Sitting Too Long : आज की आधुनिक जीवनशैली में लंबे समय तक बैठे रहना एक आम आदत बन गई है, चाहे वह ऑफिस में काम करते हुए हो, गाड़ी चलाते हुए हो या घर पर टीवी देखते हुए. चिकित्सकों की माने तो यह आदत या व्यवहार हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी नुकसानदायक प्रभाव डाल सकता है.
नई दिल्ली (दक्षिण) के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश अग्रवाल बताते हैं कि कई बार काम, पढ़ाई, आलस या बीमारी सहित कई कारणों से लोग अपना काफी समय कुर्सी पर, सोफ़े पर या पलंग पर बैठ कर या आधी बैठी व आधी लेटी अवस्था में गुजारते हैं. ऐसा व्यवहार किसी भी उम्र के महिलाओं, पुरुषों या बच्चों के लिए ना सिर्फ सिर्फ पॉशचर संबंधी या हड्डी व मांसपेशियों से जुड़ी समस्याओं व रोगों, बल्कि कई अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है. वहीं बैठे रहने की आदत या उसके प्रभावों के चलते कई गंभीर रोगों व समस्याओं के ट्रिगर होने का खतरा भी बढ़ सकता है.
लंबे समय तक बैठे रहने के प्रमुख नुकसान : चिकित्सकों के अनुसार अपने दिन का ज्यादा समय बैठकर बिताने वालों में जिन समस्याओं का खतरा रहता हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- मांसपेशियों और हड्डियों पर असर: लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं. खासकर, पीठ और पेट की मांसपेशियां धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगती हैं, जिससे पीठ दर्द और मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है. इसके अलावा, बैठने की गलत स्थिति से रीढ़ की हड्डी और गर्दन में दर्द या कुछ अन्य समस्याएं भी हो सकती है.
- मोटापा और वजन बढ़ना: जब आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो शरीर कम कैलोरी जलाता है. इससे आपके वजन में तेजी से वृद्धि हो सकती है. इसके साथ ही शरीर में चर्बी जमने लगती है, जो मोटापे का कारण बनती है. वजन बढ़ने से डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, और अन्य मेटाबॉलिक समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है.
- हृदय रोग का खतरा: लंबे समय तक बैठे रहने से हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है. जब हम घंटों तक बैठे रहते हैं, तो रक्त प्रवाह धीमा हो जाता है, जिससे धमनियों में चर्बी जमा हो सकती है. इससे रक्त संचार प्रभावित होता है, और हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम बढ़ सकता है.
- डायबिटीज का खतरा: लगातार बैठे रहने से शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता कम हो जाती है, जिससे रक्त में शर्करा का स्तर बढ़ सकता है. इससे टाइप-2 डायबिटीज होने की आशंका बढ़ सकती है.
- मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव: अधिक समय तक बैठे रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है. यह तनाव, अवसाद, और चिंता जैसी मानसिक समस्याओं को बढ़ावा देता है. शारीरिक गतिविधियों की कमी से मस्तिष्क में एंडोर्फिन (खुशी का हार्मोन) का उत्पादन कम हो जाता है, जिससे मूड स्विंग्स और मानसिक थकान महसूस हो सकती है.
- कैंसर का खतरा: लंबे समय तक बैठे रहने से शरीर में सूजन संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जो कैंसर जैसी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा देती हैं.
कैसे मिल सकती है समस्या के प्रभावों में राहत
Dr Rakesh Agarwal, orthopedic specialist बताते हैं कि सिर्फ स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए ही नहीं बल्कि एक अच्छी गुणवत्ता वाला जीवन जीने के लिए भी बहुत जरूरी है कि सक्रिय दिनचर्या का पालन किया जाए. वहीं ऐसे लोग जिन्हे जरूरी कारणों से लंबे समय तक कुर्सी पर बैठना पड़ता ही है उनके लिए भी ऐसे उपाय या विकल्प हैं जिनकी मदद से वे इस व्यवहार के गलत प्रभावों से बच सकते हैं.
Dr Rakesh Agarwal बताते हैं कि कुछ आदतों व व्यवहार को अपनी दिनचर्या में शामिल करने से लंबे समय तक बैठे रहने के खराब प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है. जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- नियमित रूप से ब्रेक लें: अगर आप ऑफिस में काम करते हैं और लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो हर 30-40 मिनट में खड़े हों, चलें और स्ट्रेचिंग करें. इससे आपकी मांसपेशियों में तनाव कम होगा और रक्त प्रवाह बेहतर होगा.
- एक्टिविटी बढ़ाएं: रोजाना 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि को अपने दिनचर्या में शामिल करें, जैसे चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना या योग करना. इससे न केवल आपका शरीर फिट रहेगा, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.
- सही बैठने की मुद्रा: बैठते समय सही मुद्रा अपनाएं. पीठ सीधी रखें, और कुर्सी पर इस तरह से बैठें कि आपकी रीढ़ की हड्डी को सहारा मिले. यह आपको पीठ और गर्दन के दर्द से बचा सकता है.
- वर्कस्टेशन को एडजस्ट करें: अगर संभव हो तो स्टैंडिंग डेस्क का इस्तेमाल करें, ताकि आप काम करते समय बैठने की बजाय खड़े रह सकें.
डिस्कलेमर :- यहां दी गई जानकारी और सुझाव सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें.