हैदराबाद : इंटरनेशनल डेंटल एसोसिएशन के अनुसार दुनिया भर में लगभग 4 बिलियन लोग अलग-अलग तरह की दांतों की समस्या के कारण कम या ज्यादा गंभीर रोग व परेशानियां झेल रहे हैं. दांतों की हाइजीन या स्वास्थ्य का ख्याल ना रखना कई तरह की समस्याओं व रोगों को आमंत्रित कर सकता हैं. बहुत से लोग हैं जो ओरल हाइजीन का ध्यान ना रखने के कारण होने वाली सभी समस्याओं के बारे में नहीं जानते हैं या कम जानते हैं, वहीं बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो इस बारे में जानकारी रखते हुए भी कभी लापरवाही तो कभी आलस के चलते डेंटल हाइजीन की तरह ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं.
वैश्विक स्तर पर लोगों को ओरल हाइजीन की जरूरत को लेकर जागरूक करने तथा उन्हे मुंह के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से हर साल 20 मार्च को विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस मौखिक स्वास्थ्य के महत्व और सम्पूर्ण शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए इसकी जरूरत के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से ‘एक खुश मुंह है एक खुश शरीर’ थीम पर मनाया जा रहा है.
क्या कहते हैं आंकड़े
वर्ष 2022 में प्रकाशित विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट (ग्लोबल ओरल हेल्थ स्टेटस रिपोर्ट) के अनुसार दुनिया भर में मौखिक रोग लगभग 3.5 बिलियन से ज्यादा लोगों को प्रभावित करते हैं. और यह संख्या लगातार बढ़ रही है. जिसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 1990 और 2019 के बीच, मौखिक रोगों के अनुमानित मामलों की संख्या में 1 बिलियन से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. जो कि लगभग 50% की वृद्धि है. उक्त रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2019 में, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में अनुपचारित दंत क्षय, गंभीर पीरियडोंटल बीमारियों और एडेंटुलिज़्म के लगभग 900 मिलियन मामले थे. रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि उक्त क्षेत्र में दुनिया में मौखिक कैंसर की घटनाएं और उनके कारण होने वाली मृत्यु की दर सबसे अधिक है.
क्या कहते हैं चिकित्सक
बैंगलुरु की दंत रोग विशेषज्ञ डॉ अपूर्वी जोशी बताती हैं कि दांतों की स्वच्छता का ध्यान ना रखने से दांतों में कीड़े लगना, सड़न, सांसों की दुर्गंध, दांतों पर धब्बे पड़ना या उनका पीला होना , उनका कमजोर व ढीला होना और जल्दी टूट जाना , मसूड़ों के रोग, जैसे उनमें सूजन या छाले होना तथा अन्य पेरियोडोंटल रोग होने की आशंका रहती है. वहीं यदि इन समस्याओं या किसी भी प्रकार के अन्य दंत क्षय की समस्या का समय से इलाज ना किया जाए या उन्हे अनुपचारित छोड़ दिया जाय तो मुंह या गले में संक्रमण या रोग, मनोभ्रंश, मूंह के किसी भी अंग से जुड़ा कैंसर , हृदय रोग, एंडोकार्डिटिस, मधुमेह, गुर्दे की बीमारी तथा गर्भवती महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान समस्याओं के होने या जल्दी प्रसव की आशंका बढ़ जाती है.
इतिहास व महत्व
विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस की शुरुआत ‘एफडीआई’ द्वारा की गई थी. सबसे पहले इसे वर्ष 2013 में मनाया गया था. तब से हर साल एक नई थीम के साथ लेकिन एक ही उद्देश्य ‘मौखिक स्वास्थ्य को लेकर आमजन में जागरूकता बढ़ाने ’के साथ इस दिवस का आयोजन किया जाता है.
इस विशेष दिवस तक विभिन्न संस्थाओं तथा दंत चिकित्सकों के समूहों द्वारा जांच शिविरों, स्कूलों, अस्पतालों व सामुदायिक भवनों में जागरूकता कार्यक्रमों, रैली, गोष्ठियों व सेमिनार आदि का आयोजन किया जाता है. जिनके द्वारा ज्यादा से ज्यादा हर उम्र के लोगों तक संबंधित जानकारी पहुंचाने व उन्हे मुंह की देखभाल से जुड़ी जरूरी बातों को अपनाने के लिए प्रेरित किया जा सके.