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हनिया की हत्या के एक हफ्ते बाद भी खामोश बैठा है ईरान, जवाबी हमले में देरी पर सवाल, जानें वजह - Ismail Haniyeh Killing

Iran retaliation against Israel: तेहरान में हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या के बाद एक सप्ताह बाद भी ईरान ने अभी तक इजराइल के खिलाफ कोई जवाबी सैन्य कार्रवाई नहीं की है. जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या क्षेत्र में अमेरिका द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन से ईरान पीछे हट गया है या कोई अलग रणनीति बना रहा है.

Iran retaliation against Israel Haniyeh killing
प्रतीकात्मक तस्वीर- हमास प्रमुख इस्माइल हनिया (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 8, 2024, 8:45 PM IST

जेद्दा: ईरान की राजधानी तेहरान के पॉश इलाके में बीते 31 जुलाई को फिलिस्तीनी संगठन हमास के नेता इस्माइल हनिया की एक हमले में मौत हो गई थी. ईरान और हमास ने इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था और हनिया की हत्या का बदला लेने की धमकी थी. अमेरिकी खुफिया सूत्रों का कहना है कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या के लिए ईरान की तरफ से इजराइल के खिलाफ सैन्य जवाबी कार्रवाई में अधिक समय लग रहा है.

सऊदी अरब के न्यूज चैनल अल-अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती आकलन में इस हफ्ते की शुरुआत में ही जवाबी हमला किए जाने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार ईरान कोई भी जवाबी कार्रवाई स्थगित कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि ईरान ने कोई भी कार्रवाई करने से पहले बुधवार को जेद्दा में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक तक इंतजार किया.

ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अली बाकरी-कनी ने ओआईसी के विदेश मंत्रियों की कार्यकारी समिति की अहम बैठक में भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सऊदी अरब के जेद्दा की यात्रा की. बैठक में पिछले सप्ताह तेहरान में हमास नेता हनिया की हत्या पर चर्चा की गई. ईरानी विदेश मंत्री ने मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ खुद की रक्षा करने के ईरान के अधिकार का समर्थन करने का आह्वान किया. सऊदी अरब ने ईरान के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यह हत्या ईरान की संप्रभुता का घोर उल्लंघन है.

वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उनका मानना​है कि मध्य पूर्व में युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रयास काम आ सकते हैं और तेहरान में हमास प्रमुख की हत्या के बाद ईरान बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की योजना पर पुनर्विचार कर सकता है.

मौत की परिस्थितियों को लेकर भ्रम
रिपोर्ट में कहा गया है कि हनिया की मौत की परिस्थितियों को लेकर भ्रम की स्थिति के कारण ईरान की जवाबी कार्रवाई जटिल हो गई है. तेहरान ने पहले दावा किया कि इजराइल के मिसाइल हमले में हमास प्रमुख की मौत हुई, जिसके लिए ईरान की प्रतिक्रिया संभव थी. मगर अधिकारियों का कहना है कि तेहरान ने निजी तौर पर निष्कर्ष निकाला है कि हनिया की मौत बम विस्फोट के कारण हुई है, जिसे गुप्त से कमरे में रखा गया था. शायद इसकी वजह से ईरान के रुख में बदलाव आया हो और अलग तरह की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा हो.

अमेरिका के शक्ति प्रदर्शन से पीछे हटा ईरान?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह अमेरिका द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन और तेहरान में स्विस दूतावास तथा संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन के जरिये व्हाइट हाउस के गुप्त संचार से भी तेहरान का इरादा बदल सकता है. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, "ईरान स्पष्ट रूप से समझता है कि अमेरिका अपने हितों, अपने भागीदारों और अपने लोगों की रक्षा में अडिग है. हमने उस सिद्धांत को रेखांकित करने के लिए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण मात्रा में सैन्य संपत्ति भेजी है."

वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में, जर्मनी की एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा ने बुधवार को घोषणा की कि वह 13 अगस्त तक ईरानी और इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से बचेगी. मध्य पूर्व में उच्च तनाव के कारण एयरलाइन ने यह निर्णय लिया. इसके अलावा, लुफ्थांसा ने 3 अगस्त तक तेल अवीव, तेहरान, बेरूत, अम्मान और एरबिल के लिए अपनी सेवाओं के निलंबन कर दिया है.

वहीं, मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्देल-अती ने ईरानी विदेश मंत्री कनी के साथ फोन कॉल में क्षेत्रीय स्थिरता के बारे में चिंता व्यक्त की. मिस्र ने अपने सभी विमानों को गुरुवार की सुबह तीन घंटे के लिए ईरान के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्देश दिया है, क्योंकि उसे इस बात की आशंका है कि ईरान इजराइल के खिलाफ जवाबी हमला कर सकता है.

