ओटावा: कनाडा की पुलिस ने शनिवार को हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में गिरफ्तार किए गए सभी तीन लोगों की तस्वीरें जारी कर दीं. कनाडाई पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी भारतीय नागरिक हैं. उनकी पहचान करणप्रीत सिंह,कमलप्रीत सिंह और करण बरार के रूप में की गई है और उनकी तस्वीरें भी जारी कर दी गई हैं. जानकारी के अनुसार तीनों को अलबर्टा के एडमोंटन शहर से गिरफ्तार किया गया था.
इस संबंध में सरे की आरसीएमपी इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम (IHIT) ने शुक्रवार (स्थानीय समयानुसार) को कहा कि आरोपियों को 3 मई की सुबह आईएचआईटी ने ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा आरसीएमपी और एडमॉन्टन पुलिस सेवा के सदस्यों की सहायता से गिरफ्तार किया गया था. उन पर पिछले साल जून में वैंकूवर के सरे में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का आरोप है.
पुलिस ने जारी की तस्वीरें
पुलिस ने तीनों आरोपियों की तस्वीरों के साथ उस कार की तस्वीरें भी जारी की हैं, जिसके बारे में माना जा रहा है कि हत्या से पहले सरे और उसके आसपास संदिग्धों ने इसका इस्तेमाल किया था. एक संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शुक्रवार को आरसीएमपी के असिस्टेंट कमीशनर डेविड टेबौल ने निज्जर की हत्या की जांच की सक्रियता पर जोर दिया.
टेबौल ने यह भी कहा, 'निज्जर की हत्या में कथित संलिप्तता के लिए तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है . हम सबूतों की प्रकृति पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते... न ही हम निज्जर की हत्या के मकसद के बारे में कुछ बता सकते हैं. हालांकि, मैं कहूंगा कि मामला सक्रिय रूप से जांच चल रही है.'मामले में इंटीग्रेटेड होमिसाइड इन्वेस्टिगेशन टीम जांच कर रही है. इसने पूरे कनाडा में कई एजेंसियों और सपोर्ट सर्विस के साथ मिलकर काम किया. इनमें सरे आरसीएमपी, अल्बर्टा आरसीएमपी और अन्य शामिल हैं.
पिछले साल हुई थी निज्जर की हत्या
गौरतलब है कि 18 जून 2023 को हरदीप सिंह निज्जर की उस समय हत्या कर दी गई थी जब वह सरे में गुरु नानक सिख गुरुद्वारा में माथा टेकने के बाद घर लौट रहा था. इस घटना के बाद अगस्त माह में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने वहां की संसद को संबोधित करते हुए निज्जर की हत्या के पीछे भारतीय एजेंसियों के हाथ होने का आरोप लगाया था.
ट्रूडो के भारत पर हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने के बाद निज्जर की हत्या से कनाडा और भारत के बीच राजनयिक तनाव पैदा हो गया था. भारत ने उनके दावों को बेतुका कहकर खारिज कर दिया था.
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