लाहौर: नवाज शरीफ की पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के निमंत्रण पर एमक्यूएम-पी (मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट) का एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव के बाद की रणनीति पर चर्चा करने के लिए शहर में है. पाकिस्तान में रविवार को राजनीतिक गहमागहमी है क्योंकि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ ने इस सप्ताह की शुरुआत में पीटीआई को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होने और गठबंधन सरकार बनाने का आग्रह किया है.
उन्होंने अपने भाई शहबाज शरीफ को पीपीपी, जेयूआई-एफ और एमक्यूएम-पी के नेताओं से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी थी. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने शुक्रवार रात एक निजी टीवी चैनल पर कहा कि शहबाज शरीफ और आसिफ जरदारी के बीच प्रारंभिक बातचीत हुई, लेकिन दोनों गठबंधन सरकार बनाने पर अपनी पार्टियों के साथ विचार-विमर्श करेंगे.
डॉन के अनुसार हालिया चुनावों के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) दोनों केंद्र, पंजाब और बलूचिस्तान में सरकारें बनाने के लिए मजबूती से प्रयास कर रही है. दोनों पार्टियां संभावित गठबंधन को लेकर संतुलित ढंग से अपनी रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रही हैं.
आज पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी अपने प्रस्तावित गठबंधन की बारीकियों पर विचार-विमर्श करने के लिए लाहौर और इस्लामाबाद में महत्वपूर्ण बैठकें बुलाने वाले हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) या उसके स्वतंत्र सहयोगियों के साथ जुड़ने के बारे में प्रश्नों को संबोधित करते हुए, औरंगजेब ने स्पष्ट किया, 'पीएमएल-एन का पीटीआई के स्वतंत्र सहयोगियों के साथ गठबंधन का कोई इरादा नहीं है.
कहा जा रहा है कि इस्लामाबाद में प्रस्तावित गठबंधन सरकार में शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री पद के दावेदार के रूप में सबसे आगे हैं. पार्टी के एक सूत्र ने कहा, 'गठबंधन गठन के संबंध में पीएमएल-एन और पीपीपी के भीतर लगातार चर्चाएं चल रही हैं. इसमें प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के साथ-साथ प्रमुख प्रांतीय पदों के आवंटन पर विचार-विमर्श भी शामिल है.'
इस बीच मॉडल टाउन में एक पार्टी बैठक के दौरान शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के कल्याण के लिए राजनीतिक एकता की अनिवार्यता पर जोर दिया. साथ ही जनता की अपेक्षाओं को पूरा करने और आर्थिक राहत उपायों को प्राथमिकता देने का वादा किया. बैठक में उपस्थित लोगों को केंद्र में सरकार गठन, इस्लामाबाद और लाहौर में शासन के लिए विभिन्न रास्ते तलाशने के संबंध में अन्य राजनीतिक संस्थाओं के साथ पीएमएल-एन की बातचीत से भी अवगत कराया गया.