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देहरादून में बिना जीपीएस वाले वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान शुरू, विक्रम यूनियन ने किया हंगामा

Dehradun Vehicle GPS देहराूदन के घंटाघर और परेड ग्राउंड क्षेत्र में बिना जीपीएस सिस्टम लगे वाहनों की एंट्री आज से बंद कर दी गई है. जिन वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है, उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है. इस नियम को लागू करवाने के लिए आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी खुद सड़कों पर उतरे हैं. उधर, इन नियम के खिलाफ विक्रम यूनियन संचालकों में आक्रोश देखा जा रहा है.

GPS in Dehradun
बिना जीपीएस वाले वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 16, 2024, 4:33 PM IST

Updated : Feb 16, 2024, 11:06 PM IST

देहरादून में बिना जीपीएस वाले वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान शुरू

देहराूदन: घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास बिना जीपीएस लगे यात्री वाहनों के प्रवेश पर अब रोक लगा दी गई है. जिसे लेकर आरटीओ प्रवर्तन ने सभी यात्री वाहनों की चेकिंग की. चेकिंग के दौरान कई यात्री वाहनों में जीपीएस लगा मिला तो कई वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा हुआ था. जिस पर उन्हें नोटिस थमाया गया. वहीं, विक्रम यूनियन के संचालक भी मौके पर पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन किया.

बता दें कि देहरादून में हमेशा जाम की स्थिति देखने को मिलती है. परिवहन विभाग बदहाल यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित करने की कवायद में है. लिहाजा, इसके लिए यात्री वाहन संचालकों को जीपीएस सिस्टम लगवाने के लिए 15 फरवरी तक समय दिया गया था. जो आज खत्म हो गया है. समय सीमा खत्म होने के बाद आज घंटाघर और परेड ग्राउंड के फ्रिज जोन में आरटीओ प्रवर्तन टीम के साथ उतरे. इन दौरान कई यात्री वाहनों को चेक किया गया.

चेकिंग के दौरान कई यात्री वाहनों में जीपीएस लगा मिला और जिन यात्री वाहनों में जीपीएस नहीं लगा हुआ था, उनके नंबर लेकर उनको नोटिस भेजने का काम किया जाएगा. वहीं, आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि शुरुआत में जिन यात्री वाहनों में जीपीएस नहीं लगे हैं, उनको नोटिस भेजने का काम किया जाएगा और अगर जल्द ही जीपीएस सिस्टम नहीं लगाया गया तो उनके परमिट निरस्त करने का काम किया जाएगा.

विक्रम यूनियन का विरोध: फ्रिज जोन में यात्री वाहनों को चेकिंग के दौरान विक्रम यूनियन के ड्राइवर भी मौके पर पहुंच गए और जीपीएस लगाने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. विक्रम यूनियन के अध्यक्ष संजय अरोड़ा ने कहा कि आरटीओ विभाग अपनी मनमानी कर रहा है. जबकि, केंद्र से भी लागू है कि तीन पहिया वाहनों को जीपीएस में छूट है, लेकिन आरटीओ विभाग जबरदस्ती सभी यात्री वाहनों में जीपीएस लगाने के लिए कह रहा है.

आरटीओ विभाग कहीं न कहीं टाटा मैजिक संचालकों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है. क्योंकि, चेकिंग के दौरान टाटा मैजिक का चालान नहीं किया जाता है और इनको टैक्स फ्री रखा हुआ. जबकि, विक्रम का चालान किया जा रहा है. उनसे कई हजारों रुपए का टैक्स वसूला जा रहा है. संजय अरोड़ा ने चेतावनी दी है कि अगर आरटीओ अपनी मनमानी नहीं रोकता है तो सभी यात्री वाहन हड़ताल पर चले जाएंगे.

गौर हो कि गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को मामले को लेकर बैठक हुई थी. बैठक में लिए गए निर्णयों पर 11 जनवरी को राज्य सरकार की स्वीकृति मिली. जिसके बाद 12 जनवरी को परिवहन विभाग ने मामले में आदेश जारी कर दिए. आरटीए की बैठक में घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के 2 किलोमीटर क्षेत्र को फ्रिज जोन घोषित कर दिया गया. ऐसे में इस क्षेत्र में केवल जीपीएस लगे यात्री वाहन ही संचालित होने की बात कही गई.

इसके लिए 15 फरवरी तक की समय सीमा दी गई. साथ ही कहा गया कि यात्री वाहन इस तारीख तक वाहनों में जीपीएस लगा लें. अगर जीपीएस सिस्टम नहीं लगाता तो फ्रीज जोन में यात्री वाहनों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा. बता दें कि देहरादून के 6 रूटों पर इस नियम का पालन कराया जाएगा. इन रूट पर 208 सिटी बसें, 478 मैजिक, 500 ऑटो, 600 ई रिक्शा, 500 विक्रमों का संचालन होता है. इस तरह से 2300 सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन इन रूट पर किया जाता है.

