हैदराबाद : मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक महत्वपूर्ण और प्राकृतिक चरण है. मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति दरअसल वह अवस्था है जब महिलाओं का मासिक धर्म या पीरियड्स बंद होते है. यह एक लंबी अवधि तक चलने वाली प्रक्रिया है जो महिलाओं में लगभग 45 वर्ष के बाद शुरू होती है. महिलाओं में इस दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो विभिन्न शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकते हैं.
मेनोपॉज के दौरान योग का अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में अत्यंत प्रभावी हो सकता है. यह ना केवल शारीरिक समस्याओं में राहत दिलाता है, बल्कि मानसिक शांति और स्थिरता भी प्रदान करता है. विशेषतौर पर कुछ विशेष योग आसनों को नियमित रूप से करने से मेनोपॉज की समस्याओं में काफी हद तक राहत पाई जा सकती है.
मेनोपॉज के दौरान महिलाएं गर्मी के दौरे या हीट फ़्लैशेज, नींद में कठिनाई , मूड स्विंग्स जैसे व्यवहार में गुस्सा या चिड़चिड़ापन बढ़ जाना तथा वजन बढ़ने सहित कई तरह की समस्याओं का सामना करती हैं. योग विशेषज्ञ मानते हैं कि मेनोपॉज के दौरान होने वाली समस्याओं में योग का नियमित अभ्यास करने से काफी राहत मिल सकती है .
कौन से आसन है लाभकारी
योग जीवन संस्था इंदौर में योग प्रशिक्षक डॉ माया बिष्ट बताती हैं कि मेनोपॉज के दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों तथा शारीरिक व मानसिक समस्याओं में कुछ विशेष योग आसनों का नियमित अभ्यास काफी लाभकारी हो सकता है . जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
- बद्धकोणासन (Bound Angle Pose):
- इस आसन के लिए सबसे पहले जमीन पर बैठें और अपने पैरों को सामने की ओर फैलाएं.
- अब दोनों घुटनों को बाहर की तरह मोड़ते हुए और पैरों के तलवों को जननांगों के पास आपस में मिलाते हुए रखें.
- अपने पैरों को हाथों से पकड़ें और घुटनों को जमीन की ओर दबाएं.
- इस मुद्रा में घुटनों को ऊपर नीचे तितली के पंखों की तरह हिलाया भी जा सकता है. इसलिए इसे तितली आसन भी कहा जाता है.
- इस स्थिति में कुछ मिनटों तक रहें और धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आए.
- लाभ:यह आसन कूल्हों और जांघों की मांसपेशियों को खींचता है और तनाव को कम करता है. यह मेनोपॉज के दौरान मूड स्विंग और थकान को कम करने में मदद करता है.
- शलभासन (Locust Pose):
- इस आसन के लिए सबसे पहले मैट पर पेट के बल लेट जाए और हाथों को शरीर के बगल में रखें.
- अब गहरी सांस लेते हुए सिर, हाथों व पैरों को जमीन से उठाने का प्रयास करें.
- इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आएं।
- लाभ: यह आसन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करता है और शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है. यह मेनोपॉज के दौरान होने वाली थकान और कमजोरी को दूर करता है.
- विपरीत करनी (Legs Up the Wall Pose):
- इस आसन में सबसे पहले दीवार के बिल्कुल पास मैट पर पीठ के बल लेटते हुए अपने पैरों को दीवार के सहारे ऊपर की ओर उठाएं.
- अब अपने हाथों को आरामदायक स्थिति में रखते हुए गहरी सांस लें.
- इस स्थिति में कुछ मिनटों तक बने रहे.
- लाभ: यह आसन मन को शांति और विश्राम प्रदान करता है. यह नींद की समस्याओं को दूर करने में मददगार होता है और थकान को कम करता है.
- अधोमुख श्वानासन (Downward Facing Dog Pose)
- सबसे पहले अपने हाथों और घुटनों के बल जमीन पर आएं.
- ध्यान रहे कि हाथ कंधों के नीचे और घुटने कूल्हे के बिल्कुल नीचे हों.
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को ऊपर की ओर उठाएं और टांगों को सीधा करें.
- ऐसे में शरीर उल्टे 'V' के आकार में आ जाएगा.
- अब कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में वापस आए.
- लाभ: यह आसन शरीर को ताकत और ऊर्जा प्रदान करता है. यह तनाव को कम करता है और रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे शरीर में ताजगी महसूस होती है.
- शवासन (Corpse Pose):
- इस आसन के लिए सबसे पहले मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और हाथों को शरीर के बगल में रख लें.
- अब पैरों को थोड़ा फैलाएं और हाथों को आरामदायक स्थिति में रखें, और आंखों को बंद करके गहरी सांसें लें.
- इस स्थिति में कुछ मिनटों तक बने रहें.
- लाभ: यह आसन पूरे शरीर को गहरी विश्रांति प्रदान करता है और मानसिक तनाव को कम करता है. यह मेनोपॉज के दौरान नींद में सुधार करने में मदद करता है. Menopause , yoga posture for menopause problem , menopause yogasana , yogasana for women .
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