अस्ताना: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस यात्रा से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि रूस के साथ संबंधों में सबसे बड़ा बदलाव यह है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में जबरदस्त सुधार हुआ है. एएनआई से बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए बैठकर संबंधों पर चर्चा करने का यह एक बेहतरीन मौका होगा.
#WATCH | When asked if he raised the issue of Indians stranded in the Russia-Ukraine conflict zone, during his bilateral with Russian Foreign Minister Sergey Lavrov, EAM Dr S Jaishankar says, " ...absolutely...very clearly and strongly... several indians have been pressed into… pic.twitter.com/2wJGZ90hNE
— ANI (@ANI) July 8, 2024
उन्होंने कहा कि यह किसी भी रिश्ते का जायजा लेने का एक तरीका है... सबसे बड़ा बदलाव यह रहा है कि रूस के साथ हमारे आर्थिक संबंधों में जबरदस्त सुधार हुआ है... नेतृत्व के स्तर पर, पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के लिए बैठकर एक-दूसरे से सीधे बात करने का यह एक बेहतरीन मौका होगा.
जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दोनों की अलग-अलग व्यस्तताओं के कारण वार्षिक शिखर सम्मेलन में थोड़ी देरी हुई. उन्होंने कहा कि हमारे वार्षिक शिखर सम्मेलनों में थोड़ी देरी हुई, यह एक अच्छी परंपरा है, हम दो देश हैं जिनका एक साथ काम करने का एक मजबूत इतिहास है. हमने वार्षिक शिखर सम्मेलन की आवश्यकता को महत्व दिया. पिछले साल जब मैं मास्को गया था, तो मैं प्रधानमंत्री का संदेश लेकर गया था कि हम वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम इसे जल्द से जल्द करेंगे... यह एक नियमित पुनरावृत्ति है. यह किसी भी रिश्ते का जायजा लेने का एक तरीका है.
#WATCH | On PM Modi's visit to Russia, External Affairs Minister Dr S Jaishankar says, " ...there was a bit of a delay in our annual summits, it is a good tradition, we are 2 countries which have a strong history of working together. we did value the need for an annual summit.… pic.twitter.com/kyImZnmm2h
— ANI (@ANI) July 8, 2024
उन्होंने कहा कि दोनों देशों का एक साथ काम करने का एक स्थिर इतिहास है. हम दुनिया भर में हो रही घटनाओं को देखते हैं और देखते हैं कि क्या हम किसी स्थिति में कोई सुधार करना चाहते हैं, हम मिलते हैं और चर्चा करते हैं.
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान जब विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से पूछा गया कि क्या उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष क्षेत्र में फंसे भारतीयों का मुद्दा उठाया है, तो उन्होंने कहा कि बिल्कुल...बहुत स्पष्ट रूप से और दृढ़ता से...कई भारतीयों को रूसी सेना में सेवा के लिए लगाया गया है, जब वे वापस आएंगे तभी हम पूरी परिस्थितियों को जान पाएंगे.
लेकिन, परिस्थितियां जो भी हों, हमारे लिए यह अस्वीकार्य है कि भारतीय नागरिक युद्ध क्षेत्र में किसी दूसरे देश की सेना में खुद को पाएं. मैंने उनसे कहा कि हम उनका सहयोग चाहते हैं और वे हमारे मित्र और साझेदार हैं. हमें कोई ऐसा तरीका खोजना होगा जिससे ये लोग जल्द से जल्द और प्रभावी तरीके से भारत लौट सकें.
उन्होंने इस बिंदु की सराहना की...विदेश मंत्रालय इस संबंध में रूसी रक्षा मंत्रालय से बात कर रहा है. मैंने उनसे आग्रह किया कि हमें और अधिक मजबूत अनुवर्ती कार्रवाई की आवश्यकता है...मैंने इसे उठाया है और जब तक हमारे सभी लोग वापस नहीं आ जाते, मैं इसे जारी रखने का इरादा रखता हूं.
विदेश मंत्री जयशंकर ने अस्ताना में कजाकिस्तान की अध्यक्षता में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8-10 जुलाई तक रूस और ऑस्ट्रिया की आधिकारिक यात्रा पर रहेंगे.