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देहरादून में बिना जीपीएस वाले वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान शुरू

देहराूदन: घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास बिना जीपीएस लगे यात्री वाहनों के प्रवेश पर अब रोक लगा दी गई है. जिसे लेकर आरटीओ प्रवर्तन ने सभी यात्री वाहनों की चेकिंग की. चेकिंग के दौरान कई यात्री वाहनों में जीपीएस लगा मिला तो कई वाहनों में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा हुआ था. जिस पर उन्हें नोटिस थमाया गया. वहीं, विक्रम यूनियन के संचालक भी मौके पर पहुंच गए और जोरदार प्रदर्शन किया.

बता दें कि देहरादून में हमेशा जाम की स्थिति देखने को मिलती है. परिवहन विभाग बदहाल यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास सिर्फ जीपीएस लगे सार्वजनिक यात्री वाहन ही संचालित करने की कवायद में है. लिहाजा, इसके लिए यात्री वाहन संचालकों को जीपीएस सिस्टम लगवाने के लिए 15 फरवरी तक समय दिया गया था. जो आज खत्म हो गया है. समय सीमा खत्म होने के बाद आज घंटाघर और परेड ग्राउंड के फ्रिज जोन में आरटीओ प्रवर्तन टीम के साथ उतरे. इन दौरान कई यात्री वाहनों को चेक किया गया.

चेकिंग के दौरान कई यात्री वाहनों में जीपीएस लगा मिला और जिन यात्री वाहनों में जीपीएस नहीं लगा हुआ था, उनके नंबर लेकर उनको नोटिस भेजने का काम किया जाएगा. वहीं, आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि शुरुआत में जिन यात्री वाहनों में जीपीएस नहीं लगे हैं, उनको नोटिस भेजने का काम किया जाएगा और अगर जल्द ही जीपीएस सिस्टम नहीं लगाया गया तो उनके परमिट निरस्त करने का काम किया जाएगा.

विक्रम यूनियन का विरोध: फ्रिज जोन में यात्री वाहनों को चेकिंग के दौरान विक्रम यूनियन के ड्राइवर भी मौके पर पहुंच गए और जीपीएस लगाने के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया. विक्रम यूनियन के अध्यक्ष संजय अरोड़ा ने कहा कि आरटीओ विभाग अपनी मनमानी कर रहा है. जबकि, केंद्र से भी लागू है कि तीन पहिया वाहनों को जीपीएस में छूट है, लेकिन आरटीओ विभाग जबरदस्ती सभी यात्री वाहनों में जीपीएस लगाने के लिए कह रहा है.

आरटीओ विभाग कहीं न कहीं टाटा मैजिक संचालकों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है. क्योंकि, चेकिंग के दौरान टाटा मैजिक का चालान नहीं किया जाता है और इनको टैक्स फ्री रखा हुआ. जबकि, विक्रम का चालान किया जा रहा है. उनसे कई हजारों रुपए का टैक्स वसूला जा रहा है. संजय अरोड़ा ने चेतावनी दी है कि अगर आरटीओ अपनी मनमानी नहीं रोकता है तो सभी यात्री वाहन हड़ताल पर चले जाएंगे.

गौर हो कि गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे की अध्यक्षता में 23 दिसंबर को मामले को लेकर बैठक हुई थी. बैठक में लिए गए निर्णयों पर 11 जनवरी को राज्य सरकार की स्वीकृति मिली. जिसके बाद 12 जनवरी को परिवहन विभाग ने मामले में आदेश जारी कर दिए. आरटीए की बैठक में घंटाघर और परेड ग्राउंड के आसपास के 2 किलोमीटर क्षेत्र को फ्रिज जोन घोषित कर दिया गया. ऐसे में इस क्षेत्र में केवल जीपीएस लगे यात्री वाहन ही संचालित होने की बात कही गई.

इसके लिए 15 फरवरी तक की समय सीमा दी गई. साथ ही कहा गया कि यात्री वाहन इस तारीख तक वाहनों में जीपीएस लगा लें. अगर जीपीएस सिस्टम नहीं लगाता तो फ्रीज जोन में यात्री वाहनों का संचालन नहीं होने दिया जाएगा. बता दें कि देहरादून के 6 रूटों पर इस नियम का पालन कराया जाएगा. इन रूट पर 208 सिटी बसें, 478 मैजिक, 500 ऑटो, 600 ई रिक्शा, 500 विक्रमों का संचालन होता है. इस तरह से 2300 सार्वजनिक यात्री वाहनों का संचालन इन रूट पर किया जाता है.

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Last Updated : Feb 16, 2024, 11:06 PM IST
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