ETV Bharat / international

गिरती लोकप्रियता के बीच, नेपाल के पीएम प्रचंड 15 महीने के भीतर तीसरी बार साबित करेंगे विश्वास मत

Nepal PM Prachanda Heads For Third Vote Of Confidence : नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल 15 महीने के भीतरी आज तीसरी बार नेपाली कांग्रेस में अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे. पढ़ें पूरी खबर...

Nepal PM Prachanda Heads For Third Vote Of Confidence
नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल की फाइल फोटो. (IANS)
author img

By ANI

Published : Mar 13, 2024, 10:00 AM IST

काठमांडू : नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल इस महीने की शुरुआत में एक नया गठबंधन बनाने के बाद 15 महीने के भीतर अपना तीसरा विश्वास मत साबित करेंगे. संसद सचिवालय की ओर से प्रकाशित कार्यक्रमों के संभावित कार्यक्रम के अनुसार, दहल आज सुबह 11 बजे (स्थानीय समय) बुलाई गई प्रतिनिधि सभा की बैठक के दौरान विश्वास मत साबित करेंगे.

नेपाल के संविधान 2072 के अनुच्छेद 100 उप-धारा (2) में बताए गए संवैधानिक प्रावधान के अनुसार यह पहल की जा रही है. इस प्रावधान के अनुसार, गठबंधन में किसी भी दल के बाहर निकलने की स्थिति में प्रधान मंत्री को फिर से बहुमत साबित करना होता है. 4 मार्च को एक आश्चर्यजनक मोड़ लेते हुए, प्रधान मंत्री दहल ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के साथ गठबंधन को पुनर्जीवित करने का फैसला किया. जिसने सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी, नेपाली कांग्रेस (एनसी) को परेशान कर दिया.

शुरुआत में सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी सहित एक नया गठबंधन बनाया गया था. 5 मार्च को, नेपाली कांग्रेस ने औपचारिक रूप से अनुच्छेद 100 उप-धारा (2) को सक्रिय करते हुए, दहल सरकार से समर्थन वापस ले लिया. संसदीय गणित के मुताबिक, दहल को अच्छा बहुमत मिलने की उम्मीद है.

अब तक, संसद में सीपीएन-यूएमएल के पास 77 सीटें, माओवादी सेंटर के पास 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के पास 21, जनता समाजबादी पार्टी के पास 12 और यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के पास 10 सीटें हैं. एक प्रधान मंत्री को 50 प्रतिशत की सीमा को पार करना आवश्यक है, जो कि वर्तमान सांसदों की संख्या के अनुसार 138 वोट है.

गणना के मुताबिक प्रधानमंत्री दहल के पास 152 वोट हैं. नए गठबंधन में शामिल सभी दलों ने किसी भी मतभेद से बचने के लिए दहल को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया है. संघीय संसद में सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को दहल के खिलाफ वोट करने के लिए व्हिप जारी किया है.

पूर्व माओवादी विद्रोही नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दिसंबर 2022 में सत्ता में आए जब उन्होंने नेपाली कांग्रेस को धोखा देकर कट्टर प्रतिद्वंद्वी सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन किया, जिसके साथ उन्होंने नवंबर 2022 के चुनाव में गठबंधन किया था. 10 जनवरी, 2023 को विश्वास मत के परिणामस्वरूप दहल को व्यापक समर्थन मिला, जब उन्हें आश्चर्यजनक रूप से 99 प्रतिशत वोट मिले, जो लोकतंत्र की स्थापना के बाद से नेपाली संसद के ज्ञात इतिहास में सबसे अधिक था.

उस बैठक में मौजूद 270 में से कुल 268 सांसदों ने दहल के पक्ष में वोट किया. 3 महीने के भीतर, दहल ने सीपीएन-यूएमएल को छोड़कर फिर से सरकार से बाहर निकल गए, नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और 20 मार्च, 2023 को विश्वास मत में बहुमत हासिल करने में कामयाब रहे.

विश्वास मत के दूसरे दौर में, मतदान के समय उपस्थित 262 सांसदों में से दहल को 172 वोट मिले. दहल के खिलाफ सिर्फ 89 वोट पड़े, जबकि एक सदस्य ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. 88 वोटों के साथ नेपाली कांग्रेस, 14 वोटों के साथ राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, 7 वोटों के साथ जनमत पार्टी और 4 वोटों के साथ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने आज के विश्वास मत में दहल के खिलाफ वोट करने की घोषणा की है. हालांकि, आंतरिक झगड़े में उलझी नागरिक उन्मुक्ति पार्टी इस बारे में निश्चित नहीं है कि वह किसे वोट देगी.

