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पूरी दुनिया में 55 मिलियन लोग अल्जाइमर से ग्रसित, अकेले भारत में 8.8 मिलियन मरीज - World Alzheimers Day 2024

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

World Alzheimers Day 2024, आज विश्व अल्जाइमर दिवस है. इस बार विश्व अल्जाइमर दिवस की थीम 'डिमेंशिया को जानें, अल्जाइमर को जानें' है. वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि इस बीमारी से पूरी दुनिया में 55 मिलियन लोग ग्रसित हैं तो अकेले भारत में इसके 8.8 मिलियन मरीज हैं.

World Alzheimers Day 2024
अकेले भारत में 8.8 मिलियन मरीज (ETV BHARAT GFX)

जयपुर : आज 21 सितंबर है. आज के दिन को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है. आम तौर पर यह बीमारी वृद्धावस्था में व्यक्ति को घेरती है. इस बार विश्व अल्जाइमर दिवस की थीम 'डिमेंशिया को जानें, अल्जाइमर को जानें' है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश खंडेलवाल बताते हैं कि पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी अल्जाइमर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया के आंकड़ों की मानें तो भारत में लगभग 8.8 मिलियन लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और भविष्य में इन आंकड़ों में बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि WHO के आंकड़ों की मानें तो पूरे विश्व में करीब 55 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में हैं और हर साल तकरीबन 10 मिलियन नए मामले सामने आ रहे हैं. ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं.

World Alzheimers Day 2024
अल्जाइमर के लक्षण (ETV BHARAT GFX)

इसे भी पढ़ें - कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने अल्जाइमर का पता लगाने वाला बेहतरीन AI टूल बनाया! - New AI tool

इस बीमारी के लक्षण : न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश खंडेलवाल बताते हैं कि अल्जाइमर के लक्षण आमतौर पर 60 साल से अधिक आयु के बाद सामने आते हैं. हालांकि कुछ मामलों में युवावस्था में भी अल्जाइमर के मामले सामने आए हैं और इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है. इसके अलावा अन्य कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो मरीज में देखने को मिलते हैं. इसमें रोजमर्रा के कामकाज व्यक्ति भूल जाता है.

तेजी से याददाश्त कमजोर होने लगती है. अचानक नींद में कमी आ जाती है. एक ही बात को मरीज बार-बार दोहराता है. मरीज छोटी-छोटी बातों पर फोकस नहीं कर पाता. कपड़े पहनने में काफी दिक्कत होती है. डॉ. दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, जिसके कारण परिवार में अन्य लोगों को भी काफी समस्या होती है.

इसे भी पढ़ें - कम उम्र के डायबिटीज पीड़ितों को बाद में इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है - Early Diabetes Effects

क्या है अल्जाइमर का उपचार : डॉ. दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि धीरे-धीरे अल्जाइमर जैसी बीमारी का उपचार काफी आसान हो गया है. हालांकि, भारत में अभी भी एडवांस दवाइयां उपलब्ध नहीं है, जबकि संपन्न देशों में एक खास तरह की दवाई बनाई गई हैं, जो अल्जाइमर को खत्म कर देती हैं. हालांकि, प्रारंभिक दौर में इसका इलाज काफी महंगा है.

फिर भी उपचार की बात की जाए तो परिवार में 60 साल से अधिक की उम्र के व्यक्ति का ध्यान रखना काफी जरूरी है और अल्जाइमर से जुड़े लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए. इसके अलावा छोटी-छोटी बातों को याद रखने के लिए मरीज को एक डायरी मेंटेन करनी चाहिए. साथ ही योग, फिजिकल एक्सरसाइज भी काफी जरूरी है और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए.

जयपुर : आज 21 सितंबर है. आज के दिन को विश्व अल्जाइमर दिवस के रूप में मनाया जाता है. आम तौर पर यह बीमारी वृद्धावस्था में व्यक्ति को घेरती है. इस बार विश्व अल्जाइमर दिवस की थीम 'डिमेंशिया को जानें, अल्जाइमर को जानें' है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश खंडेलवाल बताते हैं कि पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी अल्जाइमर के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है.

लॉन्गिट्यूडिनल एजिंग स्टडी ऑफ इंडिया के आंकड़ों की मानें तो भारत में लगभग 8.8 मिलियन लोग अल्जाइमर से पीड़ित हैं और भविष्य में इन आंकड़ों में बढ़ोतरी हो सकती है. जबकि WHO के आंकड़ों की मानें तो पूरे विश्व में करीब 55 मिलियन लोग इस बीमारी की चपेट में हैं और हर साल तकरीबन 10 मिलियन नए मामले सामने आ रहे हैं. ये आंकड़े काफी चौंकाने वाले हैं.

World Alzheimers Day 2024
अल्जाइमर के लक्षण (ETV BHARAT GFX)

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इस बीमारी के लक्षण : न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. दिनेश खंडेलवाल बताते हैं कि अल्जाइमर के लक्षण आमतौर पर 60 साल से अधिक आयु के बाद सामने आते हैं. हालांकि कुछ मामलों में युवावस्था में भी अल्जाइमर के मामले सामने आए हैं और इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति की याददाश्त कमजोर होने लगती है. इसके अलावा अन्य कुछ ऐसे लक्षण हैं, जो मरीज में देखने को मिलते हैं. इसमें रोजमर्रा के कामकाज व्यक्ति भूल जाता है.

तेजी से याददाश्त कमजोर होने लगती है. अचानक नींद में कमी आ जाती है. एक ही बात को मरीज बार-बार दोहराता है. मरीज छोटी-छोटी बातों पर फोकस नहीं कर पाता. कपड़े पहनने में काफी दिक्कत होती है. डॉ. दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि अल्जाइमर से पीड़ित व्यक्ति दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं, जिसके कारण परिवार में अन्य लोगों को भी काफी समस्या होती है.

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क्या है अल्जाइमर का उपचार : डॉ. दिनेश खंडेलवाल का कहना है कि धीरे-धीरे अल्जाइमर जैसी बीमारी का उपचार काफी आसान हो गया है. हालांकि, भारत में अभी भी एडवांस दवाइयां उपलब्ध नहीं है, जबकि संपन्न देशों में एक खास तरह की दवाई बनाई गई हैं, जो अल्जाइमर को खत्म कर देती हैं. हालांकि, प्रारंभिक दौर में इसका इलाज काफी महंगा है.

फिर भी उपचार की बात की जाए तो परिवार में 60 साल से अधिक की उम्र के व्यक्ति का ध्यान रखना काफी जरूरी है और अल्जाइमर से जुड़े लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए. इसके अलावा छोटी-छोटी बातों को याद रखने के लिए मरीज को एक डायरी मेंटेन करनी चाहिए. साथ ही योग, फिजिकल एक्सरसाइज भी काफी जरूरी है और पर्याप्त नींद लेनी चाहिए.

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