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विजयादशमी 2024 : जानें कब है दशहरा, तारीख, समय व महत्व - DUSSEHRA 2024

Dussehra 2024 : बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा की तैयारी में भक्त अभी से जुट गये हैं. दशहरा तिथि, धार्मिक महत्व, परंपराएं को जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर..

Shardiya Navratri
विजयादशमी 2024 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 2, 2024, 6:05 AM IST

Updated : Oct 11, 2024, 10:21 AM IST

हैदराबादः 3 अक्टूबर से नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का त्योहार प्रारंभ हो रहा है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. भारत सहित दुनिया भर में हिंदू धर्मावलंबी श्रद्धा के साथ त्योहार मनाते हैं. नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का समपान दशहरा के साथ होता है. दशहरा को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है.

नवरात्रि कैलेंडर 2024
तारीखदिनत्योहारतिथि
3 अक्टूबर 2024गुरुवारघटस्थापनाप्रतिपदा
4 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां ब्रह्मचारिणी पूजाद्वितीया
5 अक्टूबर 2024शनिवारमां चंद्रघंटा पूजातृतीया
6 अक्टूबर 2024रविवारमां कुष्मांडा पूजाचतुर्थी
7 अक्टूबर 2024 सोमवारमां स्कंदमाता पूजामहा पंचमी
8 अक्टूबर 2024मंगलवारमां कात्यायिनी पूजामहाषष्ठी
9 अक्टूबर 2024बुधवार मां कालरात्रि पूजामहा सप्तमी
10 अक्टूबर 2024गुरुवारमां महागौरी पूजामहाअष्टमी
11 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां सिद्धिदात्री पूजामहानवमी
12 अक्टूबर 2024शनिवारविजयदशमी दशमी

दशहरा, भगवान राम के द्वारा रावण पर विजय का जश्न मनाने वाला मुख्य हिंदू त्योहार है. यह देवी दुर्गा की राक्षस महिषासुर पर विजय और नवरात्रि के समापन के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व का है महत्वपूर्ण त्योहार है. भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के अनुयायी हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार आमतौर पर दशहरा अश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन होता है.

दशहरा 2024 कब है: तिथि और समय
दशहरा नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव का समापन है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार अश्विन या कार्तिक माह के 10वें दिन पड़ता है. 12 अक्टूबर 2024 (शनिवार) को दशहरा मनाया जाएगा. द्रिक पंचांग के दिन अलग-अलग अनुष्ठानों और समारोहों समय इस प्रकार है:

विजयादशमी 2024 का समय
कार्यक्रम तिथिदिनसमय
दशमी तिथि प्रारंभ12 अक्टूबर 2024शनिवारसुबह 10:58 बजे से
दशमी तिथि समाप्त13 अक्टूबर 2024 रविवार सुबह 09:08 बजे से
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ12 अक्टूबर 2024शनिवारसुबह 05:25 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त13 अक्टूबर 2024रविवारसुबह 04:27 बजे से
विजय मुहूर्त12 अक्टूबर 2024 शनिवारदोपहर 02:03 बजे से 02:49 बजे तक
अपराहण पूजा का समय13 अक्टूबर, 2024रविवारदोपहर 01:17 बजे से 03:35 बजे तक

दशहरा का क्या है धार्मिक महत्व
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार दशहरा मनाने का एक मुख्य कारण भगवान राम की राक्षस राजा रावण पर विजय के उत्सव को याद करना है. धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार अयोध्या के राजकुमार राम अपनी पत्नी सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाते हैं, जिसने उनका अपहरण कर लिया था. जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, उस दिन को दशहरा मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई (रावण) पर अच्छाई (राम) की जीत का प्रतीक है.

दशहरा मनाने का एक और कारण भैंस राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का सम्मान करना है. यह कहानी नवरात्रि के त्यौहार का मुख्य आकर्षण है, जिसका समापन दशहरा के रूप में होता है. दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध बुराई पर अच्छाई की जीत और सत्य और धर्म की जीत का प्रतिनिधित्व करता है.

दशहरा से सांस्कृतिक परंपराएं जुड़ी हुई है. इस अवसर पर रामलीला प्रदर्शन किया जाता है. इसमें रामायण का नाटकीय मंचन किया जाता है. कई इसे 10 दिनों में प्रदर्शित किया जाता है. भगवान राम द्वारा रावण का वध के साथ समाप्त होता है. अंतिम दिन, दशहरे पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को जलाया जाता है. इस अवसर कई जगहों पर डांडिये का आयोजन किया जाता है. गुजरात का डांडिया देश भर में सबसे ज्यादा मसहूर है.

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हैदराबादः 3 अक्टूबर से नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का त्योहार प्रारंभ हो रहा है. इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है. भारत सहित दुनिया भर में हिंदू धर्मावलंबी श्रद्धा के साथ त्योहार मनाते हैं. नौ दिवसीय शारदीय नवरात्रि का समपान दशहरा के साथ होता है. दशहरा को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है.

