सियोल : उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन ने पूर्वी शिपयार्ड में नए युद्धपोतों के निर्माण का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अपनी नौसेना बलों को मजबूत करने पर जोर दिया. उन्होंने ऐसी परियोजनाओं को देश की युद्ध तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण बताया. राज्य मीडिया की ओर से शुक्रवार को यह जानकारी दी गई.
नम्फो में शिपयार्ड की उनकी यात्रा जनवरी में हथियारों के प्रदर्शनों की एक श्रृंखला के बाद हुई. बता दें कि उस प्रदर्शनों के बाद एक बार फिर दक्षिण कोरिया और जापान और उत्तर कोरिया के बीच तनाव बढ़ गया था. उस प्रदर्शनी में पनडुब्बियों को लांच करने के साथ-साथ नई क्रूज मिसाइलों का परीक्षण भी किया गया था.
हाल के महीनों में किम अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान की ओर से बढ़ते खतरों का मुकाबला करने के लिए परमाणु-सशस्त्र नौसेना बनाने के अपने लक्ष्यों पर जोर दे रहे हैं, जिन्होंने किम के परमाणु हथियारों से निपटने के लिए अपने सैन्य सहयोग को बढ़ा दिया है.
उत्तर कोरिया की आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने यह नहीं बताया कि किम ने नम्फो का दौरा कब किया. इसने किम को कोट करते हुए लिखा कि नौसैनिक बल को मजबूत करना देश की समुद्री संप्रभुता की रक्षा करने और युद्ध की तैयारियों को आगे बढ़ाने में सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है.
केसीएनए ने नम्फो में बनाए जा रहे युद्धपोतों के प्रकार को निर्दिष्ट नहीं किया. हालांकि यह जानकारी दी गई है कि वे 2021 की शुरुआत में सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस के दौरान निर्धारित पांच साल की सैन्य विकास योजना से संबंधित थे. उन बैठकों के दौरान किम ने उन्नत सैन्य संपत्तियों की एक व्यापक इच्छा सूची का खुलासा किया था जिसमें परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां और परमाणु मिसाइलें शामिल थीं जिन्हें पानी के भीतर से लांच किया जा सकता है.
केसीएनए ने कहा कि नाम्फो में निरीक्षण के दौरान, किम को उनकी नौसैनिक परियोजनाओं की प्रगति और शेष तकनीकी चुनौतियों के बारे में जानकारी दी गई और श्रमिकों को 2025 तक चलने वाली योजना की समय सीमा के भीतर प्रयासों को बिना शर्त पूरा करने का आदेश दिया गया. किम ने रविवार को पनडुब्बियों से दागे जाने के लिए डिजाइन की गई नई परमाणु-सक्षम क्रूज मिसाइल, पुलह्वासल-3-31 के परीक्षण का निरीक्षण करते हुए नौसैनिक शक्ति का भी आह्वान किया.