कर्पूरवल्ली (जिसे आम तौर पर भारतीय बोरेज, देसी बोरेज या मैक्सिकन मिंट के नाम से जाना जाता है) यह एक औषधीय पौधा है, जिसका पारंपरिक चिकित्सा में मुख्य रूप से उपयोग किया जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम प्लेक्ट्रैन्थस एम्बोइनिकस या कोलियस एम्बो है. कई भारतीय घरों में पाए जाने वाले औषधीय पौधों में से एक है. हालांकि, बहुत से लोग इसके औषधीय गुणों के बारे में नहीं जानते हैं. कर्पूरवल्ली की पत्तियां आपके शरीर को स्वस्थ रखने में कैसे मदद कर सकती हैं, इस खबर में पढ़ें
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित के शोध के अनुसार, कर्पूरवल्ली का इस्तेमाल अस्थमा, बुखार, सर्दी-जुकाम, खांसी, वजन घटाने, सफेद बालों और रूसी से निजात दिलाने और बालों के विकास को बढ़ावा देने के लिए भी किया जा सकता है. कर्पूरवल्ली मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय राज्यों में पाया जाता है. भारत के अधिकांश राज्यों में बारिश का मौसम खत्म हो चुका है और सर्दी की शुरूआत हो चुकी है, ऐसे में ज्यादातर लोग इस मौसम में सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित होते हैं.
विशेष रूप से, इस मौसम में बच्चे और बुजुर्गों के सीने में दर्द की समस्या रहती है. इसका मुख्य कारण सर्दी-जुकाम के कारण छाती में बलगम का जमना होता है, ऐसे में छाती के बलगम को दूर करने के लिए कर्पूरवल्ली या मैक्सिकन मिंट का काढ़ा काफी फायदेमंद होता है. इस खबर के माध्यम से जानें कि कर्पूरवल्ली या मैक्सिकन का काढ़ा घर पर कैसे बनाया जाए, इसके साथ ही इसे कब और कैसे पीएं इसके बारे में भी जानें...
आवश्यक सामग्री
- कर्पूरवल्ली या मैक्सिकन मिंट की पत्तियां - 4
- लहसुन - 3 से 4 कलियां
- लौंग - 2
- इलायची - 1
- काली मिर्च - आधा चम्मच
- जीरा - 1/2 छोटा चम्मच
- अदरक - छोटा टुकड़ा
- शहद - 1/4 छोटी चम्मच
- पानी – आवश्यक मात्रा में.
कर्पूरवल्ली या मैक्सिकन मिंट का बनाने की विधि
- एक मिक्सर जार में सभी सामग्री को बिना पानी डाले एक साथ पीस लें.
- फिर आधा गिलास पानी डालकर एक बार और पीस लें.
- अब गैस पर एक पैन चढ़ाएं और उसमें पिसी हुई सामग्री डाल दें.
- अब इसमें 1 गिलास पानी डालकर उबाल लें.
- जब यह उबल रहा हो, तो हल्दी डालें और मिलाएं और फिर स्टोव बंद कर दें
- अब काढ़े वाले बर्तन को ढककर ठंडा होने के लिए छोड़ दें
- ठंडा होने के बाद इसे छन्नी की मदद से एक जार या बर्तन में छान लें.
कैसे पियें?:
- रात को खाना खाने के 1 घंटे बाद आधा गिलास काढ़ा शहद के साथ पी सकते हैं, ध्यान रहें काढ़ा पीने के बाद कुछ भी न खाएं.
- काढ़ा तीखा होने के कारण बच्चों को देते समय 1 चम्मच काढ़ा में एक चम्मच शहद या पानी मिलाकर दें.
- वयस्कों को सलाह दी जाती है कि वे आधे गिलास से अधिक काढ़ा न पियें.
कर्पूरवल्ली या मैक्सिकन मिंट की पत्तियां, एक सुगंधित जड़ी बूटी, सर्दी, खांसी, सिरदर्द आदि के लिए उपचार गुण रखती हैं. बच्चों में सीने की सर्दी के लिए विशेष रूप से अच्छा है. मैक्सिकन मिंट की पत्तियों का काढ़ा बनाकर महीने में एक बार पीने से सर्दी-खांसी की समस्या नहीं होगी.
(नोट: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सुझाव केवल आपके समझने के लिए हैं. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. लेकिन, बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)