नवरात्रि कैलेंडर 2024
तारीखदिनत्योहारतिथि
3 अक्टूबर 2024गुरुवारघटस्थापनाप्रतिपदा
4 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां ब्रह्मचारिणी पूजाद्वितीया
5 अक्टूबर 2024शनिवारमां चंद्रघंटा पूजातृतीया
6 अक्टूबर 2024रविवारमां कुष्मांडा पूजाचतुर्थी
7 अक्टूबर 2024 सोमवारमां स्कंदमाता पूजामहा पंचमी
8 अक्टूबर 2024मंगलवारमां कात्यायिनी पूजामहाषष्ठी
9 अक्टूबर 2024बुधवार मां कालरात्रि पूजामहा सप्तमी
10 अक्टूबर 2024गुरुवारमां महागौरी पूजामहाअष्टमी
11 अक्टूबर 2024शुक्रवारमां सिद्धिदात्री पूजामहानवमी
12 अक्टूबर 2024शनिवारविजयदशमी दशमी

दशहरा, भगवान राम के द्वारा रावण पर विजय का जश्न मनाने वाला मुख्य हिंदू त्योहार है. यह देवी दुर्गा की राक्षस महिषासुर पर विजय और नवरात्रि के समापन के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है. सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व का है महत्वपूर्ण त्योहार है. भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हिंदू धर्म के अनुयायी हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार आमतौर पर दशहरा अश्विन या कार्तिक महीने के दसवें दिन होता है.

दशहरा 2024 कब है: तिथि और समय
दशहरा नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि उत्सव का समापन है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह त्योहार अश्विन या कार्तिक माह के 10वें दिन पड़ता है. 12 अक्टूबर 2024 (शनिवार) को दशहरा मनाया जाएगा. द्रिक पंचांग के दिन अलग-अलग अनुष्ठानों और समारोहों समय इस प्रकार है:

विजयादशमी 2024 का समय
कार्यक्रम तिथिदिनसमय
दशमी तिथि प्रारंभ12 अक्टूबर 2024शनिवारसुबह 10:58 बजे से
दशमी तिथि समाप्त13 अक्टूबर 2024 रविवार सुबह 09:08 बजे से
श्रवण नक्षत्र प्रारंभ12 अक्टूबर 2024शनिवारसुबह 05:25 बजे
श्रवण नक्षत्र समाप्त13 अक्टूबर 2024रविवारसुबह 04:27 बजे से
विजय मुहूर्त12 अक्टूबर 2024 शनिवारदोपहर 02:03 बजे से 02:49 बजे तक
अपराहण पूजा का समय13 अक्टूबर, 2024रविवारदोपहर 01:17 बजे से 03:35 बजे तक

दशहरा का क्या है धार्मिक महत्व
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार दशहरा मनाने का एक मुख्य कारण भगवान राम की राक्षस राजा रावण पर विजय के उत्सव को याद करना है. धार्मिक मामलों के जानकारों के अनुसार अयोध्या के राजकुमार राम अपनी पत्नी सीता को रावण के चंगुल से छुड़ाते हैं, जिसने उनका अपहरण कर लिया था. जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया, उस दिन को दशहरा मनाया जाता है. यह त्योहार बुराई (रावण) पर अच्छाई (राम) की जीत का प्रतीक है.

दशहरा मनाने का एक और कारण भैंस राक्षस महिषासुर पर देवी दुर्गा की जीत का सम्मान करना है. यह कहानी नवरात्रि के त्यौहार का मुख्य आकर्षण है, जिसका समापन दशहरा के रूप में होता है. दुर्गा और महिषासुर के बीच युद्ध बुराई पर अच्छाई की जीत और सत्य और धर्म की जीत का प्रतिनिधित्व करता है.

दशहरा से सांस्कृतिक परंपराएं जुड़ी हुई है. इस अवसर पर रामलीला प्रदर्शन किया जाता है. इसमें रामायण का नाटकीय मंचन किया जाता है. कई इसे 10 दिनों में प्रदर्शित किया जाता है. भगवान राम द्वारा रावण का वध के साथ समाप्त होता है. अंतिम दिन, दशहरे पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों को जलाया जाता है. इस अवसर कई जगहों पर डांडिये का आयोजन किया जाता है. गुजरात का डांडिया देश भर में सबसे ज्यादा मसहूर है.

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इस दिन से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि 2024, जानें क्या है महालया का महत्व - Durga Puja kab se hai

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जानें, कब है करवा चौथ व्रत, पूजन विधि और शुभ मुहूर्त - Karwa Chauth 2024

Last Updated : Oct 11, 2024, 10:21 AM IST
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