मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को एक उड़ान में परमाणु-सक्षम रणनीतिक बमवर्षक में सह-पायलट के तौर पर यात्रा की. जिसका उद्देश्य अगले महीने होने वाले चुनाव से पहले अपनी छवि को मजबूत करना था. हालांकि, रूसी मीडिया का मानना है कि इस चुनावों में उनका जीतना लगभग तय है. टीयू-160एम सुपरसोनिक रणनीतिक बमवर्षक में पुतिन की 30 मिनट की उड़ान का उद्देश्य यूक्रेन में लड़ाई को लेकर पश्चिम के साथ बढ़ते तनाव के बीच रूस की परमाणु शक्ति की याद दिलाना भी था. 71 वर्षीय पुतिन, जो एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं, रूस की राजनीतिक व्यवस्था पर कड़े नियंत्रण पर भरोसा करते हैं.
गुरुवार को, फ्लाइट सूट पहने पुतिन, कजान के वोल्गा नदी शहर में एक विमान बनाने वाले संयंत्र के बर्फ से ढके हवाई क्षेत्र में युद्धक विमान में चढ़े. पुतिन ने जिस विमान से उड़ान भरी वह पहले ऐसे संशोधित बमवर्षकों में से एक था, जो नए इंजन और एवियोनिक्स से सुसज्जित है. जिसका नाम है Tu-160M.
उड़ान के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पुतिन ने नए विमान की प्रशंसा करते हुए इसे उत्कृष्ट बताया और कहा कि शुरुआती संस्करण की तुलना में इसमें बड़े सुधार किये गये हैं. एक एक्शन-प्रेमी और शारीरिक रूप से मजबूत नेता की छवि पेश करने के क्रेमलिन प्रयासों के हिस्से के रूप में, पुतिन ने एक उभयचर विमान में भी सह-पायलट के तौर पर सवार हुए. उन्होंने एक पैराग्लाइडर उड़ाया. एक रेसिंग कार और भारी ट्रक भी चलायी.
6,000 किमी दूर दुश्मन को 'नॉक आउट' करने की क्षमता : इससे पहले, पुतिन ने कजान एविएशन प्लांट का दौरा किया. जहां उन्होंने चार उन्नत टुपोलेव टीयू-160एम रणनीतिक बमवर्षकों का निरीक्षण किया. यह विमान 6,000 किमी दूर लक्ष्य पर मिसाइल हमले कर सकते हैं. उन्होंने नाटो और उसके सहयोगियों के साथ भविष्य के किसी भी संकट या संघर्ष में हस्तक्षेप करने की रूस की योजनाओं के रूप में इस विमान को प्रमुख हथियार बताया है.
तातारस्तान में रूस के एसपी गोर्बुनोव कजान एविएशन प्लांट ने चार टुपोलेव टीयू-160एम रणनीतिक बमवर्षक तैयार किए हैं. रूसी वायु सेना का अग्रणी विमान, टीयू-160एम, परमाणु और पारंपरिक हमले कर सकता है. यह भविष्य की किसी भी लड़ाई में गेम चेंजर साबित होगा. यह विमान किसी भी युद्ध की स्थिति बदल सकता है. रूस का दावा है कि यह दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला सुपरसोनिक और सबसे भारी पेलोड ले जाने वाला बमवर्षक है. इसके साथ ही उसने दावा किया कि टीयू-22एम के साथ, PAK-DA विकसित होने और 2030 के दशक में सेवा में शामिल होने तक रूस के रणनीतिक बमवर्षक बेड़े का मुख्य आधार बना रहेगा.
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि सभी टीयू-160, टीयू-160एम वेरिएंट हैं नये तैयार किये गये हैं. या इनमें से कुछ को पुराने विमानों को अपग्रेड कर के तैयार किया गया है. हालांकि, प्रमुख रूसी टेलीग्राम चैनलों पर पोस्ट से संकेत मिलता है कि कारखानों में कुछ विमानों को अपग्रेड करने के लिए लाया गया था. रूसी रक्षा उद्योग के अधिकारियों ने अपने रक्षा उद्योग और वाणिज्य पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बीच बेहतर और अनुकूलित उत्पादन प्रक्रियाओं, विनिर्माण तकनीकों, आपूर्ति श्रृंखला के मुद्दों और यूनाइटेड एयरक्राफ्ट कॉरपोरेशन (यूएसी) के तहत डिजाइनर, टुपोलेव डिजाइन ब्यूरो (टीडीबी) और कज़ान कारखाना के बीच बढ़े हुए सहयोग पर ध्यान दिया है.
