, तुलसी और मदार बिल्कुल अर्पित न करें.

Ashadha Gupt Navrati Date 2024: पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि इस साल 6 जुलाई से शुरू होगी. गुप्त नवरात्रि में माता का पूजन करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है, लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जिनको करने से माता रुष्ट हो जाती हैं और भक्तों को परेशानियां झेलनी पड़ती है.

क्या है गुप्त नवरात्रि ?

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि गुप्त नवरात्रि सामान्य नवरात्रि की तरह साल में दो बार मनाई जाती है, जिसमें आषाढ़ के शुक्ल पक्ष और माघ के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि का पर्व आता है. जिस तरह से चैत्र मास की नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि में पूजा की जाती है इस तरह घट और कलश स्थापना भी गुप्त नवरात्रि में की जाती है.

कैसे करें पूजा, जानें विधि

साल 2024 में गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से शुरू हो रही है जो 15 जुलाई को तक चलेगी. 6 जुलाई को ब्रह्म मुहूर्त में जाग कर माता की कलश स्थापना की जानी चाहिए और उसके बाद सुबह शाम पूजा अर्चना के बाद माता की आरती करने का विशेष प्रावधान है. इस दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से माता की विशेष कृपा होती है. शास्त्र में कहा गया है की महिलाओं का मासिक धर्म के दौरान गुप्त नवरात्रि में पूजा करना वर्जित है. गुप्त नवरात्रि में व्रत का विशेष महत्व है गुप्त नवरात्रि की अगर पूजा करें तो पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य धर्म का पालन करना जरूरी होता है.

विशेष मनोकामना और तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्रि की होती है पूजा

शास्त्रों के अनुसार साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व आता है जिसमें दो बार गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है. पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि तंत्र साधना के और विशेष मनोकामना के लिए गुप्त नवरात्रि की पूजा की जाती है. गुप्त यानि छिपा हुआ गुप्त नवरात्रि के बारे में ज्यादा लोगों को जानकारी नहीं होती है इसलिए तंत्र साधना और अघोरियों के लिए विशेष पर्व होता है इस दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा की जाती है और तांत्रिक और अघोरी मनचाहा वर प्राप्त करने के लिए गुप्त नवरात्रि की पूजा करते हैं.

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गुप्त नवरात्रि में भूलकर भी न करें ये काम माता हो जाएगी रुष्ट

पंडित आत्माराम शास्त्री ने बताया कि हर पूजा की अपनी विधि होती है अगर पूजा विधि विधान से न की जाए तो देवी देवताओं का गुस्सा भी हमें झेलना पड़ता है. गुप्त नवरात्रि में भी हर दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घट स्थापना की विधि विधान से पूजन करना चाहिए जिससे कि मनोकामना पूरी हो और पूजा सफल हो लेकिन कुछ ऐसे काम हैं जो बिल्कुल न करें जिससे कि आपको माताजी के गुस्से का सामना न करना पड़े. गुप्त नवरात्रि के दौरान घर में प्याज लहसुन से भोजन नहीं पकाना चाहिए. इसके अलावा 9 दिनों तक बाल और नाखून भी नहीं काटने चाहिए. माताजी को लाल और गुड़हल के फूल तो पसंद है लेकिन भूल कर भी आक, दूब, तुलसी और मदार बिल्कुल अर्पित न करें.

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