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दक्षिण सूडान में 70 लाख लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है: UN - food insecurity

UN says South Sudan likely to face food insecurity: पूर्वी अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान आने वाले समय में घोर खाद्यान्न संकट का सामना कर सकता है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठनों ने ऐसी आशंका जाहिर की है.

Over 7 million people in South Sudan likely to face acute food insecurity between now July UN says(photo IANS)
दक्षिण सूडान में 70 लाख लोगों को गंभीर खाद्य असुरक्षा का सामना करना पड़ सकता है: संयुक्त राष्ट्र (फोटो आईएएनएस)
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By PTI

Published : May 1, 2024, 10:25 AM IST

संयुक्त राष्ट्र: दक्षिण सूडान में 70 लाख से अधिक लोगों को अब से जुलाई के बीच खाद्य असुरक्षा या उससे भी बदतर स्थिति का सामना करने की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठनों ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में ऐसी आशंका जाहिर की है. कहा गया है कि खराब मौसम के चलते हालात बिगड़ने की आशंका है.

एफएओ ने कहा कि 65 प्रतिशत से 75 प्रतिशत आबादी के बीच खाद्दान्न की सबसे अधिक जरूरत उत्तरी यूनिटी, ऊपरी नील और जोंगलेई राज्य, इथियोपिया की सीमा के पास पूर्व में पिबोर क्षेत्र और युद्धग्रस्त सूडान से लौटने वाले दक्षिण सूडानी लोगों के बीच है. रोम स्थित एजेंसी ने खाद्य असुरक्षा और भुखमरी के उच्चतम विनाशकारी स्तर का सामना कर रहे 79,000 लोगों के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की. इसमें कहा गया है कि सूडान में साल भर चले संघर्ष के चलते लोग भाग गए और देश भर में फैले गए. इसमें 11,000 पिबोर क्षेत्र में, 40,000 उत्तरी बहर अल गजल राज्य के एवेल ईस्ट काउंटी में और 28,000 दक्षिण सूडान में रह रहे हैं.

एफएओ ने कहा कि गंभीर खाद्य सुरक्षा स्थिति का मुख्य कारण लंबी आर्थिक चुनौतियां हैं जिसने उच्च मुद्रास्फीति, अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति को जन्म दिया. वहीं, अंतर-सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का लगातार वर्षों तक बने रहने के अलावा बाढ़ और अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. युद्धग्रस्त सूडान द्वारा तेल शिपमेंट पर अप्रत्याशित प्रभाव की घोषणा के बाद तेल निर्यात में गिरावट के कारण देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

सूडान में लड़ाई ने लाल सागर तट के साथ पोर्ट सूडान के पास एक टर्मिनल के लिए भेजे जाने वाले शिपमेंट को प्रभावित किया. दुनिया का सबसे नया राष्ट्र जिसने 2011 में सूडान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, प्रतिद्वंद्वी सैन्य बलों को एकीकृत करने एक नए संविधान का मसौदा तैयार करने और दिसंबर 2024 में अपने विलंबित चुनावों की तैयारी के लिए भी संघर्ष कर रहा है.

ये भी पढ़ें- Operation Kaveri : क्यों भारतीयों को छोड़ना पड़ रहा है सूडान, जानें वजह

संयुक्त राष्ट्र: दक्षिण सूडान में 70 लाख से अधिक लोगों को अब से जुलाई के बीच खाद्य असुरक्षा या उससे भी बदतर स्थिति का सामना करने की आशंका है. संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठनों ने मंगलवार को एक रिपोर्ट में ऐसी आशंका जाहिर की है. कहा गया है कि खराब मौसम के चलते हालात बिगड़ने की आशंका है.

एफएओ ने कहा कि 65 प्रतिशत से 75 प्रतिशत आबादी के बीच खाद्दान्न की सबसे अधिक जरूरत उत्तरी यूनिटी, ऊपरी नील और जोंगलेई राज्य, इथियोपिया की सीमा के पास पूर्व में पिबोर क्षेत्र और युद्धग्रस्त सूडान से लौटने वाले दक्षिण सूडानी लोगों के बीच है. रोम स्थित एजेंसी ने खाद्य असुरक्षा और भुखमरी के उच्चतम विनाशकारी स्तर का सामना कर रहे 79,000 लोगों के बारे में विशेष चिंता व्यक्त की. इसमें कहा गया है कि सूडान में साल भर चले संघर्ष के चलते लोग भाग गए और देश भर में फैले गए. इसमें 11,000 पिबोर क्षेत्र में, 40,000 उत्तरी बहर अल गजल राज्य के एवेल ईस्ट काउंटी में और 28,000 दक्षिण सूडान में रह रहे हैं.

एफएओ ने कहा कि गंभीर खाद्य सुरक्षा स्थिति का मुख्य कारण लंबी आर्थिक चुनौतियां हैं जिसने उच्च मुद्रास्फीति, अपर्याप्त खाद्य आपूर्ति को जन्म दिया. वहीं, अंतर-सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का लगातार वर्षों तक बने रहने के अलावा बाढ़ और अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं. युद्धग्रस्त सूडान द्वारा तेल शिपमेंट पर अप्रत्याशित प्रभाव की घोषणा के बाद तेल निर्यात में गिरावट के कारण देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है.

सूडान में लड़ाई ने लाल सागर तट के साथ पोर्ट सूडान के पास एक टर्मिनल के लिए भेजे जाने वाले शिपमेंट को प्रभावित किया. दुनिया का सबसे नया राष्ट्र जिसने 2011 में सूडान से स्वतंत्रता प्राप्त की थी, प्रतिद्वंद्वी सैन्य बलों को एकीकृत करने एक नए संविधान का मसौदा तैयार करने और दिसंबर 2024 में अपने विलंबित चुनावों की तैयारी के लिए भी संघर्ष कर रहा है.

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