अस्ताना: भारत ने गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से उन देशों को अलग-थलग करने और बेनकाब करने का आह्वान किया जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं. भारत ने चीन और पाकिस्तान पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाई गई तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्षों की परिषद के शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान, बैठक में उपस्थित विदेश मंत्री एस जयशंकर ने याद दिलाया कि एससीओ का एक मूल लक्ष्य आतंकवाद का मुकाबला करना है.
शिखर सम्मेलन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन समेत अन्य लोग शामिल हुए. यहां जयशंकर ने कहा कि 'हममें से कई लोगों के पास ऐसे अनुभव हैं, जो अक्सर हमारी सीमाओं से परे होते हैं. हमें यह स्पष्ट कर देना चाहिए कि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया जाए, तो यह क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है.'
उन्होंने कहा कि 'किसी भी रूप या अभिव्यक्ति में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता है या उसे माफ नहीं किया जा सकता है.' उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को 'उन देशों को अलग-थलग करना चाहिए और बेनकाब करना चाहिए, जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं, सुरक्षित पनाहगाह उपलब्ध कराते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.' उनका स्पष्ट संदर्भ पाकिस्तान और उसके सदाबहार मित्र चीन से था, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित वांछित आतंकवादियों को काली सूची में डालने के प्रस्तावों पर अक्सर रोक लगा दी है.
उन्होंने कहा कि 'सीमा पार आतंकवाद का निर्णायक जवाब देने की आवश्यकता है और आतंकवाद के वित्तपोषण और भर्ती का दृढ़ता से मुकाबला किया जाना चाहिए. हमें अपने युवाओं में कट्टरपंथ के प्रसार को रोकने के लिए भी सक्रिय कदम उठाने चाहिए.' उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत की अध्यक्षता के दौरान इस विषय पर जारी संयुक्त वक्तव्य नई दिल्ली की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एससीओ लोगों को एकजुट करने, सहयोग करने, विकास करने और एक साथ समृद्ध होने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान करता है, जो वसुधैव कुटुम्बकम के सहस्राब्दियों पुराने सिद्धांत का पालन करता है, जिसका अर्थ है 'विश्व एक परिवार' है.
जयशंकर ने बाद में एक्स पर पोस्ट किया कि 'प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की ओर से एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन में भारत का वक्तव्य दिया. प्रधानमंत्री @narendramodi को लगातार तीसरी बार फिर से चुने जाने पर शुभकामनाएं देने के लिए उपस्थित नेताओं का धन्यवाद.'