लंदन : चेक की संवैधानिक अदालत ने अमेरिकी सरजमीं के खिलाफ एक खालिस्तानी चरमपंथी की कथित हत्या की साजिश रचने के मामले में अपनी प्रत्यावेदन के साथ भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता की याचिका खारिज कर दी. गुप्ता चेक की राजधानी प्राग की एक जेल में कैद हैं.
अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने गुप्ता (52) के खिलाफ पिछले वर्ष नवंबर में मुकदमा दाखिल किया था. गुप्ता पर भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर खालिस्तानी अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश रचने का आरोप है. पन्नू अमेरिका में रहता है और उसके पास अमेरिकी और कनाडा की दोहरी नागरिकता है.
गुप्ता को 30 जून 2023 को चेक गणराज्य के प्राग से गिरफ्तार किया गया था और फिलहाल वह जेल में है. अमेरिकी सरकार उसे अमेरिका प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रही है.
चेक संवैधानिक अदालत ने प्रत्यर्पण के खिलाफ गुप्ता की याचिका पर सुनवाई की. अदालत ने बुधवार को एक बयान में कहा, 'संवैधानिक अदालत को ऐसी किसी परिस्थिति का भान नहीं हुआ, जिसमें प्रत्यर्पण को मंजूर करने से संवैधानिक मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता का किसी भी प्रकार का उल्लंघन होता हो.'
संवैधानिक अदालत ने कहा कि इसने व्यवस्था दी है कि अधीनस्थ अदालत ने प्रत्यर्पण को रोक सकने वाले सभी पहलुओं पर पूर्ण रूप से विचार किया. इतना ही नहीं इसने इन दलीलों को भी खारिज कर दिया कि यह मामला राजनीतिक था.
संवैधानिक अदालत ने कहा, 'चेक अदालत के समक्ष शिकायतकर्ता की याचिका पर सुनवाई यहां समाप्त होती है.' अदालत ने कहा कि वह 'म्युनिसिपल कोर्ट' और 'द हाई कोर्ट' का आदेश बरकरार रखते हुए प्रत्यर्पण को मंजूरी देने पर आम आदलतों के फैसले की पुष्टि करती है.
अदालत ने सुनवाई से पहले हिरासत से रिहा करने की गुप्ता की अर्जी को खारिज करने के स्थानीय अदालत के फैसले को भी बरकरार रखा. बयान के मुताबिक, याचिकाकर्ता ने संवैधानिक अदालत के समक्ष कहा कि अदालतों ने उन सभी आवश्यक परिस्थितियों पर गौर नहीं किया, जो प्रत्यर्पण में रुकावट बन सकती थीं. चेक गणराज्य की एक अदालत ने जनवरी में फैसला दिया था कि गुप्ता को अमेरिका प्रत्यर्पित किया जा सकता है.