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इंडोनेशिया: भूस्खलन में दबे लोगों की तलाश तेज, कम से कम 23 लोगों की मौत - Indonesia landslide - INDONESIA LANDSLIDE

Indonesia landslide search intensifies: इंडोनेशिया में भूस्खलन के बाद मलबे में दबे लोगों की तलाश में चलाया गया अभियान तेज कर दिया गया. बताया जा रहा है कि अवैध खनन के चलते भूस्खलन की घटना हई.

Indonesia landslide
इंडोनेशिया में भूस्खलन के बाद राहत बचाव अभियान (AP)
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By PTI

Published : Jul 10, 2024, 12:05 PM IST

Updated : Jul 10, 2024, 12:27 PM IST

पालु: इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर एक अनधिकृत सोने की खदान में हुए घातक भूस्खलन में फंसे लोगों की तलाश के प्रयास बुधवार को तेज कर दिए गए. इस खदान में सप्ताहांत में 23 लोगों की मौत हो गई. रविवार को गोरोंटालो प्रांत के सुदूर और पहाड़ी गांव बोन बोलांगो में 100 से अधिक ग्रामीण सोने के कण खोजने के लिए खुदाई कर रहे थे, तभी आसपास की पहाड़ियों से भारी मात्रा में मिट्टी गिर गई और उनके अस्थायी शिविर उसमें दब गए.

प्रांतीय खोज एवं बचाव कार्यालय ने बुधवार को बताया कि 81 ग्रामीण भूस्खलन से बच निकलने में सफल रहे. उनमें से कई को बचावकर्मियों ने बाहर निकाल लिया, जिनमें से 18 घायल हैं. इसने बताया कि 23 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें एक 4 वर्षीय बच्चा भी शामिल है, जबकि 33 अन्य लापता हैं.
राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी के संचालन निदेशक एडी प्रकोसो ने बताया कि खोज प्रयासों को बढ़ाने के लिए सेना के जवानों सहित 1,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि इंडोनेशियाई वायु सेना एक हेलीकॉप्टर भेजेगी क्योंकि भारी बारिश, मिट्टी और ऊबड़-खाबड़ इलाकों के कारण बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न होने के कारण यह एकमात्र तरीका था.

इंडोनेशिया में अनौपचारिक खनन कार्य आम बात है. हजारों लोगों को ऐसी परिस्थितियों में काम करने के लिए मुश्किल आजीविका प्रदान करता है, जिनमें गंभीर चोट या मृत्यु का उच्च जोखिम होता है. भूस्खलन, बाढ़ और सुरंगों का ढहना खनिकों के सामने आने वाले कुछ खतरे हैं. सोने के अयस्क प्रसंस्करण में अत्यधिक विषैले पारा और साइनाइड का उपयोग होता है, जिसमें श्रमिक अक्सर बहुत कम या बिल्कुल भी सुरक्षा का उपयोग नहीं करते हैं.

देश में खनन से जुड़ी आखिरी बड़ी दुर्घटना अप्रैल 2022 में हुई थी. उस वक्त उत्तरी सुमात्रा के मंडेलिंग नटाल जिले में एक अवैध सोने की खदान में भूस्खलन हुआ था. इसमें सोना खोजने गई 12 महिलाओं की मौत हो गई थी. पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने देश भर में इस तरह के काम को बंद करने के लिए सालों से अभियान चलाया है. खासकर सुलावेसी में जहां हाल के सालों में यह प्रथा बढ़ी है. रविवार को हुए भूस्खलन ने उनकी आवाज को फिर से सुलगा दिया.

पर्यावरण निगरानी संस्था जेएटीएएम (JATAM) के कानूनी प्रभाग के प्रमुख मुहम्मद जमील ने कहा कि स्थानीय सरकार ने इस क्षेत्र में अवैध सोने के खनन की गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी है, जिससे यह घातक आपदा आई है. उन्होंने कहा कि सोने के खनन में कई लोग शामिल हैं जो दोषी हैं. अल्फा रिसर्च एंड डेटासेंटर के खनन और ऊर्जा शोधकर्ता फेर्डी हसीमन ने कहा कि खदानों के प्रसार को लंबे समय से अपस्ट्रीम क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. इसके कारण डाउनस्ट्रीम में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं. हसीमन ने कहा कि अगर अवैध खनन और वनों की कटाई जारी रही तो बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं जारी रहेंगी. हम स्थानीय और केंद्रीय सरकार से देश भर में अवैध सोने के खनन को बंद करने के अपने प्रयासों का विस्तार करने का आह्वान करते हैं.

