मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 3 सितंबर से मंगोलिया की यात्रा पर जा रहे हैं. ऐसे में चर्चा है कि क्या मंगोलिया में पुतिन को गिरफ्तार किया जा सकता है. क्योंकि इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट (ICC) ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है. वहीं रूस का कहना है कि राष्ट्रपति पुतिन को किसी बात का कोई डर नहीं है.
2023 में निकाला गया था गिरफ्तारी वारंट
इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट (ICC) ने मार्च 2023 में यूक्रेन के बच्चों के अवैध निर्वासन के मामले में पुतिने के विरुद्ध वारंट जारी किया था. इसी वजह से पुतिन के मंगोलिया जाने पर गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है, क्योंकि मंगोलिया इंटरनेशनल क्राइम कोर्ट का हिस्सा है.
रूस ने कहा- हमें किसी का डर नहीं
उधर, क्रेमलिन यानी रूसी राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि इसमें कोई चिंता की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि मंगोलिया के साथ हमारे अच्छे संबंध हैं. दौरे को विभिन्न पहलुओं को मद्देनजर रखते हुए बनाया गया है. वहीं यूक्रेन ने मंगोलिया से अनुरोध किया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन जब मंगोलिया का दौरा करें तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि मंगोलिया सरकार को इस बात का पता है कि पुतिन एक युद्ध अपराधी हैं. इस वजह से आईसीसी के गिरफ्तारी वारंट का पालन करते हुए पुतिन को गिरफ्तार कर लिया जाना चाहिए.
मंगोलिया है आईसीसी का सदस्य
बता दें कि मंगोलिया दिसंबर 2000 में आईसीसी की रोम संधि पर हस्ताक्षर किए थे. इस संधि के मुताबिक पुतिन यदि उसके इलाके में कदम रखते हैं तो पुतिन को गिरफ्तार किया जाएगा. क्योंकि आईसीसी के 124 सदस्य देशों में किसी भी देश से वारंट को लागू करने की अपेक्षा होगी.
हालांकि आईसीसी के पास अपनी किसी तरह की पुलिस नहीं है और गिरफ्तारी वारंट को अमल में लाने के लिए उसे अपने सदस्य देशों के सहयोग की जरूरत होती है. ऐसा नहीं करने पर कोर्ट को मामले की रिपोर्ट आईसीसी की प्रबंध संस्था को देनी होगी जिसे असेंबली ऑफ स्टेट पार्टीज कहा जाता है.
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