नई दिल्ली: भारत, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों सहित दुनिया भर में कई आईटी सिस्टम में एक बड़ी साइबर आउटेज से तकनीकी सेवाएं प्रभावित हुई हैं. सॉफ्टवेयर में आई खराबी के कारण देश की एयरलाइन्स, बैंक और सुपरमार्केट्स की सेवाएं रूक-रूककर चल रही हैं. दुनिया भार में कई उड़ानें रद्द हो गईं. न्यूज रीडर को ब्रॉडकास्ट करने में दिक्कते आ रही हैं. इसका प्रभाव ऑस्ट्रेलिया और दुनिया भर में लाखों सिस्टम पर पड़ा है. यह यूएस साइबर सुरक्षा प्रोवाइडर क्राउडस्ट्राइक और इसके सॉफ्टवेयर फाल्कन सेंसर से संबंधित है.
क्राउडस्ट्राइक फाल्कन क्या है?
क्राउडस्ट्राइक दुनिया के सबसे बड़े साइबर सुरक्षा विक्रेताओं में से एक है, जो दुनिया भर में हजारों व्यवसायों को वायरस और साइबर हमलों से बचाव के लिए सॉफ्टवेयर सर्विस देता है. कंपनी का मुख्यालय ऑस्टिन, टेक्सास (अमेरिका) में है और इसमें लगभग 10,000 कर्मचारी हैं. क्राउडस्ट्राइक फाल्कन कंपनी का सॉफ्टवेयर है, यह कॉर्पोरेट सिस्टम पर बैकग्राउंड में रहता है, किसी भी वायरस और साइबर खतरों का पता लगाता है.
आउटेज कैसे हुआ?
आउटेज के कारण Microsoft लैपटॉप और PC पर ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ दिखाई देने लगी, जिसका मतलब है कि कर्मचारी और यूजर अपने सिस्टम तक पहुंचने में असमर्थ थे. आउटेज शुक्रवार AEST को शुरू हुआ और ऑस्ट्रेलिया में पहुंचने से पहले अमेरिका में यूजर को प्रभावित किया. एक फोरम पोस्ट में क्राउडस्ट्राइक के प्रतिनिधि ने कहा कि हम अलग-अलग सेंसर एडिशन में विंडोज मशीनों पर BSOD एरर पैदा करने वाली व्यापक समस्या से अवगत हैं.
Microsoft इतना प्रभावित क्यों हुआ?
हालांकि Microsoft हमले का सोर्स नहीं था. लेकिन क्राउडस्ट्राइक के फाल्कन सॉफ्टवेयर का यूज Microsoft Windows सिस्टम पर किया जाता है. उदाहरण के लिए Apple Mac पर नहीं. Microsoft ने X पर एक बयान में कहा कि वह इस घटना की जांच कर रहा है.