लाहौर : जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को करारा झटका लगा है. उसके समर्थन से पंजाब की प्रांतीय विधानसभा के लिए चुने गए तीन निर्दलीय सदस्य राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत में एक प्रतिद्वंद्वी पार्टी में शामिल हो गए हैं.
दूसरी ओर, नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) प्रांतीय असेंबली (एमपीए) के आठ और स्वतंत्र सदस्यों और नेशनल असेंबली (एमएनए) के एक निर्वाचित सदस्य को लेने में कामयाब रही. ये वो निर्दलीय सदस्य थे जो पीटीआई की ओर से समर्थित नहीं थे. अब नेशनल असेंबली में पीएमएल-एन की संख्या 80 और पंजाब असेंबली में 150 से अधिक हो गई है. पंजाब में, तीन बार के पूर्व प्रधान मंत्री शरीफ की बेटी मरियम नवाज को पीएमएल-एन द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया गया है.
पीटीआई समर्थित तीन सदस्यों वाली पंजाब विधानसभा ने अलीम खान की इस्तेखाम-ए-पाकिस्तान पार्टी (आईपीपी) से हाथ मिला लिया. आईपीपी के संरक्षक जहांगीर खान तरीन के इस्तीफे के बाद, अलीम उस पार्टी के मामलों की देखभाल कर रहे हैं जो 9 मई की हिंसा के बाद खान की पीटीआई से अलग होकर बनी थी.
अलीम कथित तौर पर सेना की मदद से पंजाब में अपनी संख्या बढ़ाने के लिए पीटीआई समर्थित स्वतंत्र विजेताओं को प्रभावित कर रहे हैं. पीटीआई-समर्थित निर्वाचित सांसद सरदार अवैस द्रशिक, जाहिद इस्माइल भट्टा और हाफिज ताहिर कैसरानी और एक अन्य स्वतंत्र सांसद गजनफर अब्बास चीना ने लाहौर में अलीम से मुलाकात की और आईपीपी में शामिल होने की घोषणा की.
अलीम ने दावा किया कि पीटीआई की ओर से समर्थित 10 से 15 निर्वाचित एमपीए का एक अन्य समूह भी जल्द ही आईपीपी में शामिल हो जाएगा. वे सभी उनके संपर्क में हैं. सिंध में पीटीआई समर्थित चौथे स्वतंत्र विजेता इजाज स्वाति बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) में शामिल हो गए हैं.
अब तक, कुल पांच निर्वाचित सांसदों ने इमरान खान की पार्टी छोड़ दी है और केंद्र और पंजाब दोनों में पीएमएल-एन की स्थिति को मजबूत करने के लिए और अधिक सांसदों को तोड़ने के प्रयास किये जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि पीएमएल-एन और उसके सहयोगी आईपीपी का लक्ष्य पीटीआई समर्थित पर्याप्त निर्दलीय विधायकों को इकट्ठा करना है ताकि भविष्य की योजनाओं में उसे पीपीपी पर ज्यादा निर्भर न रहना पड़े.
पीएमएल-एन के अध्यक्ष शहबाज शरीफ को उनकी पार्टी ने प्रधानमंत्री पद के लिए नामित किया है. पीपीपी ने सरकार गठन में पीएमएल-एन को समर्थन देने की घोषणा की है. हालांकि, वह मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होगी.
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