ETV Bharat / spiritual

Chhath Puja 2024 : छठ गीतों से भक्तिमय हुआ माहौल, अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव से भक्त मांगेगे आशीष

लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. डूबते सूर्यदेव को अर्घ्य देकर भक्त संतान, धन-धान्य और निरोगी काया का आशीष मांगेंगे.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

हैदराबादः चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज विभिन्न घाटों पर व्रती सूप उठायेंगी. इस दौरान डूबते सूर्य को (संध्याकालीन) भक्त अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव से आशीष प्राप्त करेंगे. इसके लिए सरकारी, गैर सरकारी और निजी तौर के अलावा भक्त अपने स्तर से घाट तैयार कर चुके हैं. केले और अशोक के पत्तों, फूलों आदि से सजाया गया है.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)

आज सूर्यदेव को दिया जाएगा पहला अर्घ्य
छठ पर्व में प्रसाद को बांस के सूप में रखकर घाट पर व्रतियों सर ढककर खड़ी होती हैं, जिसे हाथ उठाना कहते हैं. सूप व अन्य पूजन सामग्री को दउरा (बांस या मूंज की टोकरी) में रखकर साफ कपड़े से ढककर घरों से घाटों तक ले जाया जाता है. इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि व्रती और सूप सूर्यास्त से पहले निर्धारित घाटों पर पहुंच जाए. संध्या काल में पश्चिम दिशा में चेहरा (मुंह) कर व्रती खड़ी होती हैं. सूर्यदेव के डूबने के वक्त भक्त अर्घ्य देने के लिए पानी में उतरते हैं. अर्घ्य देने के लिए गाय का दूध, गंगा जल या संबंधित नदी-तालाब जहां पर छठ किया जा रहा है वहां के जल का उपयोग किया जाता है. इसके अगले दिन डूबते सूर्य को प्रातः काल में अर्घ्य दिया जाएगा. पारण के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ANI)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)

सूप में फल-फूल और पकवान की होती है भरमार
छठी मैया को लोग अपनी इच्छा और कबूलती के आधार पर निर्धारित संख्या में सूप चढ़ाते हैं. अमूमन बांस के सूप का उपयोग किया जाता है. कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार विभिन्न धातुओं से बने सूप का उपयोग करते हैं. सूप में अपनी क्षमता के अनुसार पूरा फल या उसके टूकड़े को रखते हैं. इसमें मुख्य रूप से नारियल, केला, टाभा नींबू (बड़ा नींबू), संतरा, सेब, अंगूर, नासपाती, अमरूद, गन्ना का टुकड़ा, पत्ता युक्त अदरक, पत्ता युक्त हल्दी, सूथनी, शकरकदं, टेकुआ, चावल का लड्डू, बताशा, मिठाई सहित अन्य फल व पकवान चढ़ाने की परंपरा है. इसके अलावा सूप में कच्चे धागा से तैयार माला (बद्धी) भी होता है.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (IANS)

ये भी पढ़ें

लोक आस्था का महापर्व आज से शुरू, भक्तिमय हुआ माहौल

हैदराबादः चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरा दिन है. आज विभिन्न घाटों पर व्रती सूप उठायेंगी. इस दौरान डूबते सूर्य को (संध्याकालीन) भक्त अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव से आशीष प्राप्त करेंगे. इसके लिए सरकारी, गैर सरकारी और निजी तौर के अलावा भक्त अपने स्तर से घाट तैयार कर चुके हैं. केले और अशोक के पत्तों, फूलों आदि से सजाया गया है.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ETV Bharat)

आज सूर्यदेव को दिया जाएगा पहला अर्घ्य
छठ पर्व में प्रसाद को बांस के सूप में रखकर घाट पर व्रतियों सर ढककर खड़ी होती हैं, जिसे हाथ उठाना कहते हैं. सूप व अन्य पूजन सामग्री को दउरा (बांस या मूंज की टोकरी) में रखकर साफ कपड़े से ढककर घरों से घाटों तक ले जाया जाता है. इस दौरान यह ध्यान रखा जाता है कि व्रती और सूप सूर्यास्त से पहले निर्धारित घाटों पर पहुंच जाए. संध्या काल में पश्चिम दिशा में चेहरा (मुंह) कर व्रती खड़ी होती हैं. सूर्यदेव के डूबने के वक्त भक्त अर्घ्य देने के लिए पानी में उतरते हैं. अर्घ्य देने के लिए गाय का दूध, गंगा जल या संबंधित नदी-तालाब जहां पर छठ किया जा रहा है वहां के जल का उपयोग किया जाता है. इसके अगले दिन डूबते सूर्य को प्रातः काल में अर्घ्य दिया जाएगा. पारण के साथ ही लोक आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो जाएगा.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (ANI)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)
Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (Getty Images)

सूप में फल-फूल और पकवान की होती है भरमार
छठी मैया को लोग अपनी इच्छा और कबूलती के आधार पर निर्धारित संख्या में सूप चढ़ाते हैं. अमूमन बांस के सूप का उपयोग किया जाता है. कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार विभिन्न धातुओं से बने सूप का उपयोग करते हैं. सूप में अपनी क्षमता के अनुसार पूरा फल या उसके टूकड़े को रखते हैं. इसमें मुख्य रूप से नारियल, केला, टाभा नींबू (बड़ा नींबू), संतरा, सेब, अंगूर, नासपाती, अमरूद, गन्ना का टुकड़ा, पत्ता युक्त अदरक, पत्ता युक्त हल्दी, सूथनी, शकरकदं, टेकुआ, चावल का लड्डू, बताशा, मिठाई सहित अन्य फल व पकवान चढ़ाने की परंपरा है. इसके अलावा सूप में कच्चे धागा से तैयार माला (बद्धी) भी होता है.

Chhath Puja 2024
महापर्व छठ (IANS)

ये भी पढ़ें

लोक आस्था का महापर्व आज से शुरू, भक्तिमय हुआ माहौल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.