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ब्रिटेन: अबकी बार लेबर पार्टी 400 पार, जानें क्या रहे प्रमुख मुद्दे, नये पीएम कीर स्टारमर किन चुनौतियों का करेंगे सामना - uk general election 2024 result

UK General Election 2024 Result: ब्रिटेन के आम चुनाव में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है. लेबर पार्टी 400 से अधिक सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, लेबर ने कॉमन्स में 650 सीटों में से 400 से ज्यादा सीटें जीती हैं. ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को सिर्फ़ 110 से ज्यादा सीटों पर बढ़त हासिल है. लिबरल डेमोक्रेट्स ने बड़ी बढ़त हासिल की है, जबकि एसएनपी ने अपनी ज्यादातर सीटें खो दी हैं.

UK General Election 2024 Result
ब्रिटेन के भावी प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की फाइल फोटो. (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jul 5, 2024, 12:07 PM IST

Updated : Jul 5, 2024, 12:16 PM IST

लंदन: लेबर पार्टी ने अब बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए आवश्यक 326 सीटों की जादुई संख्या को पार कर लिया है. अब हम कह सकते हैं कि 2024 के चुनाव में लेबर पार्टी विजयी होगी. कीर स्टारमर यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कीर स्टारमर के लिए ब्रिटेन के नये पीएम का ताज कांटों भरा होगा. उनके सामने चुनौतियों की सूची वास्तव में बहुत लंबी है.

ये रहे सुनक के हार के कारण: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के हालात पिछले कुछ वर्षों में बद से बदतर हो गई है. विशेष रूप से सार्वजनिक सेवाएं चरमरा रही हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा सबसे खस्ताहाल दौर से गुजर रहा है. डॉक्टरों की नियुक्तियां लंबे समय से लंबित है. एम्बुलेंस सेवाओं में भी काफी शिकायतें सुनने को मिल रही. नदियों में गंदिगी, जेलों में अवस्था, अदालतों में लंबित मुकदमें और पुस्तकालय और स्विमिंग पूलों का बंद होना इन चुनावों में विशेष मुद्दे रहे. अल जजीरा के मुताबिक, कंजर्वेटिव शासन के पिछले कुछ वर्षों की अराजकता ने मूल रूप से सरकार को विचलित कर दिया है क्योंकि यह सरकारों को जो करना चाहिए, उससे विचलित हो गई है.

स्टारमर का वादा: ब्रिटेन की मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक कीर स्टारमर ने यही वादा किया है कि उनकी लेबर पार्टी इन स्थितियों को बदल देगी. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, क्या वह ऐसा कर पायेंगे, इसमें कितना समय लगेगा यह तो अगले कुछ हफ्तों में ही साफ हो पायेगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारमर आज दिन के खत्म होते-होते अपने मंत्रिमंडल का नाम तय कर लेंगे. फिर उन्हें अगले हफ्ते नाटो शिखर सम्मेलन में जाने जैसे काम करने होंगे, इसलिए उन्हें बहुत तेजी से बहुत कुछ करना है और वह यह जानते हैं.

ब्रिटीश मीडिया लेबर की आज की जीत और टोनी ब्लेयर के नेतृत्व में 1997 की जीत के बीच कई तुलनाएं की जा रही है. लेकिन ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन के नेतृत्व वाली लेबर सरकार के पूर्व नीति सलाहकार पैट्रिक डायमंड ने अल जजीरा को बताया कि आज की स्थिति काफी अलग है.

अल जजीरा से बात करते हुए क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डायमंड ने कहा कि 1997 में, देश में इस तथ्य के आधार पर आशा और आशावाद की भावना अधिक थी. तब ब्रिटेन बहुत अलग स्थिति में था. उस समय आर्थिक रूप से यह बहुत अच्छा कर रहा था.

उन्होंने कहा कि आज कीर स्टारमर को जो देश विरासत में मिला है, वह बहुत अलग स्थिति में है. अर्थव्यवस्था कुछ समय से कमजोर रही है, यह कोविड, यूक्रेन युद्ध और इसी तरह के अन्य परिणामों से निपटने के लिए कई झटकों से गुजरी है.

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लंदन: लेबर पार्टी ने अब बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए आवश्यक 326 सीटों की जादुई संख्या को पार कर लिया है. अब हम कह सकते हैं कि 2024 के चुनाव में लेबर पार्टी विजयी होगी. कीर स्टारमर यूनाइटेड किंगडम के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. हालांकि, यह कहना गलत नहीं होगा कीर स्टारमर के लिए ब्रिटेन के नये पीएम का ताज कांटों भरा होगा. उनके सामने चुनौतियों की सूची वास्तव में बहुत लंबी है.

ये रहे सुनक के हार के कारण: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था के हालात पिछले कुछ वर्षों में बद से बदतर हो गई है. विशेष रूप से सार्वजनिक सेवाएं चरमरा रही हैं. राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा सबसे खस्ताहाल दौर से गुजर रहा है. डॉक्टरों की नियुक्तियां लंबे समय से लंबित है. एम्बुलेंस सेवाओं में भी काफी शिकायतें सुनने को मिल रही. नदियों में गंदिगी, जेलों में अवस्था, अदालतों में लंबित मुकदमें और पुस्तकालय और स्विमिंग पूलों का बंद होना इन चुनावों में विशेष मुद्दे रहे. अल जजीरा के मुताबिक, कंजर्वेटिव शासन के पिछले कुछ वर्षों की अराजकता ने मूल रूप से सरकार को विचलित कर दिया है क्योंकि यह सरकारों को जो करना चाहिए, उससे विचलित हो गई है.

स्टारमर का वादा: ब्रिटेन की मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक कीर स्टारमर ने यही वादा किया है कि उनकी लेबर पार्टी इन स्थितियों को बदल देगी. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, क्या वह ऐसा कर पायेंगे, इसमें कितना समय लगेगा यह तो अगले कुछ हफ्तों में ही साफ हो पायेगा.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्टारमर आज दिन के खत्म होते-होते अपने मंत्रिमंडल का नाम तय कर लेंगे. फिर उन्हें अगले हफ्ते नाटो शिखर सम्मेलन में जाने जैसे काम करने होंगे, इसलिए उन्हें बहुत तेजी से बहुत कुछ करना है और वह यह जानते हैं.

ब्रिटीश मीडिया लेबर की आज की जीत और टोनी ब्लेयर के नेतृत्व में 1997 की जीत के बीच कई तुलनाएं की जा रही है. लेकिन ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन के नेतृत्व वाली लेबर सरकार के पूर्व नीति सलाहकार पैट्रिक डायमंड ने अल जजीरा को बताया कि आज की स्थिति काफी अलग है.

अल जजीरा से बात करते हुए क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डायमंड ने कहा कि 1997 में, देश में इस तथ्य के आधार पर आशा और आशावाद की भावना अधिक थी. तब ब्रिटेन बहुत अलग स्थिति में था. उस समय आर्थिक रूप से यह बहुत अच्छा कर रहा था.

उन्होंने कहा कि आज कीर स्टारमर को जो देश विरासत में मिला है, वह बहुत अलग स्थिति में है. अर्थव्यवस्था कुछ समय से कमजोर रही है, यह कोविड, यूक्रेन युद्ध और इसी तरह के अन्य परिणामों से निपटने के लिए कई झटकों से गुजरी है.

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Last Updated : Jul 5, 2024, 12:16 PM IST
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