अस्ताना: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के राष्ट्राध्यक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. दोनों नेताओं को गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए देखा गया. उन्होंने एक साथ तस्वीर के लिए पोज देने से पहले कुछ देर तक बातचीत भी की. भारत और चीन के बीच मई 2020 से सैन्य गतिरोध है. वर्ष 2020 में चीन ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को आक्रामक रूप से बदलने की कोशिश की थी.
सीमा पर तनाव के बीच इस वर्ष मार्च में भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हटने और अन्य मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. इस बीच, जयशंकर एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक (एससीओ शिखर सम्मेलन) में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं.
अस्ताना पहुंचने पर जयशंकर का स्वागत कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बाके ने किया. जयशंकर ने बुधवार को अस्ताना में पुश्किन पार्क का भी दौरा किया, जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की. जयशंकर ने एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के आतिथ्य और व्यवस्था के लिए कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया. दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
विदेश मंत्री जयशंकर ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, आज अस्ताना में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ से मिलकर प्रसन्नता हुई. एससीओ परिषद के राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन के लिए आतिथ्य और व्यवस्था के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. हमारी बढ़ती सामरिक साझेदारी और विभिन्न स्वरूपों में मध्य एशिया के साथ भारत की बढ़ती भागीदारी पर चर्चा की. हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.'
विदेश मंत्रालय की पूर्व प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं द्वारा पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा करने और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति और संभावनाओं पर चर्चा करने की उम्मीद है. नेताओं द्वारा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा किये जाने की संभावना है.