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रोजाना 2 किलों मीटर चलने से क्या होता है? ब्रिस्क वॉकिंग क्या है और दिल के मरीजों के लिए कैसे करता है काम? जानें

एक्सपर्ट से जानें हार्ट डिजीज से जूझ रहे लोगों के लिए ब्रिस्क वॉकिंग कितनी जरूरी है और रोजाना 2 किलोमीटर पैदल चलने के क्या फायदे हैं...

What happens if you walk 2 kilometers a day?
रोजाना 2 किलों मीटर चलने से क्या होता है? ब्रिस्क वॉकिंग क्या है और दिल के मरीजों के लिए कैसे करता है काम? (Getty Images)
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By ETV Bharat Lifestyle Team

Published : Oct 31, 2024, 5:30 AM IST

Updated : Oct 31, 2024, 11:29 AM IST

हमारे देश में हृदय रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ज्यादातर लोगों को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ रहा है. इसका मुख्य कारण तनावपूर्ण जीवन शैली और खानपान की गलत आदतें हैं. इसके अलावा बहुत अधिक तला-भुना खाना, व्यायाम की कमी और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों भी इस समस्या की वजह है. इन आदतों के कारण भी यह समस्या ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है. आजकल यह बीमारी उम्र देखकर नही हो रही, यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है .

ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को गलत आदतों वाली जीवनशैली से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए. इस बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा कच्ची सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए. वहीं कम समय के लिए भी शारीरिक गतिविधि करके स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है. रोजाना सिर्फ 2 किलोमीटर पैदल चलने से शरीर को दोगुना फायदा हो सकता है. जानें हृदय रोगियों को विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार किस प्रकार की वॉकिंग करनी चाहिए, खबर में जानते हैं रोजाना 2 किलोमीटर पैदल चलने से क्या फायदे होंगे...

ब्रिस्क वॉकिंग क्या है?
ब्रिस्क वॉकिंग एक वॉकिंग का प्रकार है. इस प्रकार की वॉकिंग में हमें सामान्य वॉकिंग की तुलना में थोड़ा तेज चलना पड़ता है. इसमें व्यक्ति को 3 मील प्रति घंटा या 100 कदम प्रति मिनट चलना होता है. ऐसे में इस दौरान हृदय गति 110 से 120 बीट प्रति मिनट तक हो जाती है. जो कि हार्ट पेशेंट और हेल्दी लोगों के लिए काफी फायदेमंद है.

रोजाना 2 किलोमीटर पैदल चलने के फायदे

हार्ट और फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करता है.

प्रतिदिन तेज गति से टहलने से हृदय संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है.

इस तरह टहलने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. यह रक्त संचार को सही रखने में मदद करता है. एक्टिव तौर से पैदल चलने से हम हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं.

आजकल बहुत से लोगों को कम उम्र में ही जोड़ों के दर्द जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. यह बढ़े हुए यूरिक एसिड या गठिया सहित अन्य समस्याओं के कारण हो सकता है. इसलिए इससे राहत पाने के लिए बेहतर है कि आप रोजाना तेज गति से चलना शुरू करें.

सप्ताह में 5 बार 30 मिनट तक तेज चलने से वजन नियंत्रित रहता है. इस तरह चलने से अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है. जिससे आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं.

फास्ट वॉकिंग शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप जो जूते पहन रहे हैं वह आरामदायक हैं या नहीं. क्योंकि सही जूते न पहनने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसलिए फुटवियर का चुनाव बहुत जरूरी है. अन्यथा इससे पूरे दिन थकान और पैरों में दर्द हो सकता है.

हाल के वर्षों में वायु प्रदूषण बढ़ा है. इसलिए सांस संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सुरक्षा सावधानियां बरतना जरूरी है. अगर आप बाहर जाएं तो मास्क पहनना न भूलें. इसके अलावा, यह हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा देता है. इसके अलावा कुछ लोग अधिक लाभ पाने के लिए चलते समय शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं. लेकिन यह गलत है. जब शरीर को आराम की जरूरत हो तो अधिक काम न करें.

