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मिस्र के राष्ट्रपति ने बंधकों की रिहाई के लिए गाजा में 2 दिन के लिए संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया

इजराइल और हमास के बीच पिछले एक साल से संघर्ष जारी है. इस बीच बंधकों की रिहाई की मांग बढ़ रही है.

Abdel Fattah el Sissi
मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

काहिरा: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने गाजा में दो दिवसीय युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है. इस दौरान कुछ फिलिस्तीनी कैदियों के बदले चार इजरायली बंधकों की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा है. अब्देल-फतह अल-सिसी ने रविवार को इसकी घोषणा की. टाइम्स ऑफ इजरायल के हवाले से यह खबर दी गई है.

टाइम्स ऑफ इजरायल ने चैनल 12 के हवाले से बताया कि यह प्रस्ताव में बंधकों की रिहाई के बाद 10 दिनों की अतिरिक्त वार्ता भी शामिल है. इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार द्वारा पिछले सप्ताह इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. अधिकांश मंत्रियों और सुरक्षा अधिकारियों ने इस विचार का समर्थन किया. हालांकि वित्त मंत्री बेजेलल स्मोत्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने इसका विरोध किया.

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने प्रारंभिक युद्ध विराम पर चिंताओं का हवाला देते हुए प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराने का निर्णय लिया. साथ ही बेहतर शर्तों पर बातचीत करने के लिए रोनेन बार को वापस मिस्र भेज दिया.

इस बीच हमास ने मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की इच्छा व्यक्त की है, बशर्ते कि वह 2 जुलाई से बंधक सौदे के लिए अपनी पिछली मांगों के साथ तालमेल बैठाए. हमास ने यह आश्वासन भी मांगा कि इजराइल व्यापक सौदे के हिस्से के रूप में मिस्र के प्रस्ताव का पालन करेगा.

मीडिया रिपोर्ट के हवाले बताया कि हमास वार्ताकारों के समक्ष एक व्यापक प्रस्ताव पेश करना चाहता है. इसमें संघर्ष का तत्काल अंत, गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी, तथा सभी इजरायली बंधकों के बदले में कुछ निश्चित संख्या में फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई शामिल है.

इस बीच मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया रविवार को दोहा गए और सीआईए निदेशक बिल बर्न्स तथा कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी के साथ बंधकों की रिहाई के लिए संभावित कदमों पर चर्चा की.

रिपोर्ट में बताया गया कि मिस्र में हाल ही में हुई एक बैठक में बार्निया ने हमास नेताओं को गाजा से सुरक्षित बाहर निकलने का प्रस्ताव दिया था. इसके बदले में वे 101 बंधकों को रिहा कर देंगे. हमास ने इस विचार को तुरंत खारिज कर दिया. गाजा के लिए हमास के उप प्रमुख खलील अल-हय्या ने दावा किया कि यह प्रस्ताव लड़ाका समूह के बारे में इजरायल की गलतफहमी को दर्शाता है. इससे संघर्ष के महीनों या वर्षों तक खिंचने का खतरा है.

यद्यपि मिस्र वार्ता के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज रहा है, फिर भी वह वार्ता को पुनः आरंभ करने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. इसमें समझौते के लिए अपनी अपेक्षाओं पर चर्चा करने के लिए हमास के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करना भी शामिल है. उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा बंधक बनाए गए 251 लोगों में से लगभग 97 अभी भी गाजा में हमास की कैद में हैं. इनमें कम से कम 34 बंधकों के शव भी शामिल हैं, जिनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

ये भी पढ़ें- इजराइल में प्रदर्शनकारियों ने पीएम नेतन्याहू से कहा- 'आप पर शर्म आती है'...

काहिरा: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने गाजा में दो दिवसीय युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है. इस दौरान कुछ फिलिस्तीनी कैदियों के बदले चार इजरायली बंधकों की अदला-बदली का प्रस्ताव रखा है. अब्देल-फतह अल-सिसी ने रविवार को इसकी घोषणा की. टाइम्स ऑफ इजरायल के हवाले से यह खबर दी गई है.

टाइम्स ऑफ इजरायल ने चैनल 12 के हवाले से बताया कि यह प्रस्ताव में बंधकों की रिहाई के बाद 10 दिनों की अतिरिक्त वार्ता भी शामिल है. इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार द्वारा पिछले सप्ताह इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया गया था. अधिकांश मंत्रियों और सुरक्षा अधिकारियों ने इस विचार का समर्थन किया. हालांकि वित्त मंत्री बेजेलल स्मोत्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्वीर ने इसका विरोध किया.

इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने प्रारंभिक युद्ध विराम पर चिंताओं का हवाला देते हुए प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराने का निर्णय लिया. साथ ही बेहतर शर्तों पर बातचीत करने के लिए रोनेन बार को वापस मिस्र भेज दिया.

इस बीच हमास ने मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की इच्छा व्यक्त की है, बशर्ते कि वह 2 जुलाई से बंधक सौदे के लिए अपनी पिछली मांगों के साथ तालमेल बैठाए. हमास ने यह आश्वासन भी मांगा कि इजराइल व्यापक सौदे के हिस्से के रूप में मिस्र के प्रस्ताव का पालन करेगा.

मीडिया रिपोर्ट के हवाले बताया कि हमास वार्ताकारों के समक्ष एक व्यापक प्रस्ताव पेश करना चाहता है. इसमें संघर्ष का तत्काल अंत, गाजा से इजरायली सैनिकों की वापसी, तथा सभी इजरायली बंधकों के बदले में कुछ निश्चित संख्या में फिलिस्तीनी बंदियों की रिहाई शामिल है.

इस बीच मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया रविवार को दोहा गए और सीआईए निदेशक बिल बर्न्स तथा कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुल रहमान अल थानी के साथ बंधकों की रिहाई के लिए संभावित कदमों पर चर्चा की.

रिपोर्ट में बताया गया कि मिस्र में हाल ही में हुई एक बैठक में बार्निया ने हमास नेताओं को गाजा से सुरक्षित बाहर निकलने का प्रस्ताव दिया था. इसके बदले में वे 101 बंधकों को रिहा कर देंगे. हमास ने इस विचार को तुरंत खारिज कर दिया. गाजा के लिए हमास के उप प्रमुख खलील अल-हय्या ने दावा किया कि यह प्रस्ताव लड़ाका समूह के बारे में इजरायल की गलतफहमी को दर्शाता है. इससे संघर्ष के महीनों या वर्षों तक खिंचने का खतरा है.

यद्यपि मिस्र वार्ता के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज रहा है, फिर भी वह वार्ता को पुनः आरंभ करने में सक्रिय रूप से शामिल रहा है. इसमें समझौते के लिए अपनी अपेक्षाओं पर चर्चा करने के लिए हमास के प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी करना भी शामिल है. उल्लेखनीय है कि 7 अक्टूबर को हमास द्वारा बंधक बनाए गए 251 लोगों में से लगभग 97 अभी भी गाजा में हमास की कैद में हैं. इनमें कम से कम 34 बंधकों के शव भी शामिल हैं, जिनकी मौत की पुष्टि हो चुकी है. टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है.

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