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अमेरिका-चीन वार्ता फिर से शुरू होते ही बीजिंग ने ताइवान पर सैन्य दबाव बढ़ाया - chin intensifies military pressure

chin intensifies military pressure: ताइवान में हाल ही में राष्ट्रपति चुनाव संपन्न हुआ है. इस बीच चीन और अमेरिका में विभिन्न मुद्दों को लेकर बातचीत हुई. इसके बाद चीन की ओर से ताइवान पर दबाव बनाने का खेल शुरू हो गया.

Chinese Foreign Minister Wang Yi met America's National Security Advisor Jake Sullivan (file photo)
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की (फाइल फोटो)
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By ANI

Published : Jan 28, 2024, 6:55 AM IST

ताइपे: ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे के बीच द्वीप राष्ट्र के चारों ओर एसयू -30 लड़ाकू विमानों और छह नौसेना जहाजों सहित 33 विमान भेजे. भेजे गए 33 विमानों में से 13 युद्धक विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य को पार किया जो ताइवान और चीन के बीच एक अनौपचारिक सीमा है.

अल जजीरा के अनुसार ऐसा तब हुआ है जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि ताइवान की स्वतंत्रता चीन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. चीनी विदेश मंत्री ने शनिवार को बैंकॉक में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की. सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के ठीक दो महीने से अधिक समय बाद इन दोनों नेताओं की बैठक हुई है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'सैन फ्रांसिस्को बैठक में बनी सहमति को लागू करने और चीन-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालने पर दोनों के बीच स्पष्ट, ठोस और उपयोगी रणनीतिक वार्ता हुई. व्हाइट हाउस ने कहा कि अधिकारियों के बीच बैठक दोनों देशों के बीच वार्ता की खुली लाइनें बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा थी.

इसमें कहा गया है कि सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि अमेरिका और चीन प्रतिस्पर्धा में हैं लेकिन दोनों देशों को इसे संघर्ष या टकराव में बदलने से रोकने की जरूरत है. बीजिंग और वाशिंगटन पहले प्रौद्योगिकी, व्यापार, मानवाधिकार और ताइवान से संबंधित मुद्दों पर भिड़ चुके हैं, जिस पर चीन अपना क्षेत्र होने का दावा करता है.

इस बीच हाल ही में ताइवान के चुनाव में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीडीपी) को तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया. डीपीपी ताइवान पर चीन के दावे का प्रतिरोधी है. इस सप्ताह दो अमेरिकी सांसदों ने स्व-शासित द्वीप के लिए वाशिंगटन के समर्थन की पुष्टि करने के लिए ताइवान के नए नेता लाई चिंग-ते से मुलाकात की.

अल जजीरा के अनुसार चुनाव के बाद से ताइवान पहुंचने वाला यह दूसरा समूह था, जब बाइडेन ने वोट के दो दिन बाद लाई को बधाई देने के लिए एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजा था. चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग ने सुलिवन के साथ बैठक में इस बात पर जोर दिया कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और ताइवान में क्षेत्रीय चुनाव इस बुनियादी वास्तविकता को नहीं बदल सकते कि ताइवान चीन का हिस्सा है. ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा तथाकथित 'ताइवान स्वतंत्रता' आंदोलन है. अल जजीरा के अनुसार चीन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे बड़ी चुनौती 'ताइवान स्वतंत्रता' आंदोलन भी है.

ये भी पढ़ें- ताइवान के राष्ट्रपति चुनाव में लाई चिंग-ते की जीत

ताइपे: ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि चीन ने शुक्रवार सुबह 6 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे के बीच द्वीप राष्ट्र के चारों ओर एसयू -30 लड़ाकू विमानों और छह नौसेना जहाजों सहित 33 विमान भेजे. भेजे गए 33 विमानों में से 13 युद्धक विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य को पार किया जो ताइवान और चीन के बीच एक अनौपचारिक सीमा है.

अल जजीरा के अनुसार ऐसा तब हुआ है जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने शनिवार को इस बात पर जोर दिया कि ताइवान की स्वतंत्रता चीन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. चीनी विदेश मंत्री ने शनिवार को बैंकॉक में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से मुलाकात की. सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के मौके पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के ठीक दो महीने से अधिक समय बाद इन दोनों नेताओं की बैठक हुई है.

चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'सैन फ्रांसिस्को बैठक में बनी सहमति को लागू करने और चीन-अमेरिका संबंधों में महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दों को ठीक से संभालने पर दोनों के बीच स्पष्ट, ठोस और उपयोगी रणनीतिक वार्ता हुई. व्हाइट हाउस ने कहा कि अधिकारियों के बीच बैठक दोनों देशों के बीच वार्ता की खुली लाइनें बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा थी.

इसमें कहा गया है कि सुलिवन ने इस बात पर जोर दिया कि यद्यपि अमेरिका और चीन प्रतिस्पर्धा में हैं लेकिन दोनों देशों को इसे संघर्ष या टकराव में बदलने से रोकने की जरूरत है. बीजिंग और वाशिंगटन पहले प्रौद्योगिकी, व्यापार, मानवाधिकार और ताइवान से संबंधित मुद्दों पर भिड़ चुके हैं, जिस पर चीन अपना क्षेत्र होने का दावा करता है.

इस बीच हाल ही में ताइवान के चुनाव में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (डीडीपी) को तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया. डीपीपी ताइवान पर चीन के दावे का प्रतिरोधी है. इस सप्ताह दो अमेरिकी सांसदों ने स्व-शासित द्वीप के लिए वाशिंगटन के समर्थन की पुष्टि करने के लिए ताइवान के नए नेता लाई चिंग-ते से मुलाकात की.

अल जजीरा के अनुसार चुनाव के बाद से ताइवान पहुंचने वाला यह दूसरा समूह था, जब बाइडेन ने वोट के दो दिन बाद लाई को बधाई देने के लिए एक अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजा था. चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, वांग ने सुलिवन के साथ बैठक में इस बात पर जोर दिया कि ताइवान चीन का आंतरिक मामला है और ताइवान में क्षेत्रीय चुनाव इस बुनियादी वास्तविकता को नहीं बदल सकते कि ताइवान चीन का हिस्सा है. ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के लिए सबसे बड़ा खतरा तथाकथित 'ताइवान स्वतंत्रता' आंदोलन है. अल जजीरा के अनुसार चीन-अमेरिका संबंधों के लिए सबसे बड़ी चुनौती 'ताइवान स्वतंत्रता' आंदोलन भी है.

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