ढाका: बांग्लादेश तय करेगा कि पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने के लिए भारत से अनुरोध किया जाए या नहीं. बता दें कि हत्या के आरोपों सहित शेख हसीना के खिलाफ कई मामले दर्ज किये गये हैं. शेख हसीना ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और भारत में शरण लेकर रह रहीं हैं.
बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, हुसैन ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा कि वह अटकलें नहीं लगाना चाहते, लेकिन उन्होंने कहा कि हसीना के खिलाफ कई मामले हैं. उन्होंने कहा कि अगर देश के गृह और कानून मंत्रालय निर्णय लेते हैं, तो हमें उनसे बांग्लादेश लौटने के लिए कहना होगा. उन्होंने कहा कि इससे भारत सरकार के लिए शर्मनाक स्थिति पैदा हो सकती है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार यह जानती है और मुझे यकीन है कि वे इसका ध्यान रखेंगे.
हालांकि, उन्होंने इस बारे में विस्तार से कोई जानकारी नहीं दी. आईएनएस की खबर के अनुसार, भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अभी कोई टिप्पणी नहीं की है. बता दें कि हसीना 5 अगस्त को देश छोड़कर भारत चली गई थीं. इससे पहले बांग्लादेश ने उनके खिलाफ हिंसक विद्रोह में कई छात्रों सहित लगभग 300 लोग मारे गए थे.
उनके मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्यों के साथ ही उन पर पहले ही दो हत्या के मामलों में नाम आ चुका है. पदभार संभालने के बाद अंतरराष्ट्रीय मीडिया को दिए अपने पहले साक्षात्कार में हुसैन ने कहा कि यूनुस भारत में रह रहीं पूर्व प्रधानमंत्री की ओर से जिस तरह से बयान आ रहे हैं, उससे बहुत नाखुश हैं. उन्होंने बुधवार को एक बैठक में भारतीय दूत को यह बात बताई. उन्होंने कहा कि ढाका भारत, चीन और अमेरिका सहित सभी के साथ अच्छे संबंध चाहता है.
घरेलू अदालत, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण के जांच प्रकोष्ठ के उप निदेशक अताउर रहमान ने कहा कि उन्होंने विरोध प्रदर्शन के दौरान हत्या, यातना और नरसंहार के लिए हसीना सहित 10 लोगों के खिलाफ तीसरा मामला शुरू किया है. हसीना के कम से कम तीन पूर्व मंत्रियों और सलाहकारों को बांग्लादेश में पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. अपने पद से हटने के बाद अपने एकमात्र बयान में हसीना ने विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता की जांच की मांग की है. उन्होंने अपने खिलाफ लगे आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
सेवानिवृत्त राजनयिक हुसैन नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार हैं. सलाहकार परिषद में अन्य सेवानिवृत्त अधिकारी, वकील, विरोध प्रदर्शन के छात्र नेता और कुछ विपक्षी नेता शामिल हैं. बांग्लादेश में संभावित चुनावों पर चर्चा करते हुए सलाहकार ने कहा कि सितंबर तक समयसीमा पर अधिक स्पष्टता होगी.
उन्होंने कहा कि अभी सलाहकार परिषद में मेरे सभी सहयोगी, सामान्य स्थिति को वापस लाने में बेहद व्यस्त हैं. उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार की प्राथमिकता 'अपरिवर्तनीय' सुधार लाना है. उन्होंने कहा कि हमारी प्रणाली पूरी तरह से भ्रष्ट हो चुकी है और संस्थान नष्ट हो चुके हैं. उन्हें फिर से बहाल करना होगा. उन्होंने कहा कि एक बार चुनाव की घोषणा हो जाने के बाद हम सुधारों पर काम नहीं कर पायेंगे. उन्होंने कहा कि हममें से किसी की भी कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है.