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...तो इस वजह से इजरायल ने हमास के साथ शांति वार्ता से खुद को किया अलग - इजरायल हमास शांति वार्ता

Israel hamas ceasefire talks : इजरायल ने खुद को काहिरा में मध्य-पूर्व शांति वार्ता से अलग कर लिया है. 130 दिनों से अधिक समय से गाजा में बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू के फैसले को अपने प्रियजनों के लिए मौत की सजा बताया. Israel hamas ceasefire talks . Israel hamas war .

israel hamas ceasefire talks
इजरायल हमास शांति वार्ता
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By IANS

Published : Feb 15, 2024, 3:35 PM IST

Updated : Feb 16, 2024, 2:12 PM IST

वाशिंगटन : हमास की भ्रामक मांगों और नए प्रस्तावों की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए इजरायल ने काहिरा में मध्य पूर्व शांति वार्ता से खुद को अलग कर लिया है. इससे युद्ध समाप्त करने के लिए चल रही संघर्ष विराम वार्ता को गंभीर झटका लगा है. इजरायली मीडिया आउटलेट्स ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट मेें कहा, ''गाजा में संघर्ष क्षेत्र में लड़ाई को समाप्त करने और शेष 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई वार्ता में सफलता नहीं मिली, लेकिन इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपनी वार्ता टीम को वापस बुलाने का विकल्प चुनने से पहले इसे तीन दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया था.''

नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''इजरायल को काहिरा में हमारे बंधकों की रिहाई पर हमास से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला.'' उन्होंने कहा, ''हमास के रुख में बदलाव से बातचीत आगे बढ़ सकेगी.'' टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान भी जारी किया, इसमें कहा गया कि "मजबूत सैन्य दबाव और दृढ़ बातचीत" बंदियों को रिहा कराने की कुंजी है.'' हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने अमेरिका में एक प्रमुख समाचार मीडिया को बताते हुए नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि इजरायल का प्रस्ताव उन समझौतों से दूर है जिन पर पार्टियां पहले पहुंची थीं. बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू के फैसले को अपने प्रियजनों के लिए मौत की सजा बताया, जो 130 दिनों से अधिक समय से गाजा में आतंकवादियों के कब्जे में हैं.

यूएसए टुडे ने कहा, ''जिन मुद्दों के बारे में मीडिया का कहना है कि समझौते में बाधा आ रही है, उनमें युद्ध के बाद हमास को कुचलने और गाजा में सुरक्षा का प्रभारी बने रहने की इजरायल की प्रतिज्ञा शामिल है और हमास की स्थायी संघर्ष विराम और युद्धग्रस्त क्षेत्र से सभी इजरायली सैनिकों की वापसी की मांग है.''

मध्य पूर्व में नवीनतम घटनाक्रम:
विदेश विभाग ने वेस्ट बैंक में 17 वर्षीय फिलिस्तीनी अमेरिकी मोहम्मद अहमद खदौर की मौत की पुष्टि की है और जांच की मांग की है. वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उसके सिर में गोली मारी गई थी. युद्ध शुरू होने के बाद से कब्जे वाले क्षेत्र में मारे जाने वाले वह दूसरे अमेरिकी नागरिक हैं. यूएस सेंट्रल कमांड के अनुसार, अमेरिकी सेना ने हूती विद्रोही समूह द्वारा नियंत्रित यमन के एक हिस्से पर हवाई हमला किया, जो महीनों से लाल सागर में वाणिज्यिक और नौसेना के जहाजों पर हमले कर रहा है.

गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों के परिवार के सदस्य और पूर्व बंदी बुधवार को नीदरलैंड में कानूनी शिकायत दर्ज कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में हमास के नेताओं को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग कर रहे थे. दावा किया जाता है कि 7 अक्टूबर को गाजा में 28,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था और 240 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर युद्ध शुरू कर दिया था.

इजरायली सेना ने एक्स पर कहा कि सुरंग सहित हमास के बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया, लेकिन हमला कहां हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. इजरायल रक्षा बलों ने कहा कि इसमें कम से कम 10 आतंकवादी मारे गए. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों फिलिस्तीनियों को अमेरिका से निर्वासन से बचाया गया. एक योजना के तहत अमेरिका में रहने वाले लगभग 6,000 फिलिस्तीनी 18 महीने तक निर्वासित नहीं किए जाएंगे. इसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन का धन्यवाद किया गया. गौरतलब है कि डेफर्ड एनफोर्स्ड डिपार्चर नामक कार्यक्रम, संकटग्रस्त देशों के नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है.

