यरूशलम: ईरान के सर्वोच्च नेता ने रविवार को इस बात की किसी भी चर्चा को खारिज कर दिया कि तेहरान के इजरायल पर अभूतपूर्व ड्रोन-और-मिसाइल हमले से वहां कुछ भी प्रभावित हुआ. वरिष्ठ सैन्य नेताओं के समक्ष अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को इस्फहान के केंद्रीय शहर पर स्पष्ट इजरायली जवाबी हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि, शुक्रवार को हवाई सुरक्षा की ओर से गोलीबारी करने और देश के अधिकांश हिस्सों में वाणिज्यिक उड़ानें रोक दीं.
विश्लेषकों का मानना है कि ईरान और इजराइल दोनों, क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वी जो वर्षों से एक छद्म युद्ध में हैं. अब दोनों उनके बीच बढ़ते हमलों की एक श्रृंखला के बाद तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. 85 वर्षीय खमेनेई ने एक बैठक में यह टिप्पणी की, जिसमें ईरान की नियमित सेना, पुलिस और अर्धसैनिक रिवोल्यूशनरी गार्ड के शीर्ष रैंक के लोग शामिल थे.
खमेनेई ने राज्य टेलीविजन पर प्रसारित टिप्पणियों में कहा कि कितनी मिसाइलें दागीं गईं, उनमें से कितनी लक्ष्य पर लगीं और कितनी नहीं लगीं, इस बारे में बहस का महत्व नहीं है. उन्होंने कहा कि एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में ईरानी सेना ने अपनी शक्ति का एहसास दिलाया है. यही अहम बात है. उन्होंने कहा, यही मायने रखता है.
13 अप्रैल के हमले में ईरान ने सैकड़ों ड्रोन, बैलिस्टिक मिसाइलें और क्रूज मिसाइलें लॉन्च कीं, जिनका उद्देश्य इजरायल की हवाई सुरक्षा को कमजोर करना था. 1991 के खाड़ी युद्ध में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन की ओर से इजरायल पर स्कड मिसाइलें लॉन्च करने के बाद किसी विदेशी शक्ति की ओर से इजरायल पर किया गया यह पहला हमला था.
हालांकि, अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और पड़ोसी जॉर्डन की ओर से समर्थित इजरायली हवाई सुरक्षा और लड़ाकू विमानों ने आने वाली अधिकांश मिसाइलों को नाकाम कर दिया. एसोसिएटेड प्रेस की ओर से शनिवार को विश्लेषण की गई उपग्रह छवियों से पता चला कि ईरानी हमले से दक्षिणी इजराइल में नेवातिम हवाई अड्डे पर केवल मामूली क्षति हुई, जिसमें टैक्सीवे का एक हिस्सा भी शामिल था. जिसकी इजराइल ने तुरंत मरम्मत कर ली.
ईरान का हमला 1 अप्रैल को सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास के बगल में एक कांसुलर इमारत को निशाना बनाकर किए गए संदिग्ध इजरायली हमले के जवाब में हुआ था. उस हमले में दो गार्ड जनरल और अन्य लोग मारे गए थे. खामेनेई ने अपने संबोधन में कहा कि आज, हमारे सशस्त्र बलों, रिवोल्यूशनरी गार्ड, सेना, पुलिस, प्रत्येक ने अपने-अपने तरीके से किए गए काम के लिए धन्यवाद. अल्लाह की स्तुति करो, दुनिया भर में देश की छवि सराहनीय बन गई है. बता दें कि इन हमलों के बाद भी ईरान की सरकार को अपनी अर्थव्यवस्था को लेकर जनता के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. जिसे बल पूर्वक दबाने की खबरें मिल रही हैं.
अन्य घटनाक्रमों में, इराकी सुरक्षा मीडिया सेल ने कहा कि पश्चिमी निनेवे प्रांत क्षेत्र में इराकी सुरक्षा बल उन गैरकानूनी तत्वों की तलाश कर रहे थे, जिन्होंने रविवार देर रात अमेरिकी नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के अड्डे को निशाना बनाकर सीमा पार से सीरिया में मिसाइलें दागीं. बयान में कहा गया है कि खोजकर्ताओं ने एक मिसाइल लांचर पाया और उसे नष्ट कर दिया. किसी भी समूह ने कथित हमले की तत्काल जिम्मेदारी नहीं ली है.
सुरक्षा मीडिया सेल के प्रमुख मेजर जनरल तहसीन अल-खफाजी ने कहा कि सीमा पार से लगभग पांच मिसाइलें दागी गईं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने लक्षित अड्डे पर हमला किया या कोई नुकसान पहुंचाया. अमेरिकी अधिकारियों की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं आई.
दो रात पहले, इराक में ईरान-सहयोगी मिलिशिया के गठबंधन, पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सेस के एक अड्डे पर विस्फोट हुआ, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ घायल हो गए. मिलिशिया अधिकारियों ने शुरू में बेबीलोन के उत्तर में कलसू सैन्य अड्डे पर हुए विस्फोट को एक हवाई हमला बताया, जिसके लिए उन्होंने अमेरिकी सेना को जिम्मेदार ठहराया. अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने इस बात से इनकार किया कि उसने इराक में कोई हवाई हमला किया है, और इराक के सुरक्षा मीडिया सेल ने कहा कि देश की वायु रक्षा कमान ने विस्फोट से पहले या उसके दौरान बेबीलोन के पास किसी भी ड्रोन या युद्धक विमान का पता नहीं लगाया था.
पीएमएफ को इराकी सशस्त्र बलों के भीतर एक स्वतंत्र सैन्य गठन के रूप में नामित किया गया है. हाल के महीनों में, गठबंधन के कुछ सदस्य समूहों ने क्षेत्र में स्थित अमेरिकी सेनाओं पर हमले किए हैं, जिसके बारे में उनका कहना है कि यह गाजा में हमास के साथ युद्ध में वाशिंगटन द्वारा इजरायल के समर्थन के प्रतिशोध में था. जनवरी के अंत में सीरियाई सीमा के पास जॉर्डन में एक बेस पर हमले में तीन अमेरिकी सैनिकों के मारे जाने के बाद ये हमले रुक गए, जिससे इराक में अमेरिकी जवाबी हमले शुरू हो गए.
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