ये भी पढ़ें

काठमांडू : नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल इस महीने की शुरुआत में एक नया गठबंधन बनाने के बाद 15 महीने के भीतर अपना तीसरा विश्वास मत साबित करेंगे. संसद सचिवालय की ओर से प्रकाशित कार्यक्रमों के संभावित कार्यक्रम के अनुसार, दहल आज सुबह 11 बजे (स्थानीय समय) बुलाई गई प्रतिनिधि सभा की बैठक के दौरान विश्वास मत साबित करेंगे.

नेपाल के संविधान 2072 के अनुच्छेद 100 उप-धारा (2) में बताए गए संवैधानिक प्रावधान के अनुसार यह पहल की जा रही है. इस प्रावधान के अनुसार, गठबंधन में किसी भी दल के बाहर निकलने की स्थिति में प्रधान मंत्री को फिर से बहुमत साबित करना होता है. 4 मार्च को एक आश्चर्यजनक मोड़ लेते हुए, प्रधान मंत्री दहल ने नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (सीपीएन-यूएमएल) के साथ गठबंधन को पुनर्जीवित करने का फैसला किया. जिसने सबसे बड़े गठबंधन सहयोगी, नेपाली कांग्रेस (एनसी) को परेशान कर दिया.

शुरुआत में सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-माओवादी सेंटर, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और जनता समाजवादी पार्टी सहित एक नया गठबंधन बनाया गया था. 5 मार्च को, नेपाली कांग्रेस ने औपचारिक रूप से अनुच्छेद 100 उप-धारा (2) को सक्रिय करते हुए, दहल सरकार से समर्थन वापस ले लिया. संसदीय गणित के मुताबिक, दहल को अच्छा बहुमत मिलने की उम्मीद है.

अब तक, संसद में सीपीएन-यूएमएल के पास 77 सीटें, माओवादी सेंटर के पास 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के पास 21, जनता समाजबादी पार्टी के पास 12 और यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के पास 10 सीटें हैं. एक प्रधान मंत्री को 50 प्रतिशत की सीमा को पार करना आवश्यक है, जो कि वर्तमान सांसदों की संख्या के अनुसार 138 वोट है.

गणना के मुताबिक प्रधानमंत्री दहल के पास 152 वोट हैं. नए गठबंधन में शामिल सभी दलों ने किसी भी मतभेद से बचने के लिए दहल को वोट देने के लिए व्हिप जारी किया है. संघीय संसद में सीटों के मामले में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने भी अपने सांसदों को दहल के खिलाफ वोट करने के लिए व्हिप जारी किया है.

पूर्व माओवादी विद्रोही नेता पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड दिसंबर 2022 में सत्ता में आए जब उन्होंने नेपाली कांग्रेस को धोखा देकर कट्टर प्रतिद्वंद्वी सीपीएन-यूएमएल के साथ गठबंधन किया, जिसके साथ उन्होंने नवंबर 2022 के चुनाव में गठबंधन किया था. 10 जनवरी, 2023 को विश्वास मत के परिणामस्वरूप दहल को व्यापक समर्थन मिला, जब उन्हें आश्चर्यजनक रूप से 99 प्रतिशत वोट मिले, जो लोकतंत्र की स्थापना के बाद से नेपाली संसद के ज्ञात इतिहास में सबसे अधिक था.

उस बैठक में मौजूद 270 में से कुल 268 सांसदों ने दहल के पक्ष में वोट किया. 3 महीने के भीतर, दहल ने सीपीएन-यूएमएल को छोड़कर फिर से सरकार से बाहर निकल गए, नेपाली कांग्रेस के साथ गठबंधन किया और 20 मार्च, 2023 को विश्वास मत में बहुमत हासिल करने में कामयाब रहे.

विश्वास मत के दूसरे दौर में, मतदान के समय उपस्थित 262 सांसदों में से दहल को 172 वोट मिले. दहल के खिलाफ सिर्फ 89 वोट पड़े, जबकि एक सदस्य ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. 88 वोटों के साथ नेपाली कांग्रेस, 14 वोटों के साथ राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी, 7 वोटों के साथ जनमत पार्टी और 4 वोटों के साथ लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी ने आज के विश्वास मत में दहल के खिलाफ वोट करने की घोषणा की है. हालांकि, आंतरिक झगड़े में उलझी नागरिक उन्मुक्ति पार्टी इस बारे में निश्चित नहीं है कि वह किसे वोट देगी.

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.