ये भी पढ़ें-

Hamas Israel : फिलिस्तीनी-इजराइल संघर्ष के बीच राष्ट्रपति पुतिन ने बताया इस 'मसले' का हल

वाशिंगटन : हमास की भ्रामक मांगों और नए प्रस्तावों की कमी को जिम्मेदार ठहराते हुए इजरायल ने काहिरा में मध्य पूर्व शांति वार्ता से खुद को अलग कर लिया है. इससे युद्ध समाप्त करने के लिए चल रही संघर्ष विराम वार्ता को गंभीर झटका लगा है. इजरायली मीडिया आउटलेट्स ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट मेें कहा, ''गाजा में संघर्ष क्षेत्र में लड़ाई को समाप्त करने और शेष 100 से अधिक बंधकों को मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई वार्ता में सफलता नहीं मिली, लेकिन इजरायली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा अपनी वार्ता टीम को वापस बुलाने का विकल्प चुनने से पहले इसे तीन दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया गया था.''

नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, ''इजरायल को काहिरा में हमारे बंधकों की रिहाई पर हमास से कोई नया प्रस्ताव नहीं मिला.'' उन्होंने कहा, ''हमास के रुख में बदलाव से बातचीत आगे बढ़ सकेगी.'' टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के अनुसार, नेतन्याहू ने एक वीडियो बयान भी जारी किया, इसमें कहा गया कि "मजबूत सैन्य दबाव और दृढ़ बातचीत" बंदियों को रिहा कराने की कुंजी है.'' हमास के वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने अमेरिका में एक प्रमुख समाचार मीडिया को बताते हुए नेतन्याहू पर आरोप लगाया कि इजरायल का प्रस्ताव उन समझौतों से दूर है जिन पर पार्टियां पहले पहुंची थीं. बंधकों के परिवारों ने नेतन्याहू के फैसले को अपने प्रियजनों के लिए मौत की सजा बताया, जो 130 दिनों से अधिक समय से गाजा में आतंकवादियों के कब्जे में हैं.

यूएसए टुडे ने कहा, ''जिन मुद्दों के बारे में मीडिया का कहना है कि समझौते में बाधा आ रही है, उनमें युद्ध के बाद हमास को कुचलने और गाजा में सुरक्षा का प्रभारी बने रहने की इजरायल की प्रतिज्ञा शामिल है और हमास की स्थायी संघर्ष विराम और युद्धग्रस्त क्षेत्र से सभी इजरायली सैनिकों की वापसी की मांग है.''

मध्य पूर्व में नवीनतम घटनाक्रम:
विदेश विभाग ने वेस्ट बैंक में 17 वर्षीय फिलिस्तीनी अमेरिकी मोहम्मद अहमद खदौर की मौत की पुष्टि की है और जांच की मांग की है. वाशिंगटन पोस्ट ने बताया कि उसके सिर में गोली मारी गई थी. युद्ध शुरू होने के बाद से कब्जे वाले क्षेत्र में मारे जाने वाले वह दूसरे अमेरिकी नागरिक हैं. यूएस सेंट्रल कमांड के अनुसार, अमेरिकी सेना ने हूती विद्रोही समूह द्वारा नियंत्रित यमन के एक हिस्से पर हवाई हमला किया, जो महीनों से लाल सागर में वाणिज्यिक और नौसेना के जहाजों पर हमले कर रहा है.

गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों के परिवार के सदस्य और पूर्व बंदी बुधवार को नीदरलैंड में कानूनी शिकायत दर्ज कराने के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय में हमास के नेताओं को गिरफ्तार करने और उन पर मुकदमा चलाने की मांग कर रहे थे. दावा किया जाता है कि 7 अक्टूबर को गाजा में 28,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, इनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, जब हमास ने इजरायल पर हमला कर लगभग 1,200 लोगों को मार डाला था और 240 से अधिक लोगों को बंधक बनाकर युद्ध शुरू कर दिया था.

इजरायली सेना ने एक्स पर कहा कि सुरंग सहित हमास के बुनियादी ढांचे पर हमला किया गया, लेकिन हमला कहां हुआ इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई. इजरायल रक्षा बलों ने कहा कि इसमें कम से कम 10 आतंकवादी मारे गए. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों फिलिस्तीनियों को अमेरिका से निर्वासन से बचाया गया. एक योजना के तहत अमेरिका में रहने वाले लगभग 6,000 फिलिस्तीनी 18 महीने तक निर्वासित नहीं किए जाएंगे. इसके लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन का धन्यवाद किया गया. गौरतलब है कि डेफर्ड एनफोर्स्ड डिपार्चर नामक कार्यक्रम, संकटग्रस्त देशों के नागरिकों को अमेरिका में रहने और काम करने की अनुमति देता है.

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Last Updated : Feb 16, 2024, 2:12 PM IST
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