माले : ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज का प्रभाव दुनियाभर के देशों पर पड़ रहा है. यही वजह है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर की वजह से तटीय इलाकों में से एक मालदीव के समंदर में डूबने का खतरा बढ़ रहा है.
बता दें कि बड़े-बड़े ग्लेशियर लगातार पिघल रहे हैं, इस कारण समुद्र का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसमें सबसे अधिक असर द्वीपीय देशों और तटीय इलाकों पर हो रहा है. ऐसा होने से मालदीव के समुद्र में डूबने का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. गौरतलब है कि द्वीपीय देश ऐसे देश होते हैं जिनका मुख्य क्षेत्र एक या एक से अधिक द्वीपों पर होता है. भारत के पड़ोसी देशों में श्रीलंका और मालदीव शामिल हैं.
Nel 1989 l’ONU aveva previsto che le Maldive sarebbero affondate se non fosse stato impedito il riscaldamento globale. pic.twitter.com/7Ff98PRuca
— Wbfe3🍊🚜8️⃣8️⃣🪂 (@ravel80262268) September 4, 2024
मालदीव के अधिकतर इलाकों की समुद्र तल से ऊंचाई सिर्फ एक मीटर
धरती पर स्वर्ग कहे जाने वाले मालदीव में 1200 द्वीप हैं और इनकी 900 किलोमीटर लंबी चेन है. मालदीव के अधिकतर इलाकों की समुद्र तल से ऊंचाई सिर्फ एक मीटर मतलब 3.3 फीट ही है, जो सबसे कम समुद्र तल वाले देशों में शामिल है. इतना ही नहीं मालदीव को बचाने के लिए अमेरिका का संस्थान एमआईटी, सेल्फ असेंबली लैब के साथ मालदीव का संगठन इन्वेना एक से अधिक प्राकृतिक समाधान की दिशा में काम कर रहा है. इतना ही नहीं उनके द्वारा पानी के अंदर डूब जाने वाले ढांचे का प्रयोग करके द्वीपों को बचाने के लिए सावधानी से चुने गए स्थानों पर रेत को जमा करने के लिए समुद्र की शक्तियों का प्रयोग कर रहे हैं.
इस संबंध में सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार इसके माध्यम से ये संगठन नए संभावित द्वीप को विकसित कर रहे हैं. इसी क्रम में वर्ष 2019 में इन संगठनों ने उन सभी द्वीपों का फील्ड टेस्ट किया था जहां पर क्षरण हो रहा था.
2050 तक मालदीव का 80 फीसदी हिस्सा डूब जाएगा
दूसरी तरफ वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि जिस तरह से मालदीव के चारों तरफ हर साल समुद्र का जलस्तर 3 से 4 मिलीमीटर बढ़ रहा है. ऐसे में यहां पर आगामी कुछ वर्षों में जलस्तर एक मीटर तक बढ़ सकता है. उन्होंने दावा किया है कि 2050 तक मालदीव का 80 प्रतिशत हिस्सा पानी में डूब जाएगा. वैज्ञानिकों के इस दावे के बाद मुइज्जू सरकार ने देश को डूबने से बचाने के लिए जरूरी प्रयास की दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं.
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