यह भी पढ़ें- इजराइल पर 7 अक्टूबर के हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनावर होगा हमास का नया प्रमुख

जेद्दा: ईरान की राजधानी तेहरान के पॉश इलाके में बीते 31 जुलाई को फिलिस्तीनी संगठन हमास के नेता इस्माइल हनिया की एक हमले में मौत हो गई थी. ईरान और हमास ने इस हमले के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराया था और हनिया की हत्या का बदला लेने की धमकी थी. अमेरिकी खुफिया सूत्रों का कहना है कि तेहरान में हमास नेता इस्माइल हनिया की हत्या के लिए ईरान की तरफ से इजराइल के खिलाफ सैन्य जवाबी कार्रवाई में अधिक समय लग रहा है.

सऊदी अरब के न्यूज चैनल अल-अरबिया की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती आकलन में इस हफ्ते की शुरुआत में ही जवाबी हमला किए जाने की भविष्यवाणी की गई थी, लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार ईरान कोई भी जवाबी कार्रवाई स्थगित कर सकता है. ऐसा माना जाता है कि ईरान ने कोई भी कार्रवाई करने से पहले बुधवार को जेद्दा में आयोजित इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की बैठक तक इंतजार किया.

ईरान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अली बाकरी-कनी ने ओआईसी के विदेश मंत्रियों की कार्यकारी समिति की अहम बैठक में भाग लेने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल के साथ सऊदी अरब के जेद्दा की यात्रा की. बैठक में पिछले सप्ताह तेहरान में हमास नेता हनिया की हत्या पर चर्चा की गई. ईरानी विदेश मंत्री ने मुस्लिम देशों से इजराइल के खिलाफ खुद की रक्षा करने के ईरान के अधिकार का समर्थन करने का आह्वान किया. सऊदी अरब ने ईरान के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि यह हत्या ईरान की संप्रभुता का घोर उल्लंघन है.

वॉशिंगटन पोस्ट के अनुसार, व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि उनका मानना​है कि मध्य पूर्व में युद्ध को रोकने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रयास काम आ सकते हैं और तेहरान में हमास प्रमुख की हत्या के बाद ईरान बड़े पैमाने पर जवाबी कार्रवाई की योजना पर पुनर्विचार कर सकता है.

मौत की परिस्थितियों को लेकर भ्रम
रिपोर्ट में कहा गया है कि हनिया की मौत की परिस्थितियों को लेकर भ्रम की स्थिति के कारण ईरान की जवाबी कार्रवाई जटिल हो गई है. तेहरान ने पहले दावा किया कि इजराइल के मिसाइल हमले में हमास प्रमुख की मौत हुई, जिसके लिए ईरान की प्रतिक्रिया संभव थी. मगर अधिकारियों का कहना है कि तेहरान ने निजी तौर पर निष्कर्ष निकाला है कि हनिया की मौत बम विस्फोट के कारण हुई है, जिसे गुप्त से कमरे में रखा गया था. शायद इसकी वजह से ईरान के रुख में बदलाव आया हो और अलग तरह की प्रतिक्रिया पर विचार कर रहा हो.

अमेरिका के शक्ति प्रदर्शन से पीछे हटा ईरान?
रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह अमेरिका द्वारा किए गए शक्ति प्रदर्शन और तेहरान में स्विस दूतावास तथा संयुक्त राष्ट्र में ईरानी मिशन के जरिये व्हाइट हाउस के गुप्त संचार से भी तेहरान का इरादा बदल सकता है. एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है, "ईरान स्पष्ट रूप से समझता है कि अमेरिका अपने हितों, अपने भागीदारों और अपने लोगों की रक्षा में अडिग है. हमने उस सिद्धांत को रेखांकित करने के लिए इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण मात्रा में सैन्य संपत्ति भेजी है."

वहीं, एक अन्य घटनाक्रम में, जर्मनी की एयरलाइन कंपनी लुफ्थांसा ने बुधवार को घोषणा की कि वह 13 अगस्त तक ईरानी और इराकी हवाई क्षेत्र का उपयोग करने से बचेगी. मध्य पूर्व में उच्च तनाव के कारण एयरलाइन ने यह निर्णय लिया. इसके अलावा, लुफ्थांसा ने 3 अगस्त तक तेल अवीव, तेहरान, बेरूत, अम्मान और एरबिल के लिए अपनी सेवाओं के निलंबन कर दिया है.

वहीं, मिस्र के विदेश मंत्री बदर अब्देल-अती ने ईरानी विदेश मंत्री कनी के साथ फोन कॉल में क्षेत्रीय स्थिरता के बारे में चिंता व्यक्त की. मिस्र ने अपने सभी विमानों को गुरुवार की सुबह तीन घंटे के लिए ईरान के हवाई क्षेत्र से बचने का निर्देश दिया है, क्योंकि उसे इस बात की आशंका है कि ईरान इजराइल के खिलाफ जवाबी हमला कर सकता है.

यह भी पढ़ें- इजराइल पर 7 अक्टूबर के हमले के मास्टरमाइंड याह्या सिनावर होगा हमास का नया प्रमुख

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