वॉशिंगटन: लैटिन अमेरिका के देश गुयाना में 70 के दशक में कथित बाबा जिम जोन्स ने मौत के बाद बढ़िया जिंदगी के सपने दिखाकर अपने सैकड़ों अनुयायों को जूस में जहर मिलाकर पिला दिया. इतना ही नहीं जिसने भी जहर पीने से इनकार किया, उन्हें बंदूक के बल पर मार दिया गया. इसके घटना के बाद गुयाने की सड़कों पर लाशों का अंबार लग गया था.
खास बात ये है कि इस बाबा ने भी अपना एक अलग पंथ बनाया लिया था, जिसे पीपल्स टेंपल कह जाता है. अमेरिकी राज्य इंडियाना में जन्मा जोन्स बचपन से ही धार्मिक बातें करता था. शुरुआत में वह ईसाई धर्म को मानता था, लेकिन बड़ा होते-होते उसने अपना अलग पंथ ही बना लिया.
अमेरिका में अश्वेतों के साथ हिंसा
इस पंथ में कोई पूजा-पाठ नहीं होती थी. उसका कहना था कि पीपल्स टेंपल सबके लिए है. यह वह समय था जब अमेरिका में अश्वेतों के साथ काफी हिंसा होती. युवा होते जोन्स ने इस बात को अपनी ताकत बना लिया. जल्द ही अश्वेत और समाज को सुधारने की इच्छा रखने वाले श्वेत भी इस पंथ में शामिल होने लगे. जल्द ही बाबा ने अनुयायियों की फौज तैयार कर ली, जो उसके इशारे पर कुछ भी करने को तैयार थी. इसके बाद जोन्स ने अपना हेडक्वार्टर अमेरिका के कैलीफोर्निया में शिफ्ट कर लिया.
कैलीफोर्निया पहुंचते ही वह खुद को भगवान बताने लगा. साथ ही धोखाधड़ी और बच्चों का यौन शोषण तक करने लगा. जब ये खबरें बाहर आईं तो जोन्स ने कैलीफोर्निया छोड़कर भाग गया और श्रद्धालुओं के साथ फिर से गुयाना शिफ्ट हो गया.
लोकप्रिय हुआ पीपल्स टेंपल
उस समय तक पीपल्स टेंपल काफी लोकप्रिय हो चुका था. बड़े-बड़े नेता जोन्स के पास आशीर्वाद लेने आने लगे. ऐसा कहा जाने लगा कि पीपल्स टेंपल में किसी के साथ भेदभाव नहीं होता. हालांकि, ऐसा कुछ नहीं था. यहां अश्वेतों और गरीब लोगों के साथ अत्याचार किया जाता. उनसे दिन-रात काम करवाया जाता. वे खेती से लेकर कंस्ट्रक्शन तक का काम करते.वहीं, दूसरी तरफ जोन्स और उसके करीबी अपने महलों में बैठे रहते.
इतना ही नहीं अगर कोई यहां से भागने को कोशिश करता तो उसे पहले उसके दस्तावेज और फिर उसे गायब कर दिया जाता. उसके अनुयायियों के लापता होने पर उसके रिश्तेदार परेशान होने लगे कि क्योंकि उनके पास चिट्ठियां आना कम हो गई. इसके बाद लोगों ने
ड्रग्स को लेकर आने लगीं खबरें
अमेरिकी सरकार पर दबाव बनाना शुरू किया. इस बीच ऐसे खबरें भी सामने आने लगीं कि बाबा जोन्स ड्रग्स लेता है और अपने अनुयायियों समेत बच्चों को भी नशा करने के लिए मजबूर करता है. इसके अलावा ऐसी खबरें भी सामने आने लगीं कि जोन्स अपने अनुयायों के साथ मिलकर स्वर्ग जाने की बात कहता है.
जब मामला तूल पकड़ने लगा तो कैलीफोर्निया के नेता लियो रायन कुछ पत्रकारों और नेताओं के साथ मिलकर जोन्सटाउन पहुंचे. जानकारी के मुताबिक जैसे ही वे हवाई जहाज से नीचे उतरे, उनपर गोलियों की बौछार हो गई. इसमें कई लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ जख्मी हो गए और अपनी जान बचाने के लिए जंगल में भाग गए.
अपने अनुयायों को दिया जहरीला जूस
इस घटना के अगले जोन्स ने अपने सभी अनुयायों को बुलाया और कहा कि आज रात 'वाइट नाइट' है. यानी स्वर्ग जाने के लिए सबसे अच्छा दिन. उसने रात में सभी लोगों को जमा होने के लिए कहा. जब सभी लोग जमा हो गए तो उसने पहले सभी माता-पिता से वहीं पास में रखे जहरीले जूस को अपने बच्चों को पिलाने का आदेश दिया. वहीं, बड़ों को सायनाइड का इंजेक्शन दिया गया. इतना ही नहीं जोन्स की भी गोली लगने से मारा गया. हालांकि, यह पता नहीं चल सका कि उसने ही खुद को गोली मारी थी या किसी और ने उसे शूट किया था.
इस घटना का जिक्र लियो रायन के साथ जोन्सटाउन जाने वाले पत्रकार टिम रीटरमैन अपनी किताब 'द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ जिम जोन्स एंड हिज पीपल' में किया था. टिम ने अपनी किताब में इस घटना के बारे में विस्तार से बताया है. इसको लेकर हुई जांच में लाशों के ढेर के बीच सायनाइड के सैकड़ों इंजेक्शन खाली ग्लास और कनस्तर मिले थे.
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