ये भी पढ़ें- इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के बाद सुनामी की चेतावनी, कई बड़े विस्फोट के बाद लोगों को क्षेत्र छोड़ने का आदेश

पालु: इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप पर एक अनधिकृत सोने की खदान में हुए घातक भूस्खलन में फंसे लोगों की तलाश के प्रयास बुधवार को तेज कर दिए गए. इस खदान में सप्ताहांत में 23 लोगों की मौत हो गई. रविवार को गोरोंटालो प्रांत के सुदूर और पहाड़ी गांव बोन बोलांगो में 100 से अधिक ग्रामीण सोने के कण खोजने के लिए खुदाई कर रहे थे, तभी आसपास की पहाड़ियों से भारी मात्रा में मिट्टी गिर गई और उनके अस्थायी शिविर उसमें दब गए.

प्रांतीय खोज एवं बचाव कार्यालय ने बुधवार को बताया कि 81 ग्रामीण भूस्खलन से बच निकलने में सफल रहे. उनमें से कई को बचावकर्मियों ने बाहर निकाल लिया, जिनमें से 18 घायल हैं. इसने बताया कि 23 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें एक 4 वर्षीय बच्चा भी शामिल है, जबकि 33 अन्य लापता हैं.
राष्ट्रीय खोज एवं बचाव एजेंसी के संचालन निदेशक एडी प्रकोसो ने बताया कि खोज प्रयासों को बढ़ाने के लिए सेना के जवानों सहित 1,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि इंडोनेशियाई वायु सेना एक हेलीकॉप्टर भेजेगी क्योंकि भारी बारिश, मिट्टी और ऊबड़-खाबड़ इलाकों के कारण बचाव अभियान में बाधा उत्पन्न होने के कारण यह एकमात्र तरीका था.

इंडोनेशिया में अनौपचारिक खनन कार्य आम बात है. हजारों लोगों को ऐसी परिस्थितियों में काम करने के लिए मुश्किल आजीविका प्रदान करता है, जिनमें गंभीर चोट या मृत्यु का उच्च जोखिम होता है. भूस्खलन, बाढ़ और सुरंगों का ढहना खनिकों के सामने आने वाले कुछ खतरे हैं. सोने के अयस्क प्रसंस्करण में अत्यधिक विषैले पारा और साइनाइड का उपयोग होता है, जिसमें श्रमिक अक्सर बहुत कम या बिल्कुल भी सुरक्षा का उपयोग नहीं करते हैं.

देश में खनन से जुड़ी आखिरी बड़ी दुर्घटना अप्रैल 2022 में हुई थी. उस वक्त उत्तरी सुमात्रा के मंडेलिंग नटाल जिले में एक अवैध सोने की खदान में भूस्खलन हुआ था. इसमें सोना खोजने गई 12 महिलाओं की मौत हो गई थी. पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने देश भर में इस तरह के काम को बंद करने के लिए सालों से अभियान चलाया है. खासकर सुलावेसी में जहां हाल के सालों में यह प्रथा बढ़ी है. रविवार को हुए भूस्खलन ने उनकी आवाज को फिर से सुलगा दिया.

पर्यावरण निगरानी संस्था जेएटीएएम (JATAM) के कानूनी प्रभाग के प्रमुख मुहम्मद जमील ने कहा कि स्थानीय सरकार ने इस क्षेत्र में अवैध सोने के खनन की गतिविधियों को जारी रखने की अनुमति दी है, जिससे यह घातक आपदा आई है. उन्होंने कहा कि सोने के खनन में कई लोग शामिल हैं जो दोषी हैं. अल्फा रिसर्च एंड डेटासेंटर के खनन और ऊर्जा शोधकर्ता फेर्डी हसीमन ने कहा कि खदानों के प्रसार को लंबे समय से अपस्ट्रीम क्षेत्रों में पर्यावरणीय क्षति के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. इसके कारण डाउनस्ट्रीम में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं. हसीमन ने कहा कि अगर अवैध खनन और वनों की कटाई जारी रही तो बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं जारी रहेंगी. हम स्थानीय और केंद्रीय सरकार से देश भर में अवैध सोने के खनन को बंद करने के अपने प्रयासों का विस्तार करने का आह्वान करते हैं.

ये भी पढ़ें- इंडोनेशिया में ज्वालामुखी के बाद सुनामी की चेतावनी, कई बड़े विस्फोट के बाद लोगों को क्षेत्र छोड़ने का आदेश
Last Updated : Jul 10, 2024, 12:27 PM IST
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