वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रमजान के अवसर पर दुनिया भर के मुस्लिम समुदाय को बधाई देते हुए रविवार को दोहराया कि अमेरिका बंधकों की रिहाई संबंधी समझौते के तहत कम से कम छह सप्ताह के तत्काल युद्धविराम के लिए अनवरत काम करना जारी रखेगा.
बाइडेन ने कहा की अमेरिका बंधकों की रिहाई संबंधी समझौते के तहत कम से कम छह सप्ताह के लिए तत्काल युद्धविराम करने के लिए अनवरत काम करना जारी रखेगा। हम स्थिरता, सुरक्षा और शांति के दीर्घकालिक भविष्य की दिशा में कार्य जारी रखेंगे. इसमें यह सुनिश्चित करने के लिए द्विराष्ट्र समाधान शामिल है कि फलस्तीन और इजराइल के लोगों को समान स्वतंत्रता, सम्मान, सुरक्षा और समृद्धि मिले. स्थायी शांति की ओर यही एकमात्र रास्ता है.
उन्होंने कहा कि "अमेरिका गाजा में जमीन, हवाई मार्ग और समुद्र के माध्यम से अधिक मानवीय सहायता मुहैया कराने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करना जारी रखेगा".
उन्होंने मुसलमान समुदाय को रमजान की बधाई देते हुए कहा की यह पवित्र महीना चिंतन और पुन: आरंभ का समय है. इस वर्ष यह महीना अत्यंत पीड़ादायक समय में आया है. गाजा में युद्ध ने फलस्तीनी लोगों को भयानक पीड़ा पहुंचाई है. इस युद्ध में 30,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकतर आम नागरिक हैं. इनमें हजारों बच्चे भी शामिल हैं. कुछ अमेरिकी मुसलमानों के परिवार के सदस्य हैं, जो आज अपने प्रियजन के जाने के शोक में डूबे हुए हैं.
बाइडेन ने साक्षात्कार के दौरान जो निर्दोष लोग मारे गए हैं उस पर चिंता जताई और कहा नेतन्याहू 30,000 से अधिक फलस्तीनी को नहीं मार सकते. अमेरिकी नेता ने सात अक्टूबर के हमले के बाद हमास के खिलाफ कार्रवाई के इजराइल के अधिकार के प्रति समर्थन जताया है लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि नेतन्याहू को इस कार्रवाई के परिणामस्वरूप निर्दोष लोगों की मौत की घटनाओं पर और ध्यान देना चाहिए.
बाइडेन कई महीनों से कहते आए हैं कि इजराइल गाजा में बड़ी संख्या में आम नागरिकों की मौत होने के कारण अंतरराष्ट्रीय सहयोग खो सकता है और अमेरिकी समाचार चैनल 'एमएसएनबीसी' के जोनाथन केपहर्ट के साथ हालिया साक्षात्कार में की गई उनकी ताजा टिप्पणी दोनों नेताओं के बीच तनावपूर्ण होते संबंधों की ओर इशारा करती है.
बाइडेन ने शनिवार को साक्षात्कार में कहा था कि उन्हें लगता है कि इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू गाजा में हमास के खिलाफ अपने युद्ध के तरीके से इजराइल की मदद करने के बजाय उसे नुकसान पहुंचा रहे हैं.