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युद्ध विराम पर सहमत हो गए थे नसरल्लाह और नेतन्याहू, अमेरिका-फ्रांस को दी थी जानकारी, जानें किसने किया दावा? - Hasan Nasarallah

Benjamin Netanyahu: अमेरिकी ब्रॉडकास्टर पीबीएस से बात करते हुए लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि मरने से पहले नसरल्लाह और नेतन्याहू कथित तौर पर संघर्ष विराम पर सहमत थे.

युद्ध विराम पर सहमत हो गए थे नसरल्लाह और नेतन्याहू
युद्ध विराम पर सहमत हो गए थे नसरल्लाह और नेतन्याहू (AP)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2024, 5:16 PM IST

बेरूत: लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब ने दावा किया है कि हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बेरूत में इजरायली सेना द्वारा किए गए हवाई हमले में मारे जाने से कुछ घंटे पहले कथित तौर पर संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी. अमेरिकी ब्रॉडकास्टर पीबीएस से बात करते हुए बौ हबीब ने कहा कि संघर्ष विराम के फैसले के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस को भी सूचित किया गया था.

बता दें कि हसन नसरल्लाह की मौत 27 सितंबर को उस समय हो गई थी जब उनके बंकर पर इजराइली बम गिराए गए थे. हालांकि हिजबुल्लाह के बयान में उनकी मौत का कारण नहीं बताया गया, लेकिन रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत विस्फोटों के कारण हुई थी.

अमेरिका और फ्रांस को दी गई थी जानकारी
बौ हबीब ने पीबीएस को बताया कि नसरल्लाह ने नेतन्याहू के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई थी, इस निर्णय को लेबनान से पूर्ण सहमति मिली थी. हिजबुल्लाह से परामर्श के बाद, अमेरिका और फ्रांस दोनों को इसकी जानकारी दी गई थी.

उन्होंने कहा, "लेबनान के सदन के अध्यक्ष नबीह बेरी ने हिजबुल्लाह से परामर्श किया और हमने अमेरिकियों और फ्रांस को समझौते के बारे में सूचित किया. उन्होंने हमें बताया कि नेतन्याहू भी दोनों राष्ट्रपतियों द्वारा जारी किए गए बयान से सहमत हैं."

21 दिवसीय युद्धविराम की योजना
उन्होंने बताया कि जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जो बाइडेन और इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात हुई थी, तब संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगी देशों ने 25 सितंबर से शुरू होने वाले 21 दिवसीय युद्धविराम की योजना तैयार की थी. हालांकि, एक दिन बाद नेतन्याहू ने युद्धविराम समझौते को खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने सेना को लड़ाई जारी रखने का आदेश दिया.

इतना ही नहीं इजराइल द्वारा लेबनान के खिलाफ चल रहे हमलों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नसरल्लाह को देश छोड़कर भाग जाने को कहा था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह चेतावनी इजराइली हमले में मारे जाने से कुछ दिन पहले आई थी.

युद्धविराम की जरूत
वहीं, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने बुधवार को कहा कि देश को इजराइल और सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग में युद्ध विराम की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि लेबनान में लगभग 1.2 मिलियन लोग इजराइल के हमलों से विस्थापित हुए हैं.

मिकाती ने अमेरिकी टास्क फोर्स ऑन लेबनान द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि लड़ाई बंद करो. हमें और खून-खराबे की जरूरत नहीं है. हमें और विनाश की जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें- क्या ईरान के हमले से बचकर बंकर में छिपने के लिए भागे थे बेंजामिन नेतन्याहू? वीडियो वायरल, सच जानकर हो जाएंगे हैरान!

बेरूत: लेबनान के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बौ हबीब ने दावा किया है कि हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बेरूत में इजरायली सेना द्वारा किए गए हवाई हमले में मारे जाने से कुछ घंटे पहले कथित तौर पर संघर्ष विराम पर सहमति जताई थी. अमेरिकी ब्रॉडकास्टर पीबीएस से बात करते हुए बौ हबीब ने कहा कि संघर्ष विराम के फैसले के बारे में संयुक्त राज्य अमेरिका और फ्रांस को भी सूचित किया गया था.

बता दें कि हसन नसरल्लाह की मौत 27 सितंबर को उस समय हो गई थी जब उनके बंकर पर इजराइली बम गिराए गए थे. हालांकि हिजबुल्लाह के बयान में उनकी मौत का कारण नहीं बताया गया, लेकिन रॉयटर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी मौत विस्फोटों के कारण हुई थी.

अमेरिका और फ्रांस को दी गई थी जानकारी
बौ हबीब ने पीबीएस को बताया कि नसरल्लाह ने नेतन्याहू के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई थी, इस निर्णय को लेबनान से पूर्ण सहमति मिली थी. हिजबुल्लाह से परामर्श के बाद, अमेरिका और फ्रांस दोनों को इसकी जानकारी दी गई थी.

उन्होंने कहा, "लेबनान के सदन के अध्यक्ष नबीह बेरी ने हिजबुल्लाह से परामर्श किया और हमने अमेरिकियों और फ्रांस को समझौते के बारे में सूचित किया. उन्होंने हमें बताया कि नेतन्याहू भी दोनों राष्ट्रपतियों द्वारा जारी किए गए बयान से सहमत हैं."

21 दिवसीय युद्धविराम की योजना
उन्होंने बताया कि जब न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान जो बाइडेन और इमैनुएल मैक्रों की मुलाकात हुई थी, तब संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और अन्य सहयोगी देशों ने 25 सितंबर से शुरू होने वाले 21 दिवसीय युद्धविराम की योजना तैयार की थी. हालांकि, एक दिन बाद नेतन्याहू ने युद्धविराम समझौते को खारिज कर दिया, जिसके बाद उन्होंने सेना को लड़ाई जारी रखने का आदेश दिया.

इतना ही नहीं इजराइल द्वारा लेबनान के खिलाफ चल रहे हमलों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने नसरल्लाह को देश छोड़कर भाग जाने को कहा था. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, यह चेतावनी इजराइली हमले में मारे जाने से कुछ दिन पहले आई थी.

युद्धविराम की जरूत
वहीं, लेबनान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने बुधवार को कहा कि देश को इजराइल और सशस्त्र समूह हिजबुल्लाह के बीच जारी जंग में युद्ध विराम की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि लेबनान में लगभग 1.2 मिलियन लोग इजराइल के हमलों से विस्थापित हुए हैं.

मिकाती ने अमेरिकी टास्क फोर्स ऑन लेबनान द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि लड़ाई बंद करो. हमें और खून-खराबे की जरूरत नहीं है. हमें और विनाश की जरूरत नहीं है.

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