हैदराबाद: आजकल बदलती जीवनशैली के साथ हर किसी पर काम का दबाव बढ़ रहा है. हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे ज्यादा प्रभावित हैं. हाल ही में एक रिसर्च में यह बात सामने आई है. YourDOST ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट 'कर्मचारियों की भावनात्मक स्वास्थ्य स्थिति' में पाया कि 21 से 30 साल के बीच के कर्मचारी सबसे ज्यादा तनावग्रस्त रहते हैं.
सर्वे में हुआ खुलासा
इस सर्वेक्षण में शामिल कुल 5,000 से ज्यादा कर्मचारियों ने हिस्सा लिया था. सर्वेक्षण में पाया गया कि 21 से 30 वर्ष की आयु के लोग सबसे अधिक तनावग्रस्त कर्मचारी हैं, उसके बाद 30 और 40 वर्ष की आयु के लोग और फिर 41-50 वर्ष की आयु के लोग हैं. YourDOST के मुताबिक, वर्कप्लेस पर महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक तनाव होता है. लगभग तीन-चौथाई या 72.2 प्रतिशत महिलाओं ने हाई टेंशन के लेवल की सूचना दी.
इसकी तुलना में, जब पुरुषों से यही सवाल पूछा गया, तो उनमें से 53.64 प्रतिशत ने कहा कि वे हाई टेंशन के स्तर का अनुभव करते हैं. महिलाओं के ने कहा कि काम, जीवन संतुलन का अभाव, पहचान की कमी, लगातार कम मनोबल और हमेशा आलोचना का डर तनाव में वृद्धि के कुछ प्रमुख कारण हैं. अध्ययन में पाया गया कि कुल मिलाकर, हर साल रिपोर्ट के आधार पर, उच्च और अत्यधिक तनाव के स्तर से पीड़ित कर्मचारियों की संख्या में 31 फीसदी की बढ़त हुई है.
भारत भर में 5,000 से अधिक कर्मचारियों से प्रतिक्रियाएं इकठ्ठा करने के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई. इस सर्वे में आईटी और विनिर्माण, परिवहन, स्टाफ और भर्ती, तकनीक और मीडिया, कानूनी सेवाएं, व्यवसाय परामर्श और सेवाएं और भी कई अन्य सेक्टरों के कर्मचारियों ने बीग लिया था.
महिलाओं में हाई टेंशन की वजह
इनमें पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच तालमेल बिठाने में कठिनाई, ऑफिस का काम का बोझ और अन्य कई कारण तनाव के वजह हैं. हालांकि, इस स्थिति से जल्दी बाहर निकलने के लिए काम का माहौल सुखद और आरामदायक होना चाहिए. अगर नहीं, तो उसके अनुसार बदलाव करें. यहां कुछ टिप्स दिए गए है, जिससे आप अपने वर्कप्लेस के माहौल को खुशनुमा बना सकते है. इससे आपको तनाव भी कम होगा...
जानें यह कारगर टिप्स
वर्कप्लेस पर काम करने वाले लोगों को सबसे पहले कुर्सी बदलनी चाहिए, क्योंकि, झुककर बैठकर काम करने से आपको कई तरह की परेशानी हो सकती है. इसके साथ ही समय के साथ आपकी मुद्रा भी बदल जाएगी. सही कुर्सी ना हो तो पीठ पर दबाव बढ़ता है और साइटिका और स्पोंडिलाइटिस जैसी समस्याओं से पीड़ित होने का खतरा रहता है. इसलिए, ध्यान रखें कि वर्कप्लेस पर उसी कुर्सी पर बैठे जो आपकी पीठ और पैरों को जमीन को छूने में सहारा देता हो. मतलब, ऑफिस का काम करने के लिए इंसान का कम्फर्टेबल जोन में होना बहुत जरूरी है. इसलिए ऑफिस में साधारण कुर्सी की जगह वर्क फ्रेंडली चेयर का चयन करें.
डेस्कटॉप को साफ रखें
ऑफिस में काम करते हुए एक बात का ध्यान जरूर रखें कि जिस जगह आप काम कर रहे है, वहा सफाई जरूर रखें. जैसे कि अपने डेस्कटॉप को साफ करें. प्रत्येक फाइल को व्यवस्थित करें. ये सब छोटी-छोटी बातें लगती हैं, लेकिन इनका बहुत बड़ा असर होता है.
बैग में कैरी करें मेवे
कुछ महिलाएं यह नहीं देखती हैं कि उनके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल रहे हैं या नहीं. कुछ जो भी मिलता है, खा लेती हैं. इन सबसे उन महिलाओं का एनर्जी लेवल कम हो जाता है. ऐसे में इससे तनाव का लेवल बढ़ जाता है. वहीं, कई तरह की दूसरी बीमारियां भी उन्हें हो सकती है. इनसे बचने के लिए, बैग में छोटे-छोटे डिब्बों में मेवे और बीज रखना ठीक है. ये आपकी ऊर्जा को बनाए रखने में मददगार साबित हो सकता है और इससे तनाव का स्तर भी कम हो सकता है.
थोड़ा ब्रेक जरूर लें
चाहे काम का कितना भी दबाव क्यों न हो थोड़ा ब्रेक जरूर लें. नहीं तो मांसपेशियां जकड़ जाएंगी. अगर आप हर घंटे चार कदम आगे-पीछे चलते हैं, तो यह आपके सेहत के लिए काफी सही है. हालांकि, काम के बीच में बीच में बार-बार कॉफी और चाय न पिएं. इसके बजाय एक कप चावल का पानी या ग्रीन टी पिएं. इसके साथ ही काम की सही योजना बनाकर उसे समय पर पूरा करें. शारीरिक शक्ति और मानसिक शक्ति बढ़ाने के लिए योग और ध्यान करना चाहिए.
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