'विमान का बेहतर उत्पादन': समाचार एजेंसी तास ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कजान कारखाने के दौरे से पहले रूसी राज्य के स्वामित्व वाले हथियार डेवलपर्स की मूल होल्डिंग कंपनी, रोस्टेक कॉरपोरेशन के सीईओ सर्गेई चेमेजोव से बात की. उन्होंने कहा कि 'क्रूज मिसाइलों से लैस' टीयू-160 व्हाइट स्वान (नाटो रिपोर्टिंग नाम ब्लैकजैक) का उत्पादन फिर से शुरू करना एक बड़ी चुनौती थी.
उन्होंने कहा कि संबद्ध उद्यमों ने इस कार्य को अच्छी तरह से पूरा किया है. वर्तमान में, Tu-160M दुनिया के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों में से एक है. उन्होंने बताया कि डिजाइन दस्तावेजीकरण को सख्त समय सीमा के भीतर पूरी तरह से डिजिटलीकृत किया गया था. टाइटेनियम भागों की वैक्यूम वेल्डिंग की तकनीक बहाल की गई, और एयरफ्रेम इकाइयों का उत्पादन फिर से शुरू किया गया. आज, हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि हम हर तरह से सफल हुए हैं.
Tu-160M वैरिएंट : उन्नत Tu-160M बाहर से देखने में अपने पुराने डिजाइन और स्वरूप के जैसा ही है. लेकिन इसकी तकनीक पूरी तरह नई, आधुनिक और घातक है. पुतिन ने अपने दौरे के दौरान कजान फैक्ट्री की यात्रा में 'चार मौलिक रूप से उन्नत रणनीतिक बमवर्षकों का निरीक्षण किया. उन्होंने निरीक्षण के दौरान स्टीयरिंग ह्वील और कॉकपिट में 10 मिनट बिताए.
Tu-160M और M2 अपग्रेड में नया K-042K-1 नेविगेशन सिस्टम, ABSU-200-1 ऑटोपायलट और NK-32-02 टर्बोफैन इंजन जोड़ा गया है. द वारजोन की रिपोर्ट के मुताबिक इसे दुनिया का सबसे शक्तिशाली लड़ाकू इंजन माना जाता है. यह 55,000 पाउंड (24,947 किलोग्राम) से अधिक का थ्रस्ट विकसित करता है.
इसमें नया नोवेल्ला NV1.70 रडार, एक कम्प्यूटरीकृत 'ग्लास' कॉकपिट, नवीनतम संचार और एंटी-जैमिंग इलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स (ईएसएम) भी लगाये गये हैं. ये सभी बदलाव इस विमान को पहले से मौजूद मारक क्षमताओं के साथ लगातार अपडेट होने की सहूलियत प्रदान करते हैं. इस विमान को जो बात सबसे घातक बनाती है वह है इसकी हवाई रणनीतिक हमले की क्षमता. जिसके लिए प्रौद्योगिकी को विकसित करने में रूस के रक्षा उद्योग और सैन्य योजनाकारों ने सबसे मेहनत की है.
पुतिन ने 'व्यक्तिगत रूप से' कार्यक्रम को वेरिएबल 'स्विंग-विंग' टीयू-160 को अपग्रेड करने का आदेश दिया था. उनके इस आदेश की पालना रोस्टेक के अपने विमान डिजाइन, इंजीनियरिंग और इंस्ट्रूमेंटेशन डिवीजन को पुनर्जीवित करने के साथ शुरू हुई. टेलीग्राम पर रूसी सैन्य ब्लॉगर्स (या 'मिलब्लॉगर्स' जैसा कि वे जाने जाते हैं) ने संकेत दिया था कि यह प्रक्रिया 2014 की शुरुआत में डोनबास युद्ध के दौरान शुरू हुई थी. जब यूक्रेन के रूसी भाषी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुगांस्क ने कीव से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी.
टीयू-160 का उपयोग कैसे किया जाएगा : रूस को लंबे समय से नाटो के साथ युद्ध और एक बड़े संकट की आशंका है. मीडिया रिपोर्टों और यूरेशियन टाइम्स के विश्लेषण के मुताबिक, विमान के लिए रूसी एयरोस्पेस फोर्सेज (आरयूएएफ) के सामरिक और रणनीतिक युद्धक्षेत्र दृष्टिकोण की जांच की जा चुकी है. पिछले साल सितंबर में, Tu-160 को नई 6,500 किलोमीटर रेंज वाली Kh-BD एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल के साथ टेस्ट किया गया था. इसे कोरियाई नेता किम जोंग उन के सुदूर पूर्व में रूस के कनेविची बेस के दौरे के दौरान प्रदर्शित किया गया था.
