नई दिल्ली: खाड़ी देश ओमान के तट के पास तेल टैंकर के डूबने से 13 भारतीय समेत 16 नाविक लापता हो गए थे. हालांकि नौ नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया है, जिनमें 8 भारतीय और एक श्रीलंकाई नागरिक है. ओमान में भारतीय दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि दूतावास स्थानीय अधिकारियों और भारतीय नौसेना के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन का समन्वय कर रहा है. एमटी प्रेस्टीज फाल्कन जहाज 15 जुलाई को ओमान के तट के पास डूब गया था. आईएनएस तेग द्वारा 9 चालक दल को बचा लिया गया है, जिनमें 8 भारतीय और एक श्रीलंकाई नागरिक है. शेष चालक दल के सदस्यों को बचाने के लिए खोज और बचाव अभियान क्षेत्र में जारी है.
Indian Embassy in Oman tweets, " embassy is coordinating sar ops with omani authorities and indian navy for mt prestige falcon, a comoros-flagged vessel that capsized off the coast of oman on july 15th. 9 crew including 8 indians have been rescued today by ins teg. the search for… pic.twitter.com/OFCbiPVCDw
— ANI (@ANI) July 17, 2024
इससे पहले, बुधवार को दिल्ली में सरकारी सूत्रों ने ईटीवी भारत को बताया कि अफ्रीकी देश कोमोरोस का ध्वज वाला व्यापारी जहाज एमटी फाल्कन प्रेस्टीज (MT Falcon Prestige) ने 14 जुलाई को लगभग 22:00 बजे ओमान के तट पर संकट की सूचना दी थी. जहाज पर चालक दल के 16 सदस्य सवार हैं, जिनमें से 13 भारतीय नाविक हैं. माना जा रहा है कि जहाज डूब गया है. ओमान में हमारा दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है. ओमान समुद्री सुरक्षा केंद्र (ओएमएससी) द्वारा नाविकों के लिए खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. भारतीय नौसेना भी खोज और बचाव अभियान में शामिल हो गई है.
मैरीटाइम सिक्योरिटी सेंटर के अनुसार, कोमोरोस के ध्वज वाले व्यापारिक जहाज में 16 सदस्यीय चालक दल था, जिनमें 13 भारतीय और तीन श्रीलंकाई नागरिक हैं. लापता नाविकों का पता लगाने के लिए खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. यह घटना सोमवार को रास मदरका से 25 समुद्री मील दक्षिण-पूर्व में हुई.
नेटको एफजेडई कंपनी का था जहाज
इक्वासिस मरीन डेटाबेस के अनुसार, एमटी फाल्कन प्रेस्टीज जहाज संयुक्त अरब अमीरात (यूईए) स्थित नेटको एफजेडई कंपनी का है. सूत्रों के अनुसार, यह जहाज छोटा था, जिसकी भार क्षमता लगभग 7,000 टन थी. जहाज को यूएई के हमरियाह ऑयल टर्मिनल बंदरगाह पर पहुंचना था.
भारत-ओमान के बीच रणनीतिक समुद्री संबंध
भारत और ओमान के बीच रणनीतिक समुद्री संबंध है जो इतिहास और आपसी हितों में गहराई से निहित है. इस संबंध में रक्षा सहयोग, आर्थिक साझेदारी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान सहित विभिन्न पहलू शामिल हैं. भारत और ओमान के बीच समुद्री संबंध प्राचीन काल से हैं, दोनों देश अरब सागर के पार व्यापार करते हैं.
सदियों से दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान काफी महत्वपूर्ण रहा है. दोनों देशों के लोग भाषा, खान-पान और परंपराओं में समानताएं साझा करते हैं. भारत और ओमान नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं, इसमें द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास 'नसीम अल बहर' भी शामिल है. ये अभ्यास दोनों देशों की नेवी के बीच परस्पर संचालन और आपसी समझ को बढ़ाते हैं.
रक्षा समझौते: भारत और ओमान के बीच समुद्री सुरक्षा, सूचना साझा करना और प्रशिक्षण सहित कई रक्षा सहयोग समझौते हैं. ओमान भारतीय नौसेना के जहाजों के लिए दुक्म जैसे अपने बंदरगाहों तक पहुंच प्रदान करता है. यह पश्चिमी हिंद महासागर में भारत की उपस्थिति के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है.
भारत और ओमान के बीच व्यापार में तेल, गैस, खनिज, वस्त्र और कृषि उत्पादों सहित कई तरह के सामान शामिल हैं. ओमान भारत को कच्चे तेल का बड़ा आपूर्तिकर्ता है. दोनों देशों ने एक-दूसरे की अर्थव्यवस्थाओं में निवेश किया है. भारतीय कंपनियां भी ओमान में कारोबार कर रही हैं, खासकर बुनियादी ढांचे, निर्माण और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में. ओमान भारत की ऊर्जा सुरक्षा में प्रमुख भागीदार है, जो तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करता है.
इसके अतिरिक्त, दोनों देश अक्षय ऊर्जा में सहयोग के अवसर तलाश रहे हैं. ओमान में बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीय भी रहते हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विविधता में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं. भारतीय समुदाय ओमान के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
दोनों देशों के नेताओं और अधिकारियों की नियमित यात्राएं द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करती हैं. क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों के मद्देनजर, भारत और ओमान हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा और समुद्री लुटेरों के खिलाफ अभियानों में सहयोग कर रहे हैं. दोनों देश समुद्री अर्थव्यवस्था, समुद्री अनुसंधान और समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए अपने समुद्री सहयोग को गहरा करने की संभावना रखते हैं.
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