सोर्स- https://www.nhs.uk/live-well/exercise/walking-for-health/

(डिस्कलेमर:- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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हमारे देश में हृदय रोग के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. ज्यादातर लोगों को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ रहा है. इसका मुख्य कारण तनावपूर्ण जीवन शैली और खानपान की गलत आदतें हैं. इसके अलावा बहुत अधिक तला-भुना खाना, व्यायाम की कमी और धूम्रपान जैसी बुरी आदतों भी इस समस्या की वजह है. इन आदतों के कारण भी यह समस्या ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रभावित कर रही है. आजकल यह बीमारी उम्र देखकर नही हो रही, यह किसी भी उम्र के लोगों को प्रभावित कर रही है .

ऐसे में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी से बचाव के लिए लोगों को गलत आदतों वाली जीवनशैली से बाहर निकलने की कोशिश करनी चाहिए. इस बचने के लिए लोगों को ज्यादा से ज्यादा कच्ची सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए. वहीं कम समय के लिए भी शारीरिक गतिविधि करके स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है. रोजाना सिर्फ 2 किलोमीटर पैदल चलने से शरीर को दोगुना फायदा हो सकता है. जानें हृदय रोगियों को विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार किस प्रकार की वॉकिंग करनी चाहिए, खबर में जानते हैं रोजाना 2 किलोमीटर पैदल चलने से क्या फायदे होंगे...

ब्रिस्क वॉकिंग क्या है?
ब्रिस्क वॉकिंग एक वॉकिंग का प्रकार है. इस प्रकार की वॉकिंग में हमें सामान्य वॉकिंग की तुलना में थोड़ा तेज चलना पड़ता है. इसमें व्यक्ति को 3 मील प्रति घंटा या 100 कदम प्रति मिनट चलना होता है. ऐसे में इस दौरान हृदय गति 110 से 120 बीट प्रति मिनट तक हो जाती है. जो कि हार्ट पेशेंट और हेल्दी लोगों के लिए काफी फायदेमंद है.

रोजाना 2 किलोमीटर पैदल चलने के फायदे

हार्ट और फेफड़ों के स्वास्थ्य में सुधार करता है.

प्रतिदिन तेज गति से टहलने से हृदय संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है.

इस तरह टहलने से ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है. यह रक्त संचार को सही रखने में मदद करता है. एक्टिव तौर से पैदल चलने से हम हार्ट डिजीज के खतरे को कम कर सकते हैं.

आजकल बहुत से लोगों को कम उम्र में ही जोड़ों के दर्द जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है. यह बढ़े हुए यूरिक एसिड या गठिया सहित अन्य समस्याओं के कारण हो सकता है. इसलिए इससे राहत पाने के लिए बेहतर है कि आप रोजाना तेज गति से चलना शुरू करें.

सप्ताह में 5 बार 30 मिनट तक तेज चलने से वजन नियंत्रित रहता है. इस तरह चलने से अतिरिक्त कैलोरी बर्न होती है. जिससे आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं.

फास्ट वॉकिंग शुरू करने से पहले आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप जो जूते पहन रहे हैं वह आरामदायक हैं या नहीं. क्योंकि सही जूते न पहनने से फायदे से ज्यादा नुकसान हो सकता है. इसलिए फुटवियर का चुनाव बहुत जरूरी है. अन्यथा इससे पूरे दिन थकान और पैरों में दर्द हो सकता है.

हाल के वर्षों में वायु प्रदूषण बढ़ा है. इसलिए सांस संबंधी समस्याओं से बचने के लिए सुरक्षा सावधानियां बरतना जरूरी है. अगर आप बाहर जाएं तो मास्क पहनना न भूलें. इसके अलावा, यह हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ा देता है. इसके अलावा कुछ लोग अधिक लाभ पाने के लिए चलते समय शरीर पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं. लेकिन यह गलत है. जब शरीर को आराम की जरूरत हो तो अधिक काम न करें.

सोर्स- https://www.nhs.uk/live-well/exercise/walking-for-health/

(डिस्कलेमर:- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह ले लें.)

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Last Updated : Oct 31, 2024, 11:29 AM IST
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