Tu-160M विमान यानी दुश्मन के लिए सरदर्द: TASS ने बाद में RuAF के लॉन्ग-रेंज एविएशन कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल सर्गेई कोबलीश के हवाले से बताया था कि विमान 6,500 किलोमीटर से अधिक की रेंज वाली Kh-BD मिसाइल ले जा सकता है. गुप्त मिसाइल का आकार कम-अवलोकन योग्य होने का अनुमान लगाया गया है. यह सुपरसोनिक से लेकर हाइपरसोनिक गति तक की दूरी तय कर सकती है. KH-101 की तरह, यह दुश्मन की हवाई सुरक्षा को भ्रमित करने के लिए उड़ान के बीच में दिशा बदल सकता है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या यह परमाणु हथियार भी ले जा सकता है.
Tu-160M विमान के रणनीतिक फायदे : कोबलीश ने किम को टीयू-160 के आसपास दिखाते हुए कहा था कि एक Tu-160 विमान में 12 Kh-BDs का पेलोड ले जाने की क्षमता है. लंबी दूरी तक मार करने इस क्षमता के साथ रूस अब बिना मॉस्को के करीब आये दूर से ही प्रतिद्वंद्वी से लड़ सकता है. लंबी दूरी की मिसाइलें, खासकर अगर तेजी से उड़ने वाले लंबी दूरी के विमानों से दागी जाती हैं, तो सबसे दूरदराज के इलाकों में लक्ष्य को मारना संभव हो जाता है. जहां हमले का कम से कम अर्ध-रणनीतिक प्रभाव होता है. यह एक प्रतिद्वंद्वी की युद्ध योजनाओं को गंभीर रूप से बाधित करता है. उनमें असुरक्षा की भावना पैदा करता है और जटिल समाधान ढूंढ़ने के लिए मजबूर करता है.
मानक सैन्य अभ्यास के अनुसार, TU-160 बहुत सारी मिसाइलें काफी कम समय में दाग सकता है. इस दौरान वह दिशा भी बदल सकता है, इससे दुश्मन की हवाई सुरक्षा को ध्वस्त करने और अधिक नुकसान पहुंचाने की क्षमता को काफी ताकत मिलती है.
पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और जापान पर प्रहार': अनाम रूसी रक्षा अधिकारियों ने पिछले दो वर्षों में रूस-जापानी संबंधों में तेजी से गिरावट के बाद उत्तर-पूर्व एशिया में अमेरिकी और जापानी लक्ष्यों पर हमला करने के लिए टीयू-160 को नियोजित करने की योजना का भी उल्लेख किया है. यह यूक्रेन में युद्ध पर टोक्यो के कट्टरपंथ, रूस के साथ कुरील द्वीपों के विवाद को पुनर्जीवित करने और कथित रूस-उत्तर कोरिया-चीन शिविर के खिलाफ अमेरिका-जापान-दक्षिण कोरिया गठबंधन के मजबूत होने को ध्यान में रख कर तैयार की गई योजना है.
इजवेस्टिया की रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई 2023 में, इस क्षेत्र में Tu-160 व्हाइट स्वान की एक नई रेजिमेंट की तैनाती पर विचार कर रहा था. यदि इस फैसले को अंतिम रूप दिया जाता है तो बमवर्षक सुदूर पूर्व में अमूर क्षेत्र में 326वें लंबी दूरी के भारी-बमवर्षक विमानन डिवीजन में शामिल हो जाएंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेषज्ञों के अनुसार, रूस के सुदूर पूर्व में रणनीतिक मिसाइल वाहक की तैनाती से अमेरिका और क्षेत्र में उसके निकटतम सहयोगियों की ओर से उत्पन्न खतरों को बेअसर किये जाने की योजना है.
इजवेस्टिया की रिपोर्ट में सैन्य विशेषज्ञ यूरी लियामिन ने कहा कि Tu-160 का इस्तेमाल रूस के सुदूर पूर्व में अमेरिका और क्षेत्र में उसके निकटतम सहयोगियों को रोकने के लिए किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जापान पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए, जिसके साथ दक्षिण कुरीलों पर अभी भी हमारी क्षेत्रीय असहमति है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, जापान अपना सैन्य खर्च बढ़ा रहा है और स्ट्राइक हथियार सिस्टम विकसित करने की योजना बना रहा है. लियामिन ने कहा कि इसलिए, इस दिशा से खतरे को बेअसर करने के लिए हमारी ताकत को बढ़ाना आवश्यक है.