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पाकिस्तान: नेशनल असेंबली को काम नहीं करने देंगे: पीटीआई

PTI not let National Assembly function: पाकिस्तान में इमरान खान की पार्टी की ओर से चेतावनी दी गई है. कहा गया कि जब तक उचित अधिकार नहीं मिलता नेशनल असेंबली में गतिरोध जारी रखेंगे.

Pakistan Imran Khan will not let National Assembly function unless they get due rights(file photo IANS)
पाकिस्तान के इमरान खान उचित अधिकार नहीं मिलने तक नेशनल असेंबली को काम नहीं करने देंगे (फाइल फोटो आईएएनएस)
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By ANI

Published : Mar 2, 2024, 10:50 AM IST

इस्लामाबाद: सत्ताधारी गठबंधन पर हमला करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता जुनैद अकबर ने चेतावनी दी कि वे नेशनल असेंबली को तब तक काम नहीं करने देंगे जब तक कि उनके उचित अधिकारों का प्रावधान नहीं हो जाता. जियो न्यूज ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट दी. पीटीआई नेता जो सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के विधायक भी हैं. उन्होंने संसद के नवनिर्वाचित निचले सदन के दूसरे सत्र में अपने तीखे भाषण के दौरान यह टिप्पणी की.

सदन में अकबर ने कहा, 'हम इस विधानसभा को मान्यता नहीं देते हैं. हम न तो इस पर कानून बनाएंगे और न ही इसकी अनुमति देंगे.' विशेष रूप से इमरान खान द्वारा स्थापित पार्टी ने दावा किया कि 8 फरवरी के आम चुनाव के दौरान उनका जनादेश 'चोरी' हुआ. इसने चुनावों को 'धांधली' करार दिया है और कार्यवाहक सरकार पर चुनावों से पहले 'समान अवसर' देने से इनकार करने का आरोप लगाया है.

अकबर ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी पर ताजा हमला बोलते हुए कहा, 'सिंध हाउस में सांसदों के खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया.' कुछ को धमकाया गया, कुछ को उनके वीडियो दिखाए गए. पीटीआई के साथ कथित भेदभाव के मामलों को उजागर करते हुए, विधायक ने कहा कि 9 मई के उपद्रव की आड़ में उनकी पार्टी से उसका चुनावी प्रतीक 'बल्ला' छीन लिया गया.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीटीआई संस्थापक की हत्या के दो प्रयास किए गए. उन्होंने कहा कि 9 मई को पीटीआई के करीब 34 समर्थक मारे गए और खान द्वारा स्थापित पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई. मेरे और मेरे दोस्तों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए. 190 मिलियन पाउंड के निपटान मामले में अपदस्थ प्रधान मंत्री की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को लगभग पूरे देश में दंगे भड़क उठे थे.

जियो न्यूज के अनुसार हिंसा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल होने के लिए सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने रावलपिंडी में जिन्ना हाउस और जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) सहित नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. सेना ने 9 मई को 'काला दिवस' करार दिया और उपद्रवियों पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का फैसला किया.

8 फरवरी के आम चुनावों में कथित धांधली के बारे में बात करते हुए पीटीआई नेता ने कहा कि जिन्हें फॉर्म 45 के अनुसार हार का सामना करना पड़ा, वे सदन में बैठे थे. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को संविधान का 'उल्लंघन' करने और देश को नुकसान पहुंचाने के लिए जवाबदेह ठहराने की भी कसम खाई. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई ने सरकार और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा से 9 मई की हिंसा का पता लगाने के लिए नए सिरे से जांच शुरू करने का आग्रह किया.

ये भी पढ़ें- नवाज शरीफ सहित पाकिस्तान के नवनिर्वाचित सांसदों ने शपथ ली, संसद का पहला सत्र शुरू

इस्लामाबाद: सत्ताधारी गठबंधन पर हमला करते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ नेता जुनैद अकबर ने चेतावनी दी कि वे नेशनल असेंबली को तब तक काम नहीं करने देंगे जब तक कि उनके उचित अधिकारों का प्रावधान नहीं हो जाता. जियो न्यूज ने शुक्रवार को यह रिपोर्ट दी. पीटीआई नेता जो सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल (एसआईसी) के विधायक भी हैं. उन्होंने संसद के नवनिर्वाचित निचले सदन के दूसरे सत्र में अपने तीखे भाषण के दौरान यह टिप्पणी की.

सदन में अकबर ने कहा, 'हम इस विधानसभा को मान्यता नहीं देते हैं. हम न तो इस पर कानून बनाएंगे और न ही इसकी अनुमति देंगे.' विशेष रूप से इमरान खान द्वारा स्थापित पार्टी ने दावा किया कि 8 फरवरी के आम चुनाव के दौरान उनका जनादेश 'चोरी' हुआ. इसने चुनावों को 'धांधली' करार दिया है और कार्यवाहक सरकार पर चुनावों से पहले 'समान अवसर' देने से इनकार करने का आरोप लगाया है.

अकबर ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी पर ताजा हमला बोलते हुए कहा, 'सिंध हाउस में सांसदों के खरीद-फरोख्त का मामला सामने आया.' कुछ को धमकाया गया, कुछ को उनके वीडियो दिखाए गए. पीटीआई के साथ कथित भेदभाव के मामलों को उजागर करते हुए, विधायक ने कहा कि 9 मई के उपद्रव की आड़ में उनकी पार्टी से उसका चुनावी प्रतीक 'बल्ला' छीन लिया गया.

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीटीआई संस्थापक की हत्या के दो प्रयास किए गए. उन्होंने कहा कि 9 मई को पीटीआई के करीब 34 समर्थक मारे गए और खान द्वारा स्थापित पार्टी के नेतृत्व के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई. मेरे और मेरे दोस्तों के खिलाफ राजद्रोह के मामले दर्ज किए गए. 190 मिलियन पाउंड के निपटान मामले में अपदस्थ प्रधान मंत्री की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को लगभग पूरे देश में दंगे भड़क उठे थे.

जियो न्यूज के अनुसार हिंसा और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों में शामिल होने के लिए सैकड़ों पीटीआई कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया. विरोध प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने रावलपिंडी में जिन्ना हाउस और जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) सहित नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया. सेना ने 9 मई को 'काला दिवस' करार दिया और उपद्रवियों पर सेना अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने का फैसला किया.

8 फरवरी के आम चुनावों में कथित धांधली के बारे में बात करते हुए पीटीआई नेता ने कहा कि जिन्हें फॉर्म 45 के अनुसार हार का सामना करना पड़ा, वे सदन में बैठे थे. उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन को संविधान का 'उल्लंघन' करने और देश को नुकसान पहुंचाने के लिए जवाबदेह ठहराने की भी कसम खाई. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार पीटीआई ने सरकार और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा से 9 मई की हिंसा का पता लगाने के लिए नए सिरे से जांच शुरू करने का आग्रह किया.

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