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हिंसा और गंभीर चुनौतियों के बीच पाकिस्तान में आम चुनाव आज

Pakistan parliamentary election 2024: पाकिस्तान में आज आम चुनाव है. निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण मतदान को लेकर पूरी तैयारी का दावा किया जा रहा है. हालांकि, हाल के दिनों में देश में कई हिंसक घटनाएं हुईं.

General elections in Pakistan today amid violence and serious challenges
हिंसा और गंभीर चुनौतियों के बीच पाकिस्तान में आम चुनाव आज
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By ANI

Published : Feb 8, 2024, 6:50 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आज आम चुनाव है. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. हालांकि, लगातार ध्रुवीकरण और हिंसा देश के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर रही हैं. देशभर में सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने के लिए एक 'नियंत्रण कक्ष' स्थापित किया है. पाकिस्तान का आंतरिक मंत्रालय मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ अभूतपूर्व चौथे कार्यकाल की तलाश में हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद लंदन में चार साल के निर्वासन के बाद उन्होंने जोरदार ढंग से राजनीति में वापसी की है. अक्टूबर में पाकिस्तान लौटने के बाद अदालतों ने उनकी अधिकांश सजाओं को पलट दिया, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई.

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाने वाले इमरान खान कई आरोपों में अदियाला जेल में बंद हैं. क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है और सिफर मामले में 10 साल, तोशाखाना मामले में 14 साल और 'गैर-इस्लामिक' विवाह मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है.

इसके अतिरिक्त पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के प्रतिष्ठित 'बल्ला' चिन्ह को रद्द करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 'हालांकि, खान ने कहा है कि उनके खिलाफ सभी मामले 'राजनीति से प्रेरित' हैं और उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी पीटीआई 8 फरवरी को चुनाव में सभी को चौंका देगी.

खान ने कहा,'अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में खान ने अपने समर्थकों से बड़ी संख्या में बाहर आकर मतदान करने का आग्रह किया. मैं चाहता हूं कि आप बाहर आएं और जितने लोगों को आप जानते हैं, उन्हें बाहर लाएं, क्योंकि आप इन चुनावों के माध्यम से अपना और अपने बच्चों का भाग्य बदल देंगे.'

इस बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव और पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट के बीच, नवाज शरीफ का लक्ष्य पाकिस्तान के सामने आने वाली बहुमुखी चुनौतियों से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करना है. 'शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की भी कसम खाई है और कहा है कि वह बदला नहीं लेना चाहते.

हम एक स्वतंत्र और व्यापक विदेश नीति चाहते हैं. हम दुनिया के साथ अनुग्रह और समानता का व्यवहार करना चाहते हैं. हम पड़ोसी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके पाकिस्तान को एक आर्थिक शक्ति बनाना चाहते हैं. दूसरों से लड़कर या टकराकर पाकिस्तान का विकास नहीं किया जा सकता. पिछले अक्टूबर में एक राजनीतिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं बदले में नहीं विकास में विश्वास करता हूं.'

चुनाव घोषणापत्र में पीएमएल-एन ने संसद और प्रांतीय और स्थानीय सरकारों के माध्यम से राष्ट्रीय राजनीति में युवाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने और आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता नीति का वादा किया है. पीएमएल-एन ने अपने समर्थकों से नवाज शरीफ के लिए वोट करने का आग्रह किया और दावा किया कि 2013-18 तक पीएमएल-एन के कार्यकाल के तहत पाकिस्तान ने 'स्वर्ण युग' देखा. 2013 से 2018 तक के वर्षों ने पाकिस्तान के लिए एक स्वर्ण युग चिह्नित किया.

शरीफ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (35) हैं. दिवंगत पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल ने खुद को अनुभवी शरीफ के युवा विकल्प के रूप में पेश किया है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 'बिलावल ने जनवरी की रैली के दौरान पीएमएल-एन सुप्रीमो पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा,'मुझे चार नहीं बल्कि एक मौका चाहिए. अगर आप मुझे मौका देंगे तो मैं देश की किस्मत बदल दूंगा और देश की सभी समस्याओं का समाधान कर दूंगा.'

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान में आज आम चुनाव है. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. हालांकि, लगातार ध्रुवीकरण और हिंसा देश के लिए गंभीर चुनौतियां खड़ी कर रही हैं. देशभर में सुरक्षा व्यवस्था पर कड़ी नजर रखने के लिए एक 'नियंत्रण कक्ष' स्थापित किया है. पाकिस्तान का आंतरिक मंत्रालय मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाल रहा है.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सर्वोच्च नेता नवाज शरीफ अभूतपूर्व चौथे कार्यकाल की तलाश में हैं. भ्रष्टाचार के आरोपों में दोषी ठहराए जाने के बाद लंदन में चार साल के निर्वासन के बाद उन्होंने जोरदार ढंग से राजनीति में वापसी की है. अक्टूबर में पाकिस्तान लौटने के बाद अदालतों ने उनकी अधिकांश सजाओं को पलट दिया, जिससे उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई.

वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के संस्थापक और देश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में से एक माने जाने वाले इमरान खान कई आरोपों में अदियाला जेल में बंद हैं. क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित कर दिया गया है और सिफर मामले में 10 साल, तोशाखाना मामले में 14 साल और 'गैर-इस्लामिक' विवाह मामले में सात साल की सजा सुनाई गई है.

इसके अतिरिक्त पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने पार्टी के प्रतिष्ठित 'बल्ला' चिन्ह को रद्द करने के पाकिस्तान चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, 'हालांकि, खान ने कहा है कि उनके खिलाफ सभी मामले 'राजनीति से प्रेरित' हैं और उन्होंने दावा किया है कि उनकी पार्टी पीटीआई 8 फरवरी को चुनाव में सभी को चौंका देगी.

खान ने कहा,'अपने आधिकारिक हैंडल पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में खान ने अपने समर्थकों से बड़ी संख्या में बाहर आकर मतदान करने का आग्रह किया. मैं चाहता हूं कि आप बाहर आएं और जितने लोगों को आप जानते हैं, उन्हें बाहर लाएं, क्योंकि आप इन चुनावों के माध्यम से अपना और अपने बच्चों का भाग्य बदल देंगे.'

इस बीच बढ़ते राजनीतिक तनाव और पाकिस्तान में चल रहे आर्थिक संकट के बीच, नवाज शरीफ का लक्ष्य पाकिस्तान के सामने आने वाली बहुमुखी चुनौतियों से निपटने के लिए अपने दृष्टिकोण को स्पष्ट करना है. 'शरीफ ने भारत के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने की भी कसम खाई है और कहा है कि वह बदला नहीं लेना चाहते.

हम एक स्वतंत्र और व्यापक विदेश नीति चाहते हैं. हम दुनिया के साथ अनुग्रह और समानता का व्यवहार करना चाहते हैं. हम पड़ोसी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके पाकिस्तान को एक आर्थिक शक्ति बनाना चाहते हैं. दूसरों से लड़कर या टकराकर पाकिस्तान का विकास नहीं किया जा सकता. पिछले अक्टूबर में एक राजनीतिक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मैं बदले में नहीं विकास में विश्वास करता हूं.'

चुनाव घोषणापत्र में पीएमएल-एन ने संसद और प्रांतीय और स्थानीय सरकारों के माध्यम से राष्ट्रीय राजनीति में युवाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का मुकाबला करने और आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता नीति का वादा किया है. पीएमएल-एन ने अपने समर्थकों से नवाज शरीफ के लिए वोट करने का आग्रह किया और दावा किया कि 2013-18 तक पीएमएल-एन के कार्यकाल के तहत पाकिस्तान ने 'स्वर्ण युग' देखा. 2013 से 2018 तक के वर्षों ने पाकिस्तान के लिए एक स्वर्ण युग चिह्नित किया.

शरीफ के मुख्य प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी (35) हैं. दिवंगत पीएम बेनजीर भुट्टो के बेटे बिलावल ने खुद को अनुभवी शरीफ के युवा विकल्प के रूप में पेश किया है. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, 'बिलावल ने जनवरी की रैली के दौरान पीएमएल-एन सुप्रीमो पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा,'मुझे चार नहीं बल्कि एक मौका चाहिए. अगर आप मुझे मौका देंगे तो मैं देश की किस्मत बदल दूंगा और देश की सभी समस्याओं का समाधान कर